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    पंचकूला में कमर्शियल प्लाट दिलाने के नाम पर 48 लाख की ठगी, खुद को RAW एजेंट बताकर धमकी देने वाली महिला गिरफ्तार

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 06:50 PM (IST)

    पंचकूला में कमर्शियल प्लाट दिलाने के नाम पर 48 लाख की ठगी के मामले में पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि महिला ने शिकायतकर्ता से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पैसे लिए और बाद में रजिस्ट्री नहीं कराई। पैसे वापस मांगने पर महिला ने खुद को रा एजेंट बताकर जान से मारने की धमकी दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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    खुद को RAW एजेंट बताकर 48 लाख की ठगी करने वाली महिला गिरफ्तार (फोटो: जागरण)

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। फर्जी दस्तावेज तैयार करने और जीरकपुर में कमर्शियल प्लाट दिलाने के नाम पर 48 लाख की ठगी करने वाले गिरोह में महिला आरोपित को कुरुक्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। आरोपित की पहचान सेक्टर-27 निवासी अंजू उर्फ अंजली के रूप में हुई है। उसने इसी वर्ष 31 जुलाई को पंचकूला वासी शिकायतकर्ता से 48 लाख रुपये की ठगी की थी। उसके साथ धोखाधड़ी की और उसको धमकी दी थी।

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    पुलिस को दी गई शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि वर्ष 2019 में उनकी मुलाकात अंजू उर्फ अंजली से हुई थी, जब उनके बच्चे एक ही स्कूल में पढ़ते थे। इसी कारण इनकी नजदीकियां बढ़ी। जनवरी 2023 में अंजू और अनिल ने शिकायतकर्ता व उसके पति को जीरकपुर स्थित एक प्रापर्टी दिखाई।

    वह प्रापर्टी यादविंदर सिंह निवासी जीरकपुर की बताई गई। कहा गया कि प्रापर्टी की मार्केट वेल्यू बहुत अधिक है, लेकिन उन्हें विशेष संबंधों के चलते यह 1.50 करोड़ में मिल सकती है। इस सौदे के लिए शिकायतकर्ता से कहा गया कि वे अग्रिम राशि के रूप में 38 लाख जमा करें।

    उन्होंने 17 फरवरी 2023 को आरोपितों को 38 लाख रुपये दे दिए। इसके बाद एक एग्रीमेंट टू सेल दिखाया गया, जिसमें केवल विक्रेता का नाम दर्ज था। बाद में आरोपितों ने कहा कि नया एग्रीमेंट 17 अप्रैल 2023 को हुआ है और दबाव डालकर शिकायतकर्ता से उस पर हस्ताक्षर कराए गए।

    जब 19 जून 2023 को रजिस्ट्री की तारीख तय हुई, तो आरोपितों ने बहाना बनाया कि अनिल कुमार बाहर हैं और रजिस्ट्री नहीं हो सकती। आरोप है कि अगस्त 2023 में आरोपितों ने एनओसी और अन्य कागजात के नाम पर 10 लाख और ले लिए। इसके बाद भी जब कई महीनों तक रजिस्ट्री नहीं हुई तो शिकायतकर्ता ने वास्तविक स्थिति जांचनी चाही और तब पता चला कि न तो प्रापर्टी किसी यादविंदर सिंह नामक व्यक्ति की है और न ही किसी प्रकार की बिक्री प्रक्रिया जारी थी।

    डीसीपी के अनुसार आरोपितों ने 10 अक्टूबर 2024 को शिकायतकर्ता को 24 लाख के दो पोस्ट डेट चेक दिए जो कि बाउंस हो गए। जांच में यह भी पाया गया कि एग्रीमेंट को नोटरी से सत्यापित नहीं किया गया था और जिस पते पर विक्रेता का नाम दर्ज था, वहां ऐसा कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था।

    शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया था कि जब उसने अपने पैसे वापस मांगने की कोशिश की, तो आरोपितों ने खुद को रा एजेंट बताते हुए जान से मारने की धमकी दी और कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर परिणाम गंभीर होंगे। गिरफ्तार महिला को अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। मामले की जांच जारी है।