दीवाली की रात पंचकूला की आबोहवा में घुला धीमा जहर, 366 पार पहुंचा AQI, सांस लेने लायक नहीं शहर
दीवाली की रात पंचकूला की हवा जहरीली हो गई, AQI 366 तक पहुंच गया। प्रशासन ने पटाखे जलाने का समय तय किया था, फिर भी देर रात तक पटाखे जलते रहे। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड और अन्य कारणों से प्रदूषण बढ़ रहा है। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभावों के बारे में चेतावनी दी है। यह स्थिति चिंताजनक है।

पंचकूला में दिवाली के बाद जहरीली हवा, AQI खतरनाक स्तर पर (File Photo)
जागरण संवाददाता, पंचकूला। दीवाली की रात पंचकूला की हवा सांस लेने लायक नहीं रही। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) दीवाली की रात 12 बजे 366 के स्तर तक पहुंच गया, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।
प्रशासन की ओर से पटाखे जलाने का समय रात 8 से 10 बजे तक ही तय किया गया था, लेकिन निर्धारित समय के बाद भी देर रात तक पटाखे जलते रहे, जिससे प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ गया।
सोमवार दोपहर तक शहर का एक्यूआई स्तर 175 था, जो शाम होते-होते 209 पर पहुंच गया। रात 9 बजे यह 245 हो गया और मध्यरात्रि तक बढ़कर 366 तक पहुंच गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, यह स्तर सांस संबंधी बीमारियों वाले लोगों के लिए अत्यंत खतरनाक माना जाता है।
हवा में घुला जहर
विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड बढ़ने के साथ हवा की गति धीमी पड़ गई है, जिससे प्रदूषक तत्व वातावरण में फंस रहे हैं। इसके साथ ही वाहनों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यों से उड़ती धूल, पराली जलाने की घटनाएं और दीवाली पर पटाखों से हुआ धुआं ये सभी कारण हवा को जहरीला बना रहे हैं।
अक्टूबर में लगातार गिरती रही वायु गुणवत्ता
पंचकूला में अक्टूबर की शुरुआत में हवा की गुणवत्ता बेहतर थी। 7 अक्टूबर को एक्यूआई 56 दर्ज किया गया था, जो मध्यम श्रेणी में आता है। इसके बाद एक्यूआई में लगातार बढ़ोतरी दर्ज हुई 8 अक्टूबर को 93, 9 अक्टूबर को 117, 10 अक्टूबर को 120, 12 अक्टूबर को 149, 13 अक्टूबर को 161, 15 अक्टूबर को 172 और 16 अक्टूबर को 187 दर्ज किया गया।
दीवाली की रात यानी 20 अक्टूबर को यह बढ़कर 366 तक पहुंच गया, जिससे यह साफ संकेत मिला कि शहर की हवा अब बेहद खराब स्थिति में पहुंच चुकी है।
कब कितना खतरनाक होता है एक्यूआई
- 0-50: अच्छा
- 51-100: संतोषजनक
- 101-200: मध्यम
- 201-300: खराब
- 301-400: बहुत खराब
- 401-500: गंभीर
स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि बढ़ता एक्यूआई स्तर लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकता है। इससे सांस की बीमारियां, खांसी, आंखों में जलन, गले में खराश और एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और अस्थमा के मरीजों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। चिकित्सकों ने कहा है कि इस मौसम में सुबह और शाम खुले में व्यायाम से बचना चाहिए, क्योंकि उस समय हवा में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा रहता है।
दीवाली के बाद पंचकूला की हवा में घुला यह जहर चिंता का विषय है। अगर प्रशासन और नागरिक दोनों स्तरों पर ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में यह स्थिति और भी भयावह हो सकती है।
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