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सियायत गर्माई तो सीएम मनोहरलाल बाेले- धान की खेती पर प्रतिबंध नहीं, बस एडवाइजरी जारी

हरियाणा में धान की खेती राेक को लेकर सियासत गर्माई तो सीएम मनोहरलाल सामने आए और साफ किया कि इस पर प्रतिबंध नहीं लगाई गई है। सरकार ने सिर्फ एडवाइजरी जारी की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 07:01 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 07:03 PM (IST)
सियायत गर्माई तो सीएम मनोहरलाल बाेले- धान की खेती पर प्रतिबंध नहीं, बस एडवाइजरी जारी
सियायत गर्माई तो सीएम मनोहरलाल बाेले- धान की खेती पर प्रतिबंध नहीं, बस एडवाइजरी जारी

चंडीगढ़, जेएनएन। हरियाणा में धान की खेती पर रोक को लेकर सियासत तेज हुई तो मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने सामने आकर पूरे मामले में स्थिति स्‍पष्‍ट की है। मुख्‍यमंत्री ने 'मेरा पानी मेरी योजना' को लेकर शंकाओं का समाधान किया। उन्‍होंने कहा कि धान की खेती पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। इस बारे में सिर्फ किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। पानी के संकट से बचने के मद्देनजर किसानों को धान की खेती नहीं करने की सलाह दी गई है।

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बता दें कि हरियाणा में धान की खेती पर रोक लगाए जाने की चर्चाएं गर्म हैं। सरकार द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किए जाने की बात कही जा रही थी। इसको लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सियासत मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने बृहस्‍पतिवार शाम पूरे मामले पर सरकार का पक्ष रखा। उन्‍होंने कहा कि धान की खेती करने को लेकर किसानाें पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

मनोहरलाल ने कहा कि इस फैसले का कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है। यह एक एडवाइजरी टाइप है। किसानों पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। यह एक स्वैच्छिक फैसला है। यह किसानों से अपील है कि पानी की समस्‍या को देखते हुए वे धान की खेती से परहेज करें। 'मेरा पानी मेरी योजना' जल के संकट को ध्यान में रखते हुए बनाई है। उन्‍होंने कहा, 'किसान हमारे भाई हैं, सरकार किसान हितेषी है। ऐसी योजना की हर वर्ष चर्चा होती थी। हमने किसानों से अपील की है जहां पानी का भूमि में स्‍तर 40 मीटर नीचे चला गया है, वहां धान बोने से परहेज करें।

मनोहरलाल ने कहा, पहले हमने 50 फसद किसानों को धान की खेती नहीं को करने को कहा था लेकिन बाद में जिनके पास दो एकड़ जमीन है, उनको राहत दी। हमने छोटे किसानों को छूट दी और जहां खेतों में जलभराव रहता है, उनको छूट दी। बाढ़ग्रस्त एरिया में पानी का लेवल ऊंचा उठाने का प्रयास कर रहे हैं। किसानों का एक भी एकड़ खाली नहीं छोड़ने दिया जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि किसानों को वैकल्पिक फसल बोने के लिए सहायता दी जाएगी । इसके लिए सब्सिडी भी दी जाएगी। किसानों की फसल का बीमा करवाया जाएगा। उनकी फसल खरीद सुनिश्चित की जाएगी। अगर धान के अलावा कोई फसल नहीं बोई जाती तो उसमें भी किसानों से बैठकर बातचीत करेंगे कि पानी बचाकर कैसे धान की खेती की जा सकती है

उन्‍होंने पूरे मामले के गर्माने के बारे में कहा कि यदि किसी खास क्षेत्र में अगर कुछ लोग राजनीति करने पहुंच जाएंगे तो इसका मतलब यह नहीं कि सारे किसान नाराज हैं। मेरी कई किसानों से बातचीत हुई है। काफी किसानों ने अपनी इच्छा से धान की खेती नहीं करने का फैसला लिया है।

कहा- अधिकारियों को विधायकों की बात सुनने का निर्देश दिया गया

मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने अधिकारियों और विधायकों के विवाद पर कहा कि इसे गंभीरता से लिया गया है। अधिकारियों को निर्देश दिसा गया है कि वे विधायकों की बातों सुनें और सुनवाई करें। विधायकों की किसी बात की अधिकारी अनदेखी न करें।

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