Updated: Tue, 16 Sep 2025 09:03 PM (IST)
हरियाणा में जमीन के दस्तावेजों के लिए अब तहसील के चक्कर काटने की जरूरत नहीं होगी। राजस्व विभाग व्हाट्सएप चैटबॉट शुरू करेगा जिससे भूमि रिकॉर्ड म्युटेशन और संपत्ति कर का विवरण मोबाइल पर देखा जा सकेगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 29 सितंबर को कुरुक्षेत्र में पेपरलेस पंजीकरण की शुरुआत करेंगे जिससे संपत्ति पंजीकरण आसान हो जाएगा। सीमांकन पोर्टल से भूमि सीमा निर्धारण में तेजी आएगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब लोगों को जमीन से जुड़े दस्तावेज देखने के लिए तहसील में धक्के नहीं खाने पड़ेंगे। राजस्व विभाग जल्द ही वाट्स-एप चैटबाट शुरू करने जा रहा है। इससे लोग अपने मोबाइल फोन पर आसानी से भूमि रिकार्ड, म्युटेशन की स्थिति और संपत्ति कर का विवरण देख सकेंगे।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वित्तायुक्त राजस्व और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों के साथ समीक्षा बैठक में कहा कि हम ई-गवर्नेंस की दिशा में बड़ी छलांग लगाने को तैयार हैं।
भूमि और संपत्ति के लेनदेन को अधिक पारदर्शी और नागरिक अनुकूल बनाने के लिए डिजाइन किए गए इन सुधारों का औपचारिक उद्घाटन मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 29 सितंबर को कुरुक्षेत्र की लाडवा तहसील में करेंगे। मुख्यमंत्री लाडवा से विधायक भी हैं। सरकार का प्रमुख सुधार पेपरलेस पंजीकरण की शुरुआत है, जो जमाबंदी, म्युटेशन, कैडस्ट्रल मैप्स और रजिस्ट्री डेटा को एक एकीकृत डिजिटल तंत्र में एकीकृत करेगा।
उन्होंने कहा कि इससे संपत्ति पंजीकरण तेज, पारदर्शी और सुरक्षित हो जाएगा। इसके बाद नागरिकों को कई कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी।
लांच के दौरान कुरुक्षेत्र में नई प्रणाली का लाइव प्रदर्शन किया जाएगा। सुमिता मिश्रा ने बताया कि अन्य प्रमुख पहलों में सीमांकन पोर्टल भी शामिल है, जिसे भूमि सीमा निर्धारण में होने वाली देरी और विवादों को दूर करने के लिए डिजाइन किया गया है।
यह पोर्टल प्रक्रिया को मानकीकृत और डिजिटल करेगा, जिससे तहसीलदारों, कानूनगो और पटवारियों की सक्रिय भागीदारी से समयबद्ध और सटीक सीमांकन सुनिश्चित होगा। लंबे समय से लंबित विवादों से निपटने के लिए प्रदेश सरकार राजस्व न्यायालय मामला प्रबंधन प्रणाली का संचालन करेगी, जिसका उद्देश्य म्युटेशन, बंटवारे और सीमा संबंधी मामलों को तेजी से निपटाना है।
कानूनी और डिजिटल उपकरणों के संयोजन से इस प्रणाली से लंबित मामलों में कमी आने, न्याय प्रदान करने में तेजी आने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने की उम्मीद है। डा. मिश्रा ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि लंबित दाखिल-खारिज को विशेष ग्राम-स्तरीय शिविरों के माध्यम से निपटाया जाना चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।