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    Haryana Budget 2021: हरियाणा में प्यासी धरती को नहीं रहेगी पानी की कमी, बनी दो साल की कार्ययोजना

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 13 Mar 2021 12:51 PM (IST)

    Haryana Budget 2021 हरियाणा के बजट में धरती की प्‍यास मिटाने यानि भूजल स्‍तर सुधारने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। बजट में वाटर रिचार्ज के लिए दो साल की ...और पढ़ें

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    हरियाणा के बजट में भूजल स्‍तर को रिचार्ज करने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। (संकेतिक फोटो)

    चंडीगढ़, [सुधीर तंवर]। Haryana Budget 2021: सिंचाई के पानी की कमी से जूझते हरियाणा में किसानों की प्यासी धरती को तरबतर करने के लिए बजट में पहली बार दो साल की कार्ययोजना बनाई गई है। पानी के संरक्षण, प्रबंधन, पुन: इस्तेमाल, रिचार्ज और रिसाइक्लिंग पर आधारित परियोजनाओं से हर खेत तक पानी पहुंचाने का खाका प्रदेश सरकार ने तैयार किया है।

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    सितंबर तक बनाए जाएंगे एक हजार रिचार्ज बोरवेल, डार्क जोन का मिटेगा नामो-निशान

    खेतों में भरे बारिश के पानी से डार्क जोन में भूजल को रिचार्ज करने के लिए सितंबर तक प्रदेश में एक हजार रिचार्ज बोरवेल बनाए जाएंगे। इससे हर वर्ष जलभराव होने वाली लगभग आठ हजार एकड़ भूमि में सुधार होगा। सूक्ष्म सिंचाई के तहत महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी और फतेहाबाद में विशेष योजनाएं शुरू होंगी।

    तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण  सीवरेज पाइप लाइन बिछाने, अपशिष्ट जल को तालाब में डालने के लिए पक्की ड्रेन, अपशिष्ट जल उपचार, तालाब की खुदाई, बांध बनाने, तालाब के चारों तरफ जलीय पौधे, तालाब में जलापूर्ति और ड्रेनेज, अतिरिक्त पानी से सूक्ष्म सिंचाई, मत्स्य पालन और तालाब के पानी की गुणवत्ता की जांच का बीड़ा उठाएगा।

    नाबार्ड की मदद से एसटीपी से उपचारित अपशिष्ट जल का इस्तेमाल खेतों में करने के लिए सोलर/ग्रिड पावर्ड इंटीग्रेटेड माइक्रो इरीगेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की परियोजना बनाई गई है। इससे यमुना और घग्गर नदी में अपशिष्ट जल का प्रवाह रोका जाएगा और इस पानी को रिसाइकल किया जाएगा।

    मानसून में यमुना नदी में उपलब्ध अतिरिक्त पानी के समुचित इस्तेमाल के लिए समानांतर दिल्ली शाखा, संवर्धन नहर, जवाहर लाल नेहरू कैनाल, हांसी शाखा के पुनरोद्धार की परियोजनाएं जून तक शुरू हो जाएंगी। इसके अलावा भालौट शाखा के पुनरोद्धार की परियोजना भी नाबार्ड को भेजी गई है। करीब 110 चैनलों के पुनरोद्धार का काम चल रहा है। रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और भिवानी में उठान सिंचाई प्रणाली की क्षमता और दक्षता में सुधार कर दक्षिण हरियाणा की प्रत्येेक टेल तक पानी पहुंचाया जाएगा।

    यमुना नदी और इसकी सहायक नदियों गिरि तथा टोंस से पानी लेने के लिए यमुना नदी पर अपस्ट्रीम स्टोरेज बांधों रेणुका, किशाऊ और लखवाड़ व्यासी के निर्माण की योजना काम इस वित्त वर्ष में शुरू होने की उम्मीद है। पवित्र सरस्वती नदी के पुनरोद्धार के लिए 1680 हेक्टेयर मीटर पानी के स्टोरेज के लिए आदिबद्री बांध, सोम सरस्वती बैराज और सोम सरस्वती जलाशय के निर्माण की परियोजना विचाराधीन है। पोंटा साहिब से कलेसर तक यमुना नदी के प्रवाह क्षेत्र पर हथनीकुंड बैराज की अपस्ट्रीम में एक बांध बनाने का प्रस्ताव है। यह बांध रेणुका बांध, किशाऊ और लखवाड़-व्यासी बांधों से बचे 20.43 फीसद कैचमेंट एरिया में बाढ़ के पानी का भंडारण करेगा।

    एसवाईएल के लिए रखे 100 करोड़

    रावी-ब्यास नदियों में हरियाणा के हिस्से का पानी लेने के लिए प्रदेश सरकार ने एसवाईएल नहर निर्माण के लिए सौ करोड़ रुपये रखे हैं। इसके अलावा मेवात क्षेत्र में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 100 क्यूसिक की क्षमता वाली मेवात फीडर नहर बनाई जाएगी। यह नहर बादली के निकट गुरुग्राम जल आपूर्ति से पाइप्ड चैनल के रूप में निकाली जाएगी और केएमपी एक्सप्रेस वे के साथ-साथ गुरुग्राम चैनल तक जाएगी।

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