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    शुरू हुई पंचकूला नगर निगम चुनाव की तैयारी, महापौर पद के आरक्षण के लिए होने वाली बैठक क्यों हुई स्थगित?

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 11:55 AM (IST)

    पंचकूला नगर निगम चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है। 5 जनवरी 2026 को कार्यकाल खत्म होने से पहले सभी पार्टियां सक्रिय हैं। महापौर पद के आरक्षण के लिए होने वाली बैठक स्थगित हो गई है, जिससे महिला वार्डों को लेकर अनिश्चितता है। सेक्टर-21 में भाजपा के कई दावेदार हैं। इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला होने की संभावना है। फर्जी वोटर का मुद्दा भी उठाया जा रहा है।

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    नगर निगम महापौर पद का आरक्षण तय करने वाली बैठक स्थगित (फाइल फोटो)

    राजेश मलकानियां, पंचकूला। नगर निगम चुनाव की आहट के साथ ही राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। 5 जनवरी 2026 को नगर निगम पंचकूला का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, ऐसे में सभी राजनीतिक दल भाजपा, कांग्रेस, इंडियन नेशनल लोकदल, जेजेपी और आम आदमी पार्टी चुनावी मोड में आ चुके हैं।

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    सोमवार 1 दिसंबर 2025 को शहरी स्थानीय निकाय विभाग (यूएलबी) निदेशालय में पंचकूला, अंबाला और सोनीपत के लिए महापौर पद के आरक्षण का ड्रा आफ़ लाट होना था, लेकिन यह बैठक अब स्थगित कर दी गई है। नई तिथि जल्द घोषित किए जाने की संभावना है। राजनीतिक दलों की निगाहें अब अगली तारीख पर टिकी हैं।

    आरक्षण प्रक्रिया स्थगित होने के बाद महिला आरक्षित वार्डों को लेकर भी अनिश्चितता बढ़ गई है। माना जा रहा है कि महिला वार्डों में बदलाव संभव है, क्योंकि आरक्षण ड्रा के जरिए ही तय किए जाएंगे। जिन वार्डों में पुरुष दावेदार अधिक संख्या में टिकट मांग रहे हैं, वहां प्रमुख दल चाहते हैं कि वार्ड आरक्षित हो जाए, ताकि टिकट को लेकर विवाद कम हो सके।

    सेक्टर21 का वार्ड भाजपा के लिए चुनौती बना हुआ है, जहाँ 10 से अधिक दावेदार टिकट की कतार में हैं। यह इलाका बणिया बहुल होने के कारण पार्टी की अंदरूनी जद्दोजहद भी बढ़ी हुई है।

    मौजूदा महापौर कुलभूषण गोयल का कार्यकाल समाप्ति की ओर है, लेकिन इस पूरे कार्यकाल में निगम को वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर नहीं मिल पाए। कई बैठकों के बावजूद यह पद रिक्त ही रहे। अब देखना यह है कि नए कार्यकाल में आरक्षण किस दिशा में जाता है और क्या महापौर पद आरक्षित होता है या नहीं।

    इस बार निगम चुनाव में सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। दोनों दलों में टिकट को लेकर खींचतान भी तेज हो चुकी है। वहीं इनेलो, जेजेपी और आप कितनी वोट बैंक में सेंध लगा पाते हैं, यह भी चुनावी तस्वीर को प्रभावित करेगा।

    फर्जी वोटरों का मुद्दा चुनाव से पहले सबसे बड़ी बहस बन चुका है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता इस मामले को लेकर हाई कोर्ट पहुंच चुके हैं। मौजूदा विधायक चंद्रमोहन का भी दावा है कि पंचकूला में करीब 40,000 फर्जी वोटर दर्ज हैं, जिन्हें तुरंत हटाया जाना चाहिए।

    भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है। महापौर पद के संभावित चेहरों पर भी पार्टी में मंथन जारी है। ड्रा आफ़ लाट की नई तारीख घोषित होने के बाद तस्वीर और स्पष्ट होने की उम्मीद है।

    पंचकूला, अंबाला और सोनीपत में से एक शहर का महापौर पद इस बार बैक्वर्ड क्लासबी (BC–B) के लिए आरक्षित किया जाना है। इस श्रेणी में अहीर/यादव, गुर्जर, लोध/लोधा/लोधी, सैनी, मौर्य, मेव, गोसाई समेत कई जातियां शामिल हैं। ड्रा स्थगित होने के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि तीनों शहरों में से किसे यह श्रेणी मिलेगी।