Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    सेवा में खामी! पंचकूला में पोस्ट ऑफिस के कर्मियों ने बिना अनुमति एचयूएफ पीपीएफ खाता बदला, अब ब्याज सहित भुगतान करना होगा

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 05:11 PM (IST)

    पंचकूला पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों ने बिना अनुमति के एचयूएफ पीपीएफ खाते में बदलाव किया। इस अनधिकृत कार्यवाही के कारण खाताधारकों को नुकसान हुआ। अब पोस्ट ऑफिस विभाग ने कर्मचारियों को ब्याज सहित पूरी राशि वापस करने का आदेश दिया है, जिससे खाताधारकों को राहत मिलेगी।

    Hero Image

    उपभोक्त फोरम ने डाकघर को सेवा में खामी का दोषी पाया।

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। उपभोक्ता फोरम ने एक मामले में डाक विभाग को सेवा में खामी का दोषी ठहराते हुए सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीके कौशल के कानूनी वारिसों को ब्याज सहित भुगतान करने के आदेश दिए हैं। फोरम ने पाया कि विभाग के कर्मचारियों ने शिकायतकर्ता के एचयूएफ पीपीएफ खाते को उसकी जानकारी और सहमति के बिना व्यक्तिगत खाते में परिवर्तित कर दिया था, जिससे उन्हें वित्तीय नुकसान हुआ।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    शिकायतकर्ता ने 16 जून 2004 को सेक्टर-8, पंचकूला स्थित उप डाकघर में एचयूएफ पीपीएफ खाता खोला था। इस खाते में शुरुआती निवेश 50,000 रुपये का किया गया था और बाद में नियमित अंतराल पर जमा होता रहा। शिकायतकर्ता ने कभी भी खाते से कोई निकासी नहीं की। 18 अप्रैल 2023 को जब वह 1,40,000 रुपये जमा करने गए तो तत्कालीन महिला पोस्ट मास्टर ने बताया कि यह योजना समाप्त हो चुकी है और खाता बंद करना होगा। शिकायतकर्ता ने उसी दिन खाता बंद करने का आवेदन दे दिया।

    बाद में जब शिकायतकर्ता ने 2 मई 2023 को जानकारी ली तो नया पोस्ट मास्टर मनोज ने बताया कि यह खाता 1 अप्रैल 2025 को परिपक्व होगा और उसमें अभी और राशि जमा की जा सकती है। परंतु नई पासबुक देखने पर पता चला कि खाते को 2015 में एचयूएफ से व्यक्तिगत खाते में परिवर्तित कर दिया गया था। यह परिवर्तन बिना शिकायतकर्ता की जानकारी और सहमति के किया गया था।

    फोरम में दी शिकायत में यह भी बताया कि सरकार की अधिसूचना वर्ष 2010 के अनुसार, 13 मई 2005 से पहले खोले गए एचयूएफ पीपीएफ खाते को 1 अप्रैल 2020 तक बंद कर देना चाहिए था और संपूर्ण राशि वापस करनी थी, लेकिन डाक विभाग ने ऐसा नहीं किया। शिकायतकर्ता ने 4 जुलाई 2023 को कानूनी नोटिस भेजा, जिसके जवाब में विभाग ने माना कि 2015 में साॅफ्टवेयर अपग्रेडेशन के दौरान खाता स्वतः व्यक्तिगत खाते में बदल दिया गया।

    शिकायतकर्ता शिकायत में आरोप लगाया कि इस परिवर्तन से न केवल उसके साथ धोखाधड़ी हुई बल्कि 16 जून 2019 से 2 अगस्त 2023 तक का ब्याज भी उसे नहीं दिया गया। विभाग ने 2 अगस्त 2023 को खाते की बंदी पर केवल 15,29,828 रुपये का भुगतान किया, जबकि खाते में कुल 22,06,239 रुपये जमा थे।

    डाक विभाग ने बचाव में कहा कि 2005 के बाद एचयूएफ खातों पर रोक लगा दी गई थी और शिकायतकर्ता को यह जानकारी होनी चाहिए थी। विभाग का कहना था कि 2020 में शिकायतकर्ता को खाता बंद करने के लिए कहा गया था, पर उसने स्वयं इसे व्यक्तिगत खाते के रूप में जारी रखा। फोरम ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पाया कि डाक विभाग ने बिना अनुमति के एचयूएफ खाता व्यक्तिगत खाते में परिवर्तित किया और समय पर ब्याज नहीं दिया, जो सेवा में स्पष्ट कमी है।

    फोरम ने आदेश दिया कि डाक विभाग शिकायतकर्ता के कानूनी वारिसों को 6,76,409 रुपये की ब्याज राशि का भुगतान करे। इसके अलावा 1 अप्रैल 2023 से 1 अगस्त 2023 तक की अवधि के लिए लागू ब्याज दर के अनुसार ब्याज भी दिया जाए। फोरम ने मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए 10,000 रुपये का मुआवजा और 5,500 रुपये मुकदमेबाजी खर्च के रूप में देने के भी आदेश दिए। फोरम ने निर्देश दिया कि आदेश की प्रति मिलने के 45 दिनों के भीतर अनुपालन किया जाए, अन्यथा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 71 और 72 के तहत कार्रवाई शुरू की जाएगी।