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    Panchkula: भाजपा नेता रतनलाल कटारिया का निधन, 72 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

    By Jagran NewsEdited By: Narender Sanwariya
    Updated: Thu, 18 May 2023 06:49 AM (IST)

    वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अंबाला से भाजपा उम्मीदवार रतन लाल कटारिया ने तीसरी बार दांव खेला था। तजुर्बे और पुराने चेहरे के चलते ही भाजपा ने सांसद रतनलाल कटारिया को अंबाला लोकसभा आरक्षित सीट से मैदान में उतारा था।

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    Panchkula: भाजपा नेता रतनलाल कटारिया का निधन, 72 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

    पंचकूला, राजेश मलकानियां। पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री एवं अंबाला से सांसद रतन लाल कटारिया का लंबी बीमारी के बाद वीरवार तड़के निधन हो गया। रतन लाल कटारिया पिछले कई दिनों से चंडीगढ़ के पीजीआई में भर्ती थे। कल ही उन्हें मिलने हरियाणा भाजपा के प्रभारी बिपलब देव गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले रतनलाल कटारिया के निधन के बाद हरियाणा में शोक की लहर है। रतन लाल कटारिया पंचकूला के मनसा देवी कंपलेक्स में रहते थे।

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    वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अंबाला से भाजपा उम्मीदवार रतन लाल कटारिया ने तीसरी बार दांव खेला था। तजुर्बे और पुराने चेहरे के चलते ही भाजपा ने सांसद रतनलाल कटारिया को अंबाला लोकसभा आरक्षित सीट से मैदान में उतारा था। हालांकि इसी सीट से राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा से वह लगातार दो बार हार चुके थे, लेकिन वर्ष 2014 के चुनाव में उन्होंने जीत का रिकार्ड बनाया था। वे 1999 में भी इसी सीट से सांसद रह चुके हैं। 2014 में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार वाल्मीकि को हराया था. 2019 में कुमारी सैलजा को हरा कर उन्होंने पुरानी हार का बदला भी ले लिया था।

    अपने लंबे राजनीतिक तजुर्बे और बेदाग छवि के चलते रतन लाल कटारियों को पार्टी ने टिकट दिया था। अंबाला छावनी से विधायक एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और कटारिया के बीच में दूरियां भी रहीं, लेकिन अब जीतने के लिए सभी नेता एक मंच पर आ चुके हैं। राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी, शहर विधायक असीम गोयल, जिलाध्यक्ष जगमोहन कुमार कटारिया के नजदीकी रहे हैं। यही कारण है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के दिल में भी कटारिया ने जगह बना रखी है।

    1980 में बने भाजयुमो उपाध्यक्ष

    रतन लाल कटारिया को 1980 में भाजयुमो का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया।‌इसके बाद वह पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता, प्रदेश मंत्री, अनुसूचित जाति मोर्चा के अखिल भारतीय महामंत्री, भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री तक के सफर के बाद उन्हें जून 2001 से सितंबर 2003 तक भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। 1987-90 में प्रदेश सरकार के संसदीय सचिव एवं हरिजन कल्याण निगम के चेयरमैन बने। जून 1997 से जून 1999 तक वह हरियाणा वेयर हाउसिंग के चेयरमैन रहे।

    1999 में अंबाला से सांसद चुने गए

    6 अक्टूबर 1999 को रतन लाल कटारिया अंबाला से सांसद निर्वाचित हुए थे। हालांकि इसी सीट से राज्यसभा सांसद कुमारी सैलजा से वह लगातार दो बार हार चुके हैं, लेकिन वर्ष 2014 के चुनाव में उन्होंने जीत का रिकार्ड बनाया था. 2014 में उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी राजकुमार वाल्मीकि को हराया था।

    यमुनानगर के गांव संधाली में 19 दिसंबर 1951 को जन्मे रतन लाल कटारिया अब पंचकूला के मनसा देवी कांप्लेक्स में रह रहे हैं। छावनी के एसडी कॉलेज से बीए ऑनर्स करने के बाद केयूके से राजनीति शास्त्र में एमए तथा फिर वहीं से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। कटारिया को राष्ट्र गीत गाने, कविताएं लिखने, शायरी करने और अच्छी पुस्तकों को पढ़ने का भी शौक था। पिता ज्योति राम और माता परिवारी देवी की संतान रतन लाल कटारिया के परिवार में उनकी पत्नी बंतो कटारिया के अलावा एक बेटा तथा दो बेटियां हैं।