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    क्या होता है जमीन का डीड पंजीकरण? हरियाणा में अब होगा ऑनलाइन, 11 अगस्त से शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट

    Updated: Mon, 04 Aug 2025 07:17 PM (IST)

    हरियाणा में डीड पंजीकरण अब ऑनलाइन होगा जिसकी शुरुआत नारायणगढ़ तहसील से होगी। इस प्रणाली से भूमि पंजीकरण सरल होगा ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिए जा सकेंगे और कागजों की जांच पहले ही हो जाएगी। नई प्रणाली से प्रतीक्षा समय कम होगा पारदर्शिता आएगी और संपत्ति पर विवादों की पहचान हो सकेगी। यह रेवेन्यू लीकेज को रोकने और सरकारी आय में वृद्धि करने में मदद करेगा।

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    अब ऑनलाइन होगा जमीन का डीड पंजीकरण। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो,  चंडीगढ़। हरियाणा में डीड पंजीकरण (प्रापर्टी के मालिकाना हक के हस्तांतरण को कानूनी रूप से दर्ज करना) का काम अब आनलाइन होगा। इसकी शुरुआत 11 अगस्त को नारायणगढ़ तहसील से होगी।

    ऑनलाइन पेपरलेस डीड पंजीकरण प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की वित्त आयुक्त डा. सुमिता मिश्रा ने बताया कि यह प्रोजेक्ट आमजन के लिए भूमि पंजीकरण प्रक्रिया को सरल और कारगर बनाने के लिए बनाया गया है।

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    इस नागरिक अनुकूल प्रणाली के तहत संपत्ति खरीदार और विक्रेता अपनी सुविधानुसार आनलाइन अपाइंटमेंट ले सकेंगे। पहले अपाइंटमेंट के दिन ही कागजों की जांच होती थी, जिससे आपत्तियों या दस्तावेजों की कमी के कारण डीड पंजीकरण में 30 प्रतिशत विफलताएं होती थीं।

    अब इस टेंपलेट आधारित आवेदन माड्यूल के साथ आवेदन को सत्यापन के लिए संबंधित तहसील कार्यालय भेजा जाएगा। उसी पोर्टल पर अनुमोदन प्राप्त करने के बाद आवेदक भुगतान प्रक्रिया पूरी कर सकता है और अपाइंटमेंट स्लाट बुक कर सकता है।

    आवेदक को अपाइंटमेंट वाले दिन केवल फोटोग्राफ और हस्ताक्षर, बायोमेट्रिक्स के लिए उपस्थित होना होता है, जहां उनका स्वीकृत आवेदन पहले से ही आनलाइन होता है।  डा. मिश्रा ने कहा डीड पंजीकरण की नई प्रणाली से प्रतीक्षा समय कम होने, कतारें खत्म होने और प्रक्रियात्मक अक्षमताओं को कम करने की उम्मीद है।

    लेन-देन में भी पारदर्शिता आएगी। सभी राजस्व रिकार्ड वास्तविक समय में अपडेट किए जाएंगे। किसी संपत्ति पर किसी भी मौजूदा विवाद, ऋणभार या लंबित ऋण को पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान स्वचालित रूप से चिह्नित किया जाएगा, जिससे खरीदार और विक्रेता दोनों ही सूचित-निर्णय ले सकेंगे।

    यह सुधार रेवेन्यू लीकेज को रोकेगा, सरकारी आय में वृद्धि होगी और भूमि संबंधी लेन-देन में अधिक विश्वास और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।

    आवेदन कम होंगे निरस्त

    नई व्यवस्था में आवेदकों को आवश्यक दस्तावेजों की एक स्पष्ट चेकलिस्ट प्रदान की जाएगी, जिससे सटीकता सुनिश्चित होगी और अधूरे प्रस्तुतीकरण के कारण अस्वीकृति कम होगी। डॉ. मिश्रा ने बताया कि इस प्रणाली का विस्तार करके इसमें ऑनलाइन सीमांकन सेवाएं, स्वतः नामांतरण सेवाएं शामिल करने की योजना है।

    यह पहल पूरे हरियाणा में भूमि पंजीकरण को एक डिजिटल रूप से संचालित, कुशल और पारदर्शी प्रक्रिया में बदल देगी, जो उत्तरदायी शासन और जन-केंद्रित सुधारों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।