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    सोशल मीडिया यूजर्स हो जाएं सावधान! भड़काऊ पोस्ट डाली या फारवर्ड की तो खैर नहीं, पंचकूला पुलिस रख रही पैनी नजर

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 07:04 PM (IST)

    पंचकूला पुलिस सोशल मीडिया पर धर्म और जाति के नाम पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी। पुलिस 24 घंटे इंटरनेट मीडिया पर नजर रख रही है ताकि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे। साइबर सेल लगातार निगरानी कर रही है और नागरिकों से ऐसी पोस्ट की सूचना देने की अपील की गई है। भड़काऊ पोस्ट डालने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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     साइबर माॅनिटरिंग टीम इंटरनेट से जुड़े सभी प्लेटफाॅर्म पर 24 घंटे निगरानी कर रही।

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। आईपीएस अधिकारी वाई पूरन के आत्महत्या किए जाने के बाद आए दिन किसी समाज तो किसी खाप की ओर से बयानबाजी आ रही है। इसके कारण आक्रोश फैलने का भय बना रहता है। इसी को देखते हुए पंचकूला डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने साइबर माॅनिटरिंग टीम का गठन किया है। यह टीम इंटरनेट से जुड़े सभी प्लेटफाॅर्म पर 24 घंटे निगरानी कर रही है। अगर कोई भी धर्म या जाति के नाम पर भड़काऊ पोस्ट करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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    डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने कहा कि न केवल पोस्ट करने वाला दोषी माना जाएगा बल्कि उसको फाॅरवर्ड करने वाला भी बराबर दोषी माना जाएगा।
    डीसीपी ने बताया कि पंचकूला पुलिस ने सोशल मीडिया पर निगरानी के लिए एक विशेष साइबर माॅनिटरिंग टीम गठित की है, जो 24 घंटे सक्रिय रहकर हर प्लेटफार्म वाॅट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब आदि पर नजर रख रही है।

    इस टीम का उद्देश्य समाज में शांति, सौहार्द और कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर नफरत, अफवाह, या दहशत फैलाने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट व भारतीय न्याय संहिता की संगीन धाराओं के तहत तुरंत मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी।

    एडमिन को रखनी होगी ग्रुप में निगरानी

    वाट्सएप पर बनाए गए ग्रुप के एडमिन को अपने ग्रुपों में निगरानी रखनी होगी। अगर इस तरह की कोई गतिविधि पाई जाती है तो उसकी सूचना पुलिस को देनी होगी। अगर ग्रुप एडमिन ऐसा नहीं करता है बाद में पुलिस को निगरानी के दौरान यह पता चल जाता है तो ग्रुप एडमिन को भी उसके लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। इसके साथ ही अनावश्यक कमेंट, लाइक या फारवर्ड करने वालो को भी पुलिस कानून के दायरे मे लाएगी।

    फर्जी खबर डालने पर बढ़ सकती है परेशानी

    आमतौर पर इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर कोई फर्जी पोस्ट कर देता है। लोग उसको रिपोस्ट और शेयर करते चले जाते हैं। इस तरह एक झूठी खबर को लोग सच मान लेते हैं। ऐसे में अगर कोई फर्जी खबर को डालने या फारवर्ड करने का दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने कहा कि  इंटरनेट मीडिया पर आजादी के साथ जिम्मेदारी भी जरूरी है। कोई भी व्यक्ति यदि समाज की शांति व सद्भावना भंग करेगा, तो उसे कानून का सामना करना पड़ेगा। इसलिए भड़काऊ पोस्ट डालने या फारवर्ड करने से पहले सोचें, वरना कार्रवाई तय है।