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    पंचकूला कोर्ट का कड़ा रुख, लोन नहीं भरा तो होगा घर नीलाम

    पंचकूला कोर्ट ने एसबीआई की याचिका पर सुनवाई करते हुए राधे सोनी को तीन महीने में 1048244 रुपये का होम लोन चुकाने का आदेश दिया है। 2008 में लिए गए लोन की किस्तें समय पर न चुकाने पर खाता एनपीए घोषित हो गया था। अदालत ने कहा कि भुगतान न करने पर बैंक संपत्ति नीलाम कर बकाया वसूल सकता है।

    By Akhil Vohra Edited By: Sohan Lal Updated: Sun, 24 Aug 2025 06:32 PM (IST)
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    पंचकूला कोर्ट का फैसला, लोन चुकाने के लिए दिया तीन महीने का समय।

    अखिल वोहरा, पंचकूला। पंचकूला की अदालत ने स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआई) द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करते हुए बैंक के पक्ष में आदेश जारी किया है। अदालत ने मोहाली निवासी राधे सोनी को निर्देश दिया है कि वह तीन महीने के भीतर बैंक को 10,48,244 रुपये का बकाया होम लोन की रकम और ब्याज चुकाए। यदि तय समय में रकम अदा नहीं की गई तो बैंक उनकी गिरवी रखी संपत्ति को नीलाम कर बकाया राशि वसूल करेगा।

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    मामले के अनुसार, राधे सोनी ने वर्ष 2008 में एसबीआई पंचकूला ब्रांच से 10 लाख रुपये का होम लोन लिया था। इस राशि से उन्होंने खरड़ स्थित शिमला अपार्टमेंट्स में एक मकान खरीदा और संपत्ति को बैंक के पास गिरवी रखा।  समय पर किस्तें न चुकाने के कारण उनका खाता 31 मई 2018 को नान परफार्मिंग एसेट (एनपीए) घोषित कर दिया गया।

    बैंक की ओर से कई बार नोटिस भेजने और कानूनी कार्रवाई शुरू करने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया। आखिरकार बैंक ने अदालत में मामला दाखिल कर दिया और रकम की वापसी की मांग की। अब अदालत के आदेश के अनुसार यदि तय अवधि में भुगतान नहीं किया जाता तो बैंक नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर अपनी देनदारी वसूल सकता है।

    समझौते के मुताबिक चुकानी थी 11,100 रुपये की किस्त

    समझौते के अनुसार उन्हें हर माह 11,100 रुपये की किस्त चुकानी थी और ब्याज दर 11 प्रतिशत तय की गई थी। लेकिन समय के साथ राधे सोनी किस्तों का भुगतान करने में असफल रहे और बैंक की कई नोटिसों के बावजूद खाता नियमित नहीं किया।

    कार्यवाही के दौरान राधे सोनी लंबे समय तक अदालत में उपस्थित नहीं हुए और उन्हें कई बार एक्स-पार्टी करार दिया गया। बैंक की ओर से सहायक प्रबंधक ने हलफनामा पेश कर मामले की पैरवी की और सभी संबंधित दस्तावेज अदालत में रखे। इसमें ऋण आवेदन पत्र, लोन एग्रीमेंट, स्टेटमेंट आफ अकाउंट और अन्य प्रमाण शामिल थे।

    अदालत ने पाया कि बैंक ने पर्याप्त साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि राधे सोनी ने ऋण लिया और अदायगी नहीं की। साथ ही, इस बीच प्रतिवादी के खिलाफ सेक्टर 5 थाना, पंचकूला में धोखाधड़ी और गबन की धाराओं (406, 420 आईपीसी) के तहत मामला भी दर्ज है, जो उसके आचरण को और संदिग्ध दर्शाता है।