पंचकूला की एंटी इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट की बड़ी कार्रवाई, तीन एजेंट गिरफ्तार; मोबाइल-लैपटॉप समेत सोना बरामद
पंचकूला में एंटी इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट ने तीन फर्जी इमिग्रेशन एजेंटों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से सोना, मोबाइल और लैपटॉप बरामद हुए हैं। मुख्य आरोपी पर पंजाब और हरियाणा में 26 मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि ये लोग विदेश भेजने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये ठगते थे और अब पुलिस इनके नेटवर्क का पता लगाने में जुटी है।
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पंचकूला की एंटी इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट की बड़ी कार्रवाई। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, पंचकूला। पंचकूला पुलिस की एंटी एमिग्रेशन फ्रॉड युनिट ने विदेश भेजने के नाम पर 100 से ज्यादा लोगो को ठगने वाले शातिर अंतर्राज्यीय गैंग के मास्टरमाइंड समेत तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
एसीपी विक्रम नेहरा ने बताया कि दिनांक 22 जुलाई 2025 को सैक्टर-32 पंचकूला निवासी शिवचरण सिंह ने थाना चंडीमंदिर में शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्होंने बताया कि वे अपने बेटे गुरविंदर सिंह को ऑस्ट्रेलिया भेजना चाहते थे।
इस दौरान उनकी मुलाकात उनके परिचित अंबाला निवासी करतार सिंह के माध्यम से साहिल शर्मा नामक व्यक्ति से हुई, जिसने खुद को ऑस्ट्रेलिया भेजने वाला एजेंट बताया।
साहिल शर्मा ने 14 लाख की मांग की, जिसमें 5 लाख खाते में व 9 लाख नकद लिए गए। शिकायत पर थाना चंडीमंदिर में भारतीय न्याय संहिता की धाराएं 316(2), 318(4), 61(2), 338, 336(3), 340(2) के तहत मामला दर्ज किया गया।
जांच एंटी इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट पंचकूला इन्चार्ज इंस्पेक्टर योगविन्द्र सिंह की टीम को सौंपी गई। इसमें जांच अधिकारी एएसआई दीपक ने टीम की मदद से कार्रवाई करते हुए 24 अक्टूबर को परमजीत सिंह निवासी फतेहगढ़ साहिब को गुप्त सूचना के आधार पर खरड़ से गिरफ्तार किया। आरोपी को 25 अक्टूबर को अदालत में पेश कर 7 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया।
पूछताछ के दौरान मुख्य आरोपी का सुराग न मिलने पर पुलिस ने दोबारा अदालत में पेश कर रिमांड 6 दिन के लिए बढ़वाया। जांच में सामने आया कि आरोपी परमजीत फर्जी दस्तावेजों में प्रदीप सिंह नाम का उपयोग कर रहा था।
परमजीत की निशानदेही पर मुख्य आरोपी साहिल शर्मा को 3 नवंबर को जयपुर से एक किराए के मकान से गिरफ्तार किया गया। आरोपी को 4 नवंबर को अदालत में पेश कर 11 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है। जांच में पता चला कि साहिल शर्मा कई मोबाइल फोन और फर्जी सिम कार्डों का प्रयोग कर बार-बार ठिकाना बदलता था।
अब वह अपनी जड़े राजस्थान मे मजबूत कर वहां के लोगो को जाल में फंसाने की प्लानिंग कर रहा था। वह अजय भारद्वाज व प्रदीप नाम से फर्जी पहचान पर लोगों को ठगता था। आरोपी के अनुसार साहिल एमबीए पास है और पिछले वर्ष पंजाब सरकार में सरकारी टीचर की नौकरी लगी थी लेकिन उसने टीचर की नौकरी ठुकराकर यही काम चुना।
जालंधर पुलिस ने पहले भी उसे इसी फर्जी नाम प्रदीप से गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में जमानत पर रिहा होकर वह फरार हो गया था। वह पंजाब के 6 मामलो में पीओ घोषित है।
इस मामले में एक महिला आरोपी रमनदीप कौर निवासी यमुनानगर भी शामिल है, जिसे आज प्रोडक्शन वारंट पर यमुनानगर से लाया गया है। मुख्य आरोपी साहिल शर्मा पुत्र रतनजीत सिंह वासी होशियारपुर पंजाब के खिलाफ 13 मामले यमुनानगर में, 6 मामले शाहकोट (जालंधर) में, 2 मामले जीरकपुर में, 1 मामला पंचकूला में, 2 मामले फिरोजपुर (पंजाब) में, 2 मामले लुधियाना में दर्ज हैं। अन्य दो आरोपियों के खिलाफ 13 मामले, यमुनानगर ,2 मामले जिरकपुर, 1 मामला पंचकूला में दर्ज हैं। पुलिस ने तकनीकी सहायता, गुप्त सूचना और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को गिरफ्तार किया।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने उनके कब्जे से 874 ग्राम सोना व हीरे (लगभग 25% डायमंड), अनुमानित मूल्य लगभग 1.25 करोड़, 26.50 लाख नकद, 12 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, लगभग 25 एटीएम कार्ड, 2 पासपोर्ट, 1 एक्सयूवी 500 बरामद किया है।
रिमांड के दौरान अन्य बरामदगी की भी संभावना है। इस पूरी जांच में जांच अधिकारी एएसआई दीपक का अहम योगदान रहा है, रेड के दौरान एएसआई जगपाल व महिला सिपाही पूनम की भी सराहनीय भूमिका रही है।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह गैंग अंतर्राज्यीय स्तर पर एक्टिव था। जांच के दौरान इनके फर्जी बैंक खातो में हरियाणा व पंजाब के अलावा राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश के लोगो द्वारा भी बैंक अकाउंट मे लेन-देन पाई गई है। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने 7-8 बैंकों में फर्जी दस्तावेज तैयार कर खाते खुलवाए थे और फर्जी नामों से सिम कार्ड जारी करवाए थे।
पुलिस को आशंका है कि इसमें कुछ बैंक और मोबाइल कंपनी कर्मचारियों की मिलीभगत भी हो सकती है, क्योंकि बायोमेट्रिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था। इस संबंध में पुलिस आगे की जानकारी जुटा रही है।
इस दौरान यह भी सामने आया कि 10 जून 2025 को आरोपियों ने करीब 80 लोगों को दिल्ली से ऑस्ट्रेलिया के लिए उड़ान भरने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर फर्जी टिकट और पासपोर्ट देकर बुलाया और खुद अपने ठिकानो से फरार हो गए। तीनों आरोपितों के लुधियाना में 2, जीरकपुर में 1 और यमुनानगर में 1 आफिस भी संचालित थे।

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