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हरियाणा में नई सरकारी भर्तियों में सामाजिक आर्थिक आधार पर अब अधिकतम 5 अंकों का लाभ, पढ़ें किसको होगा फायदा

हरियाणा में अब सामाजिक आर्थिक मानदंडों के तहत अभ्यर्थियों को पांच अंक का ही लाभ मिलेगा। पहले हर घर में नौकरी की सोच के तहत सरकार ने 10 अतिरिक्त अंकों के लाभ की सुविधा दी थी। मेरिटोरियस युवाओं के विरोध के बाद यह फैसला लिया गया।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 01:14 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 02:22 PM (IST)
हरियाणा में नई सरकारी भर्तियों में सामाजिक आर्थिक आधार पर अब अधिकतम 5 अंकों का लाभ, पढ़ें किसको होगा फायदा
सामाजिक आर्थिक आधार पर अब पांच अंकों का अतिरिक्त लाभ। सांकेतिक फोटो

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में होने वाली सरकारी भर्तियों में युवाओं को अब सामाजिक-आर्थिक मानदंडों के तहत अधिकतम पांच अंकों का लाभ मिलेगा। पहले 10 अंकों तक लाभ देने की व्यवस्था थी, लेकिन प्रदेश सरकार की इस व्यवस्था का मेरिटोरियस विद्यार्थी यह कहते हुए विरोध कर रहे थे कि अच्छे अंक लाने के बावजूद उनके लिए सरकारी नौकरी पाना मुश्किल हो रहा है।

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हरियाणा सरकार ने सामाजिक आर्थिक मानदंडों के तहत 10 अंकों का लाभ देने की सुविधा इसलिए प्रदान की थी, ताकि ऐसे युवक-युवतियां भी सरकारी नौकरियां हासिल कर सकें, जिनके परिवार में कोई सरकारी नौकरी नहीं है और जिनके सिर पर पिता का साया नहीं है।

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी ने स्पष्ट किया कि जिन युवाओं ने पहले निकल चुकी भर्तियों में आवेदन कर रखा है, उन्हें सामाजिक आर्थिक मानदंड के तहत 10 अंकों का ही लाभ दिया जाएगा। पांच अंकों के लाभ की व्यवस्था नई निकलने वाली भर्तियों में रहेगी।

प्रदेश सरकार ने सामाजिक आर्थिक मानदंड का एक दायरा बनाया हुआ है। अतिरिक्त अंकों की सुविधा तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों के लिए है। नए नियमों के तहत सामाजिक-आर्थिक आधार पर मिलने वाले पांच अंकों का लाभ हासिल करने की श्रेणी में अब विवाहित भाई को परिवार से अलग कर दिया गया है, लेकिन विवाहित लड़की का परिवार उसका ससुराल माना जाएगा, मायका नहीं।

पहले विवाहित भाई सरकारी नौकरी पर हो तो आवेदक को सामाजिक आर्थिक आधार पर अंकों का लाभ नहीं दिया जाता था। इसी तरह विवाहित लड़की के मायके में कोई सरकारी नौकरी पर है तो उसे भी अतिरिक्त अंकों से वंचित रहना पड़ता था, जबकि लड़की विवाह के बाद अपने उस परिवार में न रहकर ससुराल चली जाती थी।

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी के अनुसार अगस्त में होने वाली सामान्य पात्रता परीक्षा 95 अंकों की होगी। पहले लिखित परीक्षा 90 अंकों की होती थी। अनुभव के अंक भी आठ से घटाकर चार कर दिए गए हैं।

नए नियमों के तहत अभ्यर्थी केवल एक कैटेगरी में अतिरिक्त अंकों का लाभ ले सकता है। महिला आवेदक, उसका पति, सास, ससुर और अविवाहित देवर-जेठ और पुत्र अगर नौकरी पर नहीं है तो उसे पांच अंक मिलेंगे। इसी प्रकार, अविवाहित महिला का परिवार उसका माता, पिता और अविवाहित भाई होगा। तलाकशुदा महिला का परिवार उसका पिता, माता, अविवाहित भाई और बेटे होंगे।

वहीं, पुरुष उम्मीदवार के परिवार से अभिप्राय उसके माता-पिता और अविवाहित भाई से रहेगा। भोपाल सिंह खदरी के अनुसार संयुक्त पात्रता परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम को दो भागों में बांटा गया है। इनमें सामान्य ज्ञान, विवेक बुद्धि, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर ज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी तथा लागू संबंध विषयों के लिए 75 प्रतिशत और हरियाणा के इतिहास, सामयिक मामलों, साहित्य, भूगोल, पर्यावरण व संस्कृति आदि से संबंधित 25 प्रतिशत प्रश्न होंगे।

आयोग में सेल्फ अटेस्टेड दस्तावेज कराने होंगे जमा

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह खदरी के अनुसार अगस्त में होने वाली संयुक्त पात्रता परीक्षा के लिए सामाजिक आर्थिक मानदंड से जुड़े सेल्फ अटेस्टेड दस्तावेज स्वीकार किए जाएंगे। दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के दौरान ही तहसीलदार या गजेटिड अफसर से अटेस्टिड कागज मांगे जाएंगे। यदि अभी गजटेड अफसर से अटेस्टिड दस्तावेज मांग लिए गए तो सरकारी कार्यालयों में मारामारी मच जाएगी।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अभी तक जितनी भर्तियां हो चुकी हैं, उनमें सामाजिक आर्थिक मानदंड के तहत अतिरिक्त नंबरों का लाभ हासिल करने वालों की समग्र जांच संभव नहीं है। अगर हाई कोर्ट ऐसे कोई निर्देश देता है तो बात अलग है।


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