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    हरियाणा में भ्रष्टाचार करने वालों की अब खैर नहीं, राजस्व विभाग के 129 दागियों पर गिरेगी गाज; CM ने दिए आदेश

    Updated: Thu, 03 Jul 2025 10:40 AM (IST)

    हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे राजस्व विभाग के 129 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इन अधिकारियों को चार्जशीट करने की अनुमति दे दी है। कोरोना काल में बिना एनओसी के हजारों रजिस्ट्रियां की गई थीं जिसके चलते यह कार्रवाई की जा रही है।

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    खुफिया विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएम ने दी चार्जशीट की मंजूरी।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपित राजस्व विभाग के अधिकारियों के विरूद्ध कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग के 129 अधिकारियों को चार्जशीट किए जाने की फाइल पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अपनी तरफ से स्वीकृति प्रदान कर दी है। कार्रवाई के दायरे में आने वाले अधिकारियों की संख्या में तीन बार बदलाव हुआ है।

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    पहले यह सूची 100 से कम थी, जो जांच के उपरांत धीरे-धीरे बढ़ती चली गई। हरियाणा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल के निर्देश पर वित्तायुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कार्रवाई के लिए अनुमति प्रदान की है। कोरोना काल के दौरान प्रदेश के कई जिलों में हजारों की संख्या में नियम सात ए की एनओसी के बिना रजिस्ट्री की गई थी।

    उस समय राजस्व विभाग की कमान तत्कालीन उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास थी। जांच के बाद राजस्व विभाग द्वारा 129 नायब तहसीलदार, तहसीलदार और डीआरओ के खिलाफ चार्जशीट करने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा गया था, जिसे मंगलवार की रात मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वीकृति दे दी है।

    विभाग के प्रस्ताव में एनओसी के बिना 50 से ज्यादा रजिस्ट्री करने वालों के खिलाफ हरियाणा सिविल सर्विसेज कोड के रूल 7 में चार्जशीट का मसौदा तैयार किया गया है। वहीं, 50 से कम रजिस्ट्री करने वाले अधिकारियों के खिलाफ रूल 8 के तहत कार्रवाई की जाएगी। दो से तीन चरणों में चार्जशीट जारी होगी।

    आय से अधिक प्रॉपर्टी का शक

    खुफिया विभाग के इनपुट में कहा गया कि इन अधिकारियों ने गलत तरीके से रजिस्ट्रियां की हैं। खास तौर पर नियम 7 ए को अनदेखा किया। इस नियम में प्रविधान है कि जिला नगर एवं योजनाकार विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना रजिस्ट्रियां नहीं हो सकती। तब राजस्व अफसरों द्वारा पैसे लेकर रजिस्ट्रियां करने की बात भी सामने आई। सरकार को इनके पास आय से अधिक प्रॉपर्टी होने का शक है।