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    हरियाणा में अनोखा मामला, इस जिले की निगम के कार्यकाल का डेढ़ महीना शेष, आज तक सीनियर और डिप्टी मेयर नहीं

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Mon, 17 Nov 2025 12:02 PM (IST)

    हाईकोर्ट के आदेश और सरकार के आश्वासन के बाद भी पंचकूला नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है। यह हरियाणा में अनोखा मामला है। निगम का कार्यकाल अब केवल डेढ़ महीने बचा है। कानून में स्पष्ट समय-सीमा न होने के कारण चुनाव टलते रहे हैं। अंबाला, पंचकूला और सोनीपत में एक साथ चुनाव हुए थे, लेकिन पंचकूला में डिप्टी मेयर का पद अभी तक रिक्त है।

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    जागरण संवाददाता, पंचकूला। नगर निगम पंचकूला का पांच वर्षीय कार्यकाल अब महज डेढ़ महीना शेष है, लेकिन सीनियर डिप्टी मेयर (वरिष्ठ उप महापौर) और डिप्टी मेयर (उप महापौर) के चुनाव आज तक नहीं हो सके हैं। यह हरियाणा में एक अनोखा मामला है।

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    पिछले वर्ष पंचकूला में दोनों पदों पर चुनाव न कराने के खिलाफ दायर रिट याचिका में हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट को सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद कोर्ट ने 24 जुलाई 2024 को मामला निपटा दिया।

    इसके बावजूद न तो सितंबर तक और न ही बाद में तय की गई संशोधित तिथि (पिछले साल नवंबर) में चुनाव संभव हो पाया। नवंबर में तो यह चुनाव इसलिए टालना पड़ा कि चुनाव के लिए नियुक्त रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) एवं नगर निगम की संयुक्त आयुक्त अचानक अस्वस्थ हो गईं। विपक्ष कांग्रेस ने इसे लेकर गंभीर सवाल उठाए थे।

    60 दिन की समय-सीमा सिर्फ नियमावली में, कानून में नहीं

    एडवोकेट और नगर निकाय कानून विशेषज्ञ हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। हालांकि हरियाणा नगर निगम निर्वाचन नियमावली, 1994 में यह व्यवस्था है कि निगम गठन के 60 दिनों के भीतर इन दोनों पदों का चुनाव कराया जाए, परंतु यह प्रविधान प्रभावी साबित नहीं हो पा रहा।

    नगर परिषदों और नगरपालिकाओं में सख्त प्रविधान, 6 महीने में चुनाव जरूरी

    हेमंत के अनुसार वर्ष 2019 में हरियाणा नगरपालिका कानून, 1973 में जोड़ी गई धारा 18A के तहत नगर परिषदों और नगरपालिकाओं में नव-निर्वाचित सदन के गठन के अधिकतम 6 महीने के भीतर उपाध्यक्ष का चुनाव अनिवार्य है। यदि यह चुनाव 6 महीने में नहीं होता, तो संबंधित निकाय को स्वतः भंग माना जाता है। वे मानते हैं कि इसी प्रकार का स्पष्ट और कठोर प्रविधान हरियाणा नगर निगम कानून, 1994 में भी जोड़ा जाना चाहिए, ताकि निगमों में चुनाव टालने की प्रवृत्ति रुक सके।

    2020 के चुनावों के बाद मेयर तो बने, पर डिप्टी मेयर आज तक नहीं

    अंबाला, पंचकूला और सोनीपत के नगर निगमों में दिसंबर 2020 में एक साथ चुनाव हुए थे। पंचकूला में 5 जनवरी 2021 को प्रत्यक्ष चुने गए मेयर कुलभूषण गोयल ने पद की शपथ ली। लेकिन सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद आज तक रिक्त पड़ा है, जो प्रदेश के किसी भी निगम में अब तक का सबसे अनोखा मामला माना जा रहा है।