भर्ती घोटाले पर सरकार और चयन आयोग के खिलाफ विपक्ष ने खोला मोर्चा
हरियाणा में भर्ती घोटाला का खुलासा होेने के बाद विपक्षी दलों कांग्रेस और इनेलाे ने मनोहरलाल सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। उनके निशाने पर खास तौर पर ' हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग है।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में उजागर हुए भर्ती घोटाले के बाद विपक्ष ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। आयोग के चेयरमैन और सदस्यों को बर्खास्त कर उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने और भर्ती घोटाले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर समूचा विपक्ष एकजुट हो गया है।
कांग्रेस और इनेलो ने खोला आयोग के खिलाफ मोर्चा, न्यायिक जांच का बनाया दबाव
कांग्रेस मीडिया विभाग के चेयरमैन रणदीप सिंह सुरजेवाला, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला, इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा, सांसद दुष्यंत सिंह चौटाला व दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अलग-अलग बयानों में सरकार को घेरते हुए गंभीर आरोप जड़े हैैं। सबसे ज्यादा हमलावर रणदीप सिंह सुरजेवाला हैैं।
हुड्डा, सुरजेवाला, चौटाला, अरोड़ा, दीपेंद्र और दुष्यंत ने सरकार को कई मोर्चों पर घेरा
सुरजेवाला ने मनोहरलाल सरकार से आयोग को भंग कर न्यायिक जांच की मांग की है। उधर, विपक्ष की इस मांग के बावजूद सरकार पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ रहा है। आयोग के चेयरमैन भारत भूषण भारती का कहना है कि आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से काम कर रहा है।
' नौकरियों का व्यापार कर रही भाजपा सरकार'
'' हरियाणा की वर्तमान भाजपा सरकार नौकरियों का व्यापार कर रही है। सरकार खुद नौकरियां बेचने में लगी है। इसके बावजूद सरकार कहती है कि हम ईमानदार हैं, लेकिन हर चीज का व्यापार हो रहा है। इस सरकार में कोई काम ऐसा नहीं है, जिसमें भ्रष्टाचार नहीं हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट के खनन रोकने के आदेश के बावजूद हरियाणा में खनन किया जा रहा। गरीबों को दाल मिलनी बंद हो गई है। यह सरकार इवेंट मैनेजमेंट से अधिक कुछ नहीं है। इसकी पोल खुलने लगी है और जल्द ही यह सरकार पूरी तरह से बेनकाब होगी।
- भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री, हरियाणा।
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' सीएम फ्लाइंग नहीं कर सकती अपने मुखिया के खिलाफ जांच'
'' हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में नौकरियों की बोली लगाने वाले रैकेट के हाथ बेहद लंबे हैैं। आयोग के चेयरमैन, सदस्यों और सचिव के अलावा पुलिस, स्वास्थ्य और वित्त विभाग से भी इस गिरोह के तार जुड़े हैैं। असली सरगना अभी परदे के पीछे हैैं। हरियाणा पुलिस का सीएम फ्लाइंग जत्था अपने मुखिया अथवा सीएम कार्यालय से जुड़े तारों का खुलासा नहीं कर सकता। इसलिए इस भर्ती घोटाले की जांच हाईकोर्ट के कार्यरत न्यायाधीशों को दो सदस्यीय पीठ से कराई जानी चाहिए। चेयरमैन, सचिव व सदस्यों को बर्खास्त कर एफआइआर दर्ज की जानी चाहिए। सीएम यदि न्यायिक जांच नहीं कराते तो साफ है कि वे आरोपितों को संरक्षण दे रहे हैैं। कांग्रेस की सरकार बनने पर आयोग को भंग कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
- रणदीप सिंह सुरजेवाला, विधायक एवं चेयरमैन, कांग्रेस मीडिया विंग।
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' सीएम ईमानदार हैैं तो चेयरमैन को हटाएं'
'' हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में नौकरियों को लेकर भ्रष्टाचार की असलियत सामने आ गई। इसके बाद भी अगर मुख्यमंत्री खुद के ईमानदार होने का दावा करते हैैं तो उन्हें तुरंत आयोग के चेयरमैन को पद से हटाना चाहिए। भले ही दलालों को पकड़ा जा चुका, लेकिन असली दोषी मुखिया होते हैैं। मुख्यमंत्री आयोग के चेयरमैन को बचाने में लगे हैैं। अब मुख्यमंत्री को यह कहने का कोई अधिकार नहीं है कि हरियाणा में पारदर्शी और भ्रष्टाचार रहित व्यवस्था चल रही है। सरकार की पोल खुल चुकी है।
- अशोक अरोड़ा, प्रदेश अध्यक्ष, इनेलो।