मुझे 47 की उम्र में नौकरी मिली, कभी भी सफल हो सकते हैं, पिता की इस बातों का नहीं पड़ा फर्क, बीकॉम में फेल होने पर छात्र ने लगा लिया फंदा
पंचकूला में एक युवक ने बीकॉम में फेल होने के बाद डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर ली। परीक्षा में असफलता के कारण वह मानसिक तनाव में था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

आत्महत्या करने वाले छात्र का फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, पंचकूला। बीकॉम में फेल होने पर एक छात्र ने फंदा लगाकर जान दे दी। वह छह महीने से डिप्रेशन में था। पिता ने उसे बहुत समझाया। यहां तक कहा कि मुझे 47 साल की उम्र में नौकरी मिली है और सफलता कभी भी मिल सकती है। छात्र पर इन बातों का कोई असर नहीं पड़ा और उसने मौत को गले लगा लिया।
सुल्तानपुर गांव निवासी नीतेश पंचकूला सेक्टर-1 स्थित गवर्नमेंट कॉलेज में बीकाॅम का छात्र था। वह पिछले वर्ष फाइनल ईयर परीक्षा के एक पेपर में फेल हो गया था। कंपार्टमेंट तोड़ने के लिए उसने आवेदन किया। दोबारा परीक्षा हुई तो वह फिर से फेल हो गया। इस कारण वह मायूस होकर घर पर ही गुमसुम रहने लगा। डिप्रेशन में चले जाने के कारण परिवार ने उसका मनोरोग उपचार भी शुरू करवा दिया था।
खुद को कमरे में रखता था बंद
नीतेश के पिता राजकुमार ने बताया कि बेटा फेल होने के बाद से अकेला रहने लगा था। वह खुद को कमरे में बंद रखता था। किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। वह बेटे को मोटिवेट करने का प्रयास भी करते रहते थे। लेकिन वह बार-बार फेल होने की बात ही कहता था।
पिता ने खुद का उदाहरण देकर भी समझाया
नीतेश के पिता राजकुमार वर्ष 2020 में डी ग्रुप में नौकरी लगे थे। उनकी पोस्टिंग अंबाला के नगर निगम में है। राजकुमार को जब नौकरी मिली तो उसकी उम्र 47 साल थी। यही बात कह कर राजकुमार नीतेश को समझाया करता था।
राजकुमार ने बताया कि उन्होंने बेटे को कई बार समझाया कि जीवन में सफलता मिलने के लिए कोई निश्चित समय नहीं होता है। एक बार असफल होने के बाद प्रयास करते रहना चाहिए। मगर नीतेश यह बात नहीं समझ पाया और उसने मौत को गले लगा लिया।

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