हरियाणा में हाई कोर्ट के निर्देश पर बुजुर्ग को मेडिकल बिल भुगतान देेेेने खुद पहुंची विभाग की टीम
हरियाणा में बुजुर्ग मेडिकल बिलों का भुगतान लेने के लिए भटक रहे थे। उन्होंने हाई कोर्ट में गुहार लगाई। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद विभाग के कर्मचारी खुद उनके पास गए और मेडिकल बिलों का भुगतान किया।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर राजस्व विभाग के अधिकारियों ने 91 साल के बुजुर्ग के घर जाकर उनके मेडिकल बिल से जुड़े दस्तावेजों में कमी को दूर किया व उनके मेडिकल बिल का भुगतान किया। इस बाबत सरकार ने हलफनामा देकर कोर्ट मेें यह जानकारी दी। सरकार के इस जवाब पर हाई कोर्ट ने इस याचिका का निपटारा कर दिया।
नरवाना निवासी मंगल देव ने हाई कोर्ट को बताया था कि उनकी उम्र 91 साल है और वह राजस्व विभाग से चतुर्थ श्रेणी पद से सेवानिवृत्त हैं। पेंशनर ने बताया कि वह कई गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं। पिछले साल 12 अप्रैल से 25 अप्रैल तक वह हिसार के कई अस्पताल में हार्ट व कूल्हों की बीमारी के कारण दाखिल रहे। इस दौरान उनके कई आपरेशन हुए। कुल मिला कर उनके इलाज पर दो लाख 50 हजार 82 रुपये का खर्च आया।
याची ने बताया था कि उन्होंने मेडिकल बिल के भुगतान के लिए विभाग को पिछले साल ही सभी दस्तावेज जमा करा दिए थे। इसके बावजूद बिलों का भुगतान नहीं किया गया। इसको लेकर उन्होंने विभाग के अधिकारियों को जुलाई में मांग पत्र भी सौंपा, लेकिन न तो इसका कोई जवाब दिया गया और न ही बिल का भुगतान किया गया, इसलिए उन्हेंं अब मजबूरन हाई कोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी है।
इस पर हाई कोर्ट ने विभाग के अधिकारियों के इस रवैये पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा था वो कि कम से कम याची की उम्र का तो ख्याल करें। हाई कोर्ट ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वेे याची के घर जाकर उनके दस्तावेज पूरे करें व नियमों के अनुसार उनके मेडिकल बिल का भुगतान करें तथा हाई कोर्ट में जानकारी दे।
यह भी पढ़ें: Weather Forecast : पंजाब में रातें हुईं ठंडी, अगले तीन दिन खुश्क रहेगा मौसम, और गिरेगा पारा
यह भी पढ़ें: पंजाब पुलिस ने पेश की मिसाल, बिहार की बच्ची से दुष्कर्म व हत्या मामले में महज नौ दिन में चालान पेश
यह भी पढ़ें: पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) के इंजीनियरिंग कोर्स में 510 सीटों पर दाखिले का मौका, 3 नवंबर तक करें आवेदन
यह भी पढ़ें: Private School fee news: आय नहीं, खर्च ज्यादा, वेतन कहां से दें, हाई कोर्ट पहुंचे हरियाणा के निजी स्कूल