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    अपनी बात सही से रख पाएंगे विधायक, बोलने के लिए मिलेगा अब अधिक समय; हरियाणा विधानसभा में नई परंपरा की शुरुआत

    Updated: Mon, 10 Mar 2025 07:06 PM (IST)

    हरियाणा विधानसभा ने बजट सत्र के दौरान शून्यकाल के लिए विधायकों को बोलने का समय 3 मिनट से बढ़ाकर 5 मिनट कर दिया है। यह निर्णय विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण ने लिया है। उनका कहना है कि इससे विधायक अपनी बात को पूरी तरह से रख पाएंगे। पहले विधायकों को केवल 3 मिनट का समय मिलता था जिससे वे अपनी बात पूरी तरह से नहीं रख पाते थे।

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    हरियाणा: विधायक अब सदन में पांच मिनट तक बोल सकेंगे। फोटो सीएम ट्विटर

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन नई परंपरा की शुरुआत हो गई। अब बजट सत्र के दौरान आयोजित होने वाले शून्यकाल के दौरान एक विधायक पांच मिनट तक सदन में अपनी बात रख सकेगा। पहले यह व्यवस्था तीन मिनट के लिए थी। इनमें आधा समय बात आरंभ करने अथवा आपसी बहसबाजी में निकल जाता था।

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    सोमवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद विधानसभा स्पीकर हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि लोकसभा की कार्यवाही के संचालन के दौरान कई बार समय के अनुसार नियमों में बदलाव किया गया है। हरियाणा विधानसभा में भी इस तरह की परंपराएं चलती रही हैं।

    विधायक अपनी बात को पूरी तरह से रख नहीं पाते हैं

    स्पीकर ने कहा कि वर्तमान में हरियाणा विधानसभा का नियम है कि शून्यकाल के दौरान विधायक जब अपनी बात रखते हैं तो उनके पास तीन मिनट का समय रहता है। इस कम समय अवधि के दौरान विधायक अपनी बात को पूरी तरह से नहीं रख पाते हैं। संसदीय कार्यप्रणाली के सुधार में विधायकों द्वारा अब पांच मिनट तक अपनी बात रखने की नई प्रथा की शुरुआत की जा रही है।

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    विधायकों को बोलने के लिए अब 5 मिनट का समय मिलेगा

    स्पीकर ने सदन में प्रस्ताव रखा कि विधानसभा का बजट सत्र अन्य सत्रों के मुकाबले लंबा होता है। इसलिए आज बजट सत्र के दौरान आयोजित होने वाले शून्यकाल के दौरान प्रत्येक विधायक को अपनी बात सदन में रखने के लिए पांच मिनट का समय दिया जाएगा।

    स्पीकर ने कहा कि बजट के अलावा अन्य विधानसभा सत्र कम अवधि के होते हैं। सामान्य सत्रों के दौरान विधायकों द्वारा सीधे किसी विषय पर बात रखने की बजाए लिखित नोटिस के माध्यम से अपना विषय रखा जाएगा।

    विधायक का लिखित नोटिस केवल विषय से संबंधित होगा। विधायक इस नोटिस के बाहर कोई बात सदन में नहीं करेगा। स्पीकर के इस प्रस्ताव पर सदन में सभी विधायकों ने सहमति जताई और सोमवार से नई संसदीय परंपरा की शुरुआत हो गई। विधायक जी अब पांच मिनट तक अपनी बात रख सकते हैं। इससे वे पूरी और अच्छी तरीके से मुद्दे को रख पाएंगे। 

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