पंचकूला रजनी हत्याकांड: हत्यारे पति वकील, प्रेमिका और जीजा की पूरी जिंदगी सलाखों के पीछे कटेगी, पढ़ें कोर्ट का फैसला
पंचकूला में एडवोकेट मनमोहन उसकी प्रेमिका मोनिका और उसके जीजा संदीप को पत्नी रजनी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अदालत ने हत्या की साजिश रचने के लिए उन्हें अलग-अलग धाराओं के तहत दोषी ठहराया और जुर्माना भी लगाया। अदालत ने कहा कि यह हत्या पूर्व नियोजित थी जिसमें रजनी का अपहरण कर बेरहमी से हत्या की गई थी।

जागरण संवाददाता, पंचकूला। प्रेम में रोड़ा बनी पत्नी के हत्यारे वकील, उसकी प्रेमिका और उसके जीजा की पूरी जिंदगी अब सलाखों के पीछे कटेगी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बिक्रमजीत अरोड़ा की अदालत ने सेक्टर-19 निवासी एडवोकेट मनमोहन, उसकी प्रेमिका मोनिका और उसके जीजा संदीप को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
जज ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हत्या पूर्व नियोजित साजिश के तहत की गई थी और महिला की बेरहमी से हत्या कर शव को ठिकाने लगाया गया। तीनों दोषियों को हत्या की साजिश रचने और उसे अंजाम देने के जुर्म में अलग-अलग धाराओं के तहत सजा और जुर्माना लगाया है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
हत्याकांड की पृष्ठभूमि बेहद चौंकाने वाली
इस हत्याकांड की पृष्ठभूमि बेहद चौंकाने वाली रही। दरअसल, एडवोकेट मनमोहन और मनीमाजरा में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली मोनिका के बीच लंबे समय से प्रेम संबंध थे। दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन मनमोहन की पत्नी रजनी उनके रिश्ते में रोड़ा बन रही थी। इसी कारण मनमोहन, मोनिका और उसके जीजा संदीप ने मिलकर रजनी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।
पहले पत्नी का शव दफनाया, फिर कुत्ते का शव दबाया
पुलिस जांच में सामने आया था हत्या के दिन मोनिका ने रजनी को सेक्टर-5 स्थित यवनिका पार्क में बुलाया था, जहां पहले से संदीप मौजूद था। दोनों ने रजनी को कार में बैठाया और रस्सी से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को सेक्टर-23 स्थित डंपिंग ग्राउंड में दबा दिया गया। बाद में मोनिका ने मनमोहन को शव दफनाने की जानकारी दी तो उसने ऐतराज जताया। इसके बाद मनमोहन खुद डंपिंग ग्राउंड पहुंचा और शव निकालकर कहीं और ठिकाने लगा दिया तथा पुलिस को गुमराह करने के लिए वहां कुत्ते का शव दबा दिया। पुलिस को शुरुआती खोदाई में रजनी के जूते तो मिले, लेकिन रजनी के बजाय कुत्ते का शव मिला था।
शुरुआती जांच में ही वकील पर हो गया था पुलिस को शक
इस मामले में शुरूआती जांच के दौरान ही पुलिस को मनमोहन पर शक हुआ, लेकिन पेशे से वकील होने के चलते पुलिस पुख्ता सबूत मिलने तक खुलकर कार्रवाई नहीं करना चाहती थी। 16 जनवरी, 2018 को जब रजनी के बच्चे स्कूल से लौटे और मां को घर में न पाकर पिता को जानकारी दी तो मनमोहन ने आसपास व रिश्तेदारों के घर जाकर पत्नी की तलाश का दिखावा किया।
पुलिस जांच और काॅल डिटेल्स के आधार पर पुलिस ने मोनिका और संदीप को गिरफ्तार किया था। मोनिका व संदीप की गिरफ्तारी के बाद सच सामने आ गया था। करीब साढ़े सात साल चली सुनवाई के बाद मंगलवार को अदालत ने तीनों को दोषी करार देते हुए कड़ी सजा सुनाई।
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