पंचकूला में प्रदूषण ने बढ़ाई चिंता! हवा में बेहद सूक्ष्म कण, फेफड़ों को लंबे समय तक पहुंचा सकते हैं नुकसान
पंचकूला में प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है, जहां हवा में सांस लेना प्रतिदिन 5 सिगरेट पीने के बराबर है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) लगातार गंभीर श्रेणी में बना हुआ है, जिससे फेफड़ों और हृदय पर बुरा असर पड़ रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। बारिश होने पर ही प्रदूषण से राहत मिलने की उम्मीद है।

पंचकूला के मौजूदा पीएम 2.5 स्तरों के आधार पर यहां की हवा में काफी प्रदूषण है।
जागरण संवाददाता, पंचकूला। पंचकूला की हवा में प्रदूषण का स्तर चिंता का विषय बना हुआ है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के ताजा आंकड़े बताते हैं कि शहर की हवा में सांस लेना रोजाना औसतन 5 सिगरेट पीने जितना नुकसानदेह हो गया है।
एक्यूआई के आंकड़े दर्शाते हैं कि हवा में सूक्ष्म कण की मात्रा बेहद अधिक हैडाॅक्टरों का कहना है कि प्रदूषण का यह स्तर फेफड़ों, हृदय और श्वसन तंत्र पर गंभीर असर डाल रहा है। नवंबर के पहले सप्ताह में पंचकूला का एक्यूआई लगातार गंभीर श्रेणी में दर्ज हो रहा है।
बर्कले अर्थ की रिपोर्ट के अनुसार, पंचकूला के मौजूदा पीएम 2.5 स्तरों के आधार पर यहां की हवा में काफी प्रदूषण है, जोकि एक हफ्ते में लगभग 35 सिगरेट और पूरे महीने में 150 सिगरेट का असर शरीर पर पड़ रहा है।
ऐसा रहा एक्यूआई
- 1 नवंबर 207
- 2 नवंबर 237
- 4 नवंबर 204
- 5 नवंबर 194
- 6 नवंबर 219
बारिश के बाद आएगी कमी
मौसम विभाग के अनुसार बारिश होने के बाद ही शहर के एक्यूआइ स्तर में कमी आएगी। अभी फिलहाल हवा में बढ़ता प्रदूषण कई कारणों से है। पंजाब और हरियाणा के कुछ इलाकों में पराली जलाने की शुरुआत हो चुकी है, जिसका सीधा असर पंचकूला सहित आसपास के क्षेत्रों की वायु गुणवत्ता पर पड़ रहा है। इसके अलावा, वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण स्थलों की धूल, और मौसम में नमी की कमी मिलकर हवा को और दूषित कर रहे हैं।
अस्पताल में रोजाना आ रहे सांस की तकलीफ के मरीज
सिविल अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल आफिसर डाॅ. आरएस चौहान ने बताया कि इस समय सांस लेने में दिक्कत, खांसी, आंखों में जलन और एलर्जी जैसी शिकायतों में इजाफा हुआ है। पिछले कुछ दिनों में सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या करीब 20 प्रतिशत बढ़ी है। चिकित्सकों का कहना है कि यह प्रदूषण बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है
संख्या के अनुसार तय होता है कम और बेहद खतरनाक लेवल
एयर क्वालिटी इंडेक्स एक स्केल है जो हवा में मौजूद प्रदूषकों की मात्रा को दर्शाता है। यह स्केल 0 से 500 तक होता है।
- 0–50: अच्छी हवा
- 51–100: संतोषजनक
- 101–200: हल्की प्रदूषित
- 201–300: गंभीर
- 301–500: बेहद खतरनाक

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