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    खुशखबरी! अब 100 नहीं 250 एकड़ सार्वजनिक भूमि का इस्तेमाल कर सकेंगी ग्राम पंचायतें, हरियाणा सरकार ने दी मंजूरी

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 10:17 AM (IST)

    हरियाणा सरकार ने ग्राम पंचायतों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब पंचायतें 100 एकड़ की जगह 250 एकड़ तक सार्वजनिक भूमि का इस्तेमाल कर पाएंगी। इस निर्णय से गांवों में विकास कार्यों को बढ़ावा मिलेगा और पंचायतों को विभिन्न योजनाओं को लागू करने में आसानी होगी। सरकार का मानना है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गति बढ़ेगी।

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    हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक लेते मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी। l फोटो जागरण

     

    राज्य ब्यूरो, पंचकूला। हरियाणा सरकार ने गांवों में शामलात की भूमि के उपयोग के तरीकों में बदलाव किया है। ग्राम पंचायत अपनी आय बढ़ाने के लिए स्वयं के स्तर पर ग्राम शामलात की 250 एकड़ तक भूमि का उपयोग कर सकेगी।

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    इसके लिए अलग-अलग योजनाएं तैयार की जा सकती हैं। पहले भूमि उपयोग की यह सीमा 100 एकड़ थी, जिसमें 150 एकड़ की बढ़ोतरी की गई है।

    यदि पंचायत समिति और जिला परिषद द्वारा योजना को तय समय अवधि में अनुमति नहीं दी जाती या असहमति होने पर ग्राम पंचायत उपयुक्त निर्णय के लिए राज्य सरकार के समक्ष आवेदन कर सकती है। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में रविवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ग्राम शामलात भूमि नियम 1964 में संशोधन को मंजूरी दी गई।

    भूमि नियम में किया गया संशोधन

    बैठक में ग्राम शामलात भूमि नियम 6 (2) में संशोधन के अनुसार के अंतर्गत प्रविधान किया गया है कि खेती के लिए पट्टे पर दी जाने वाली प्रस्तावित भूमि में से चार प्रतिशत भूमि बेंचमार्क विकलांगता (60 प्रतिशत या इससे अधिक) वाले व्यक्तियों के लिए आरक्षित की जाएगी।

    इसके अलावा ग्राम शामलात भूमि नियम 1964 के नियम 6 (2ए) में भी संशोधन किया गया है। इसके अनुसार, गो अभयारण्य स्थापित करने के उद्देश्य से पशुपालन एवं डेयरी विभाग या हरियाणा गो सेवा आयोग को 20 वर्ष की अवधि के लिए 5100 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से कुछ नियमों और शर्तों पर भूमि पट्टे पर देने का प्रविधान किया गया है।

    हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में हाउसिंग बोर्ड का विलय

    हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में हाउसिंग बोर्ड का विलय हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा हाउसिंग बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2025 के प्रारुप को मंजूरी प्रदान की गई।

    इस संशोधन का उद्देश्य हरियाणा हाउसिंग बोर्ड का हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) में विलय कर दिया गया है। इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य शहरी विकास और आवास संबंधी कार्यों को सुव्यवस्थित करना, प्रशासनिक दोहराव को समाप्त करना तथा नागरिकों को सेवाओं की आपूर्ति में दक्षता बढ़ाना है।

    मुख्यमंत्री ने वित्त वर्ष 2025–26 के अपने बजट भाषण में हाउसिंग बोर्ड हरियाणा को भंग कर उसके कार्य एचएसवीपी में समाहित करने की घोषणा की थी, ताकि शहरी विकास एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सके।

    ग्राम सभा की बैठकों में 40 प्रतिशत सदस्यों का होना जरूरी

    मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) अध्यादेश 2025 को मंजूरी दी गई। संशोधन के अनुसार किसी भी सरकारी योजना के पात्र लाभार्थियों पर विचार और उन्हें मंजूरी देने के लिए आयोजित ग्राम सभा की बैठक का कोरम ग्राम सभा के सदस्यों का 40 प्रतिशत होगा।

    पहली और दूसरी स्थगित बैठकों में कोरम क्रमशः ग्राम सभा के सदस्यों का 30 प्रतिशत और 20 प्रतिशत तक होगा। इस निर्णय से न केवल पंचायती राज व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी बल्कि उनकी कार्यप्रणाली में भी सुधार आएगा।