Updated: Mon, 15 Sep 2025 09:51 PM (IST)
हरियाणा में मतदाता सूची को अपडेट करने का काम शुरू हो गया है। वर्ष 2002 के बाद बने मतदाताओं को पहचान के प्रमाण देने होंगे। वर्तमान मतदाता सूची का 2002 की सूची से मिलान किया जाएगा। अगर नाम दोनों सूचियों में है तो दस्तावेज़ की ज़रूरत नहीं होगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी से सहयोग की अपील की है ताकि त्रुटि रहित मतदाता सूची तैयार की जा सके।  
                राज्य ब्यूरो,            चंडीगढ़। बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) पर मचे घमासान के बीच अब हरियाणा में भी नई मतदाता सूची तैयार करने का काम शुरू होने जा रहा है। वर्ष 2002 के बाद मतदाता बने सभी लोगों को अपनी पहचान के सबूत देने होंगे। नई मतदाता सूची के लिए वर्तमान मतदाता सूची का वर्ष 2002 की मतदाता सूची से मिलान किया जाएगा।                
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                        अगर मतदाता का नाम दोनों मतदाता सूचियों में पंजीकृत हुआ तो उसे कोई दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी। फर्जी मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे।               हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ए श्रीनिवास ने विशेष विस्तृत पुनरीक्षण के संबंध में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) को निर्देश जारी कर दिया है।                      
                                 एसआइआर से संबंधित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। श्रीनिवास ने बताया कि भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा 10 सितंबर को सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई थी। इसमें पूरे देश में विशेष विस्तृत पुनरीक्षण (एसआइआर) को लागू करने के निर्देश दिए गए थे।                      
                                इसी क्रम में सोमवार को हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी जिला निर्वाचन व निर्वाचक पंजीयन अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि जहां भी बीएलओ के पद खाली हैं, वहां जल्द नियुक्ति कर उनके पहचान पत्र जारी किए जाएं।                      
                                 नए सिरे से बनने वाली मतदाता सूची के कार्य में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होनी चाहिए।                 सभी बीएलओ 20 अक्टूबर तक हरियाणा की वर्तमान मतदाता सूची का वर्ष 2002 वाली मतदाता सूची से मिलान करेंगे। यदि मतदाता का नाम दोनों सूचियों में पंजीकृत होगा तो उन्हें कोई भी दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं होगी। बीएलओ नई मतदाता सूची के लिए गणना (एनुमरेशन) फार्म हर मतदाता के घर जाकर भरवाएगा।                             
                                         मतदाता को फार्म की दो कापी दी जाएगी। इसमें से एक कापी मतदाता और दूसरी कापी बीएलओ नई मतदाता सूची बनाने के लिए साथ ले जाएगा। मतदान केंद्र पर मतदाताओं की अधिकतम संख्या 1200 के आधार पर रेशनलाइजेशन किया जायेगा। यदि 1200 से ज्यादा मतदाता हैं तो नया मतदान केंद्र बनाया जाएगा।                             
                                        सीईओ ने कहा कि जिला में स्थित सभी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर बैठकें आयोजित की जाएं तथा सभी से बूथ लेवल एजेंट की सूची प्राप्त की जाए। गणना प्रपत्र की प्रिंटिंग कर बीएलओ को समय पर उपलब्ध करवाना है।                             
                                                  सीईओ ने मांगा अभियान में सहयोग                     वर्ष 2002 तथा वर्ष 2024 की अंतिम रूप में प्रकाशित मतदाता सूचियां विभाग की वेबसाइट पर आम जनता की सुविधा के लिए उपलब्ध हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राज्य के सभी पंजीकृत मतदाताओं और युवाओं, जोकि मतदाता बनने के पात्र हैं तथा सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से अपील की है कि राज्य की त्रुटि रहित मतदाता सूची तैयार करने के लिए किए जा रहे विशेष विस्तृत पुनरीक्षण में सहयोग दें।                                              
  
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