पाकिस्तानी एजेंट से मिल पांच युवकों को लीबिया में बंधक बना 80 लाख हड़पे, ऐसे होता था पैसों का लेन-देन
एक पाकिस्तानी एजेंट ने पांच युवकों को लीबिया में बंधक बनाकर उनसे 80 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ितों को बेहतर नौकरी का लालच दिया गया था, लेकिन उन्हें बंधक बना लिया गया। पीड़ितों के परिवारों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है और एजेंट को पकड़ने की कोशिश कर रही है। पुलिस पीड़ितों को छुड़ाने के लिए प्रयासरत है।

जागरण फोटो
जागरण संवाददाता , कैथल। कनाडा भेजने के नाम पर हरियाणा के तीन और पंजाब के दो युवकों को लीबिया में बंधक बना स्वजन से 80 लाख रुपये ऐंठ लिये गए। उन्हें छोड़ने के लिए पांच करोड़ रुपये मांगे गए थे।
पुलिस की स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट ने विदेश मंत्रालय के सहयोग से पांचों युवकों को सकुशल छुड़ा लिया। फतेहाबाद के आरोपित मान सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपित मान सिंह पाकिस्तानी एजेंट से मिलकर युवाओं को लीबिया ले जाता था। युवकों से लिये रुपये में से 65 प्रतिशत पाकिस्तानी एजेंट अपने पास रख लेता और बाकी मानसिंह को देता था। यह लेन-देन विदेश में ही होता था।
यूं घटा घटनाक्रम
एसपी उपासना ने बताया कि कैथल के फरीयाबाद गांव के सुरेश कुमार, रामबीर और गांव बड़सीकरी खुर्द के कृष्ण कुमार ने पुलिस को शिकायत दी थी। वे अपने बेटों आदित्य, विक्रांत और सुमित को विदेश भेजना चाहते थे। फतेहाबाद के गांव गाजूवाला का मंजीत टोहाना में मास्टर विजन नाम से सेंटर चलाता है।
मंजीत के माध्यम से युवकों की मुलाकात फतेहाबाद के ही गांव साधनावास के मान सिंह से हुई। मान सिंह ने प्रत्येक युवक को 26 लाख रुपये में कनाडा भेजने की बात कही। तीनों युवकों को कनाडा भेजने का झांसा देकर मान सिंह 10 सितंबर 2025 को दुबई अपने साथ ले गया। युवकों को कहा कि कनाडा का वीजा दुबई से लगवाएगा।
11 सितंबर को वे सभी दुबई से लीबिया रवाना हो गए। लीबिया में रहने व खाने के खर्च के नाम पर उनसे 30 हजार 250 दिरहम (दुबई की मुद्रा) मांगी गई। 29 सितंबर तक स्वजन की विदेश गए युवकों से बात होती रही।
दुबई में पाकिस्तानी एजेंट अली शाह से मुलाकात की। इसके कुछ समय बाद तीनों परिवारों से संपर्क कर पांच करोड़ की फिरौती मांगी गई। इसके लिए कई दिनों तक फोन किए। 80 लाख रुपये ऐंठ लिये, लेकिन युवाओं को नहीं छोड़ा।
विदेश मंत्रालय और दूतावास ने निभाई विशेष भूमिका
तीनों युवाओं के स्वजन ने राजौंद थाना में केस दर्ज कराया। एसपी उपासना ने मामले की जांच स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट को सौंपी। यूनिट प्रभारी एसआइ रमेश चंद व एएसआइ तरसेम सिंह ने तकनीक एवं मानवीय सूचना के आधार पर कार्रवाई को आगे बढ़ाया।
विदेश मंत्रालय, लीबिया में भारतीय दूतावास और अन्य एजेंसियों के सहयोग में लीबिया में बंधक पांचों भारतीय युवकों को सकुशल छुड़ा लिया गया। रेस्क्यू होने वाले लड़कों में तीन युवक कैथल से और दो युवक फिरोजपुर (पंजाब) से गुरजेंट सिंह व जशनप्रीत सिंह थे।
पाकिस्तानी एजेंट अली शाह ऐसे लेता था ठगी के रुपये
आरोपित मान सिंह लगातार पाकिस्तानी एजेंट अली शाह के संपर्क में रहता था। विदेश जाने वाले युवकों से लिये गए रुपये में से 65 प्रतिशत अली शाह और 35 प्रतिशत मान सिंह रखता था। इसके लिए वह पहले भारत आ जाता था और उसके कुछ दिनों के बाद दोबारा से लीबिया जाकर अली शाह से मिलता था। वहां से कुछ रुपये के डालर लेता था और बकाया राशि को हवाला के जरिए भारत में लाता था।
इसी मामले में भी बाद मान सिंह ने अली शाह से बात की थी और कहा था कि कुछ दिनों के बाद लीबिया में हिसाब कर लेगा।
युवक बोले- एक बार मिलता था खाना, कच्चा मांस भी दिया
आदित्य, विक्रांत और सुमित शनिवार को एसपी का धन्यवाद करने उनके कार्यालय पहुंचे। तीनों 20 से 24 साल के हैं। उनहोंने दैनिक जागरण को बताया कि तीनों को लीबिया के एक घर में ले जाकर कमरे में बंद कर दिया गया। एजेंट मान सिंह भी उनके साथ रहता था। उन्हें ऐसा दिखाता रहा कि उसे भी बंधक बनाया हुआ है। खाना पेटभर नहीं मिलता था। दिन में एक बार ही खाना दिया जाता था।
कच्चा मांस भी दे देते थे। तीन दिनों तक तो सिर्फ पानी ही दिया जाता था। धमकी दी जाती थी कि स्वजन को कहो कि रुपये दें नहीं तो मार देंगे। ऐसा लगने लगा था कि अब कभी अपने घर वापस नहीं जा पाएंगे।
लाखों ले चुके थे एजेंट
स्पेशल डिटेक्टिव यूनिट की टीम ने पीड़ितों को छुड़वाने के लिए लीबिया के डोंकरों व भारतीय दूतावास से संपर्क किया। स्वजन से प्रारंभ में पांच करोड़ रुपये मांगे गए थे। युवकों के स्वजन लीबिया के डोंकरों व आरोपितों को करीब 80 लाख रुपये भी दे चुके थे। पुलिस टीम ने स्वजन के साथ मिलकर लीबिया के डोंकर के साथ बातचीत करके युवकों को आरोपितों से निकाला। युवकों को 23 अक्टूबर को दिल्ली एयरपोर्ट पर लाया गया।
स्वयं भी बन जाता था बंधक
पुलिस ने आरोपित मान सिंह को 24 अक्टूबर को सोनीपत में गोहाना बाईपास से गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि वह स्वयं भी लीबिया में बंधक हो गया था। वह पूरी नजर रखता और शक भी नहीं होने देता था। पंजाब निवासी गुरजेंट सिंह व जशनप्रीत सिंह उसकी रिश्तेदारी में से हैं। वह लगभग 20 बार विदेश जा चुका है। पुलिस यह जांच कर रही है कि वह पाकिस्तानी एजेंट अली शाह के संपर्क में कैसे आया।

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