Updated: Sun, 29 Jun 2025 07:26 PM (IST)
हरियाणा सरकार स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए इनक्यूबेटरों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। सरकारी इनक्यूबेटरों को पूंजीगत व्यय का 50% और निजी संस्थानों को 1 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। स्टार्टअप नीति-2022 के तहत नए स्टार्टअप वेयरहाउस के विकास के लिए 4 करोड़ रुपये तक की सहायता दी जाएगी। विश्वविद्यालयों में नए इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए 50 लाख रुपये तक की सहायता मिलेगी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने की कड़ी में प्रदेश सरकार अब इनक्यूबेटरों को अधिक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी। सरकारी स्वामित्व वाले इनक्यूबेटरों को पूंजीगत व्यय का 50 प्रतिशत, सरकार पोषित संस्थानों के लिए दो करोड़ रुपये और निजी संस्थानों के लिए एक करोड़ रुपये तक की पूंजी सब्सिडी दी जाएगी।
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उद्योग और वाणिज्य विभाग द्वारा हरियाणा स्टार्टअप नीति-2022 के तहत नई योजनाएं लाने की तैयारी है। नए स्टार्टअप वेयरहाउस या इनोवेशन कैंपस के विकास के लिए चार करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। कंप्यूटर खरीद, फर्नीचर, पंखे या वाटर कूलर सहित अन्य आवर्ती परिचालन व्यय के लिए तीन वर्षों तक हर साल एक करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।
मोबाइल एप्लीकेशन विकास केंद्रों के निर्माण के लिए भी इसी तरह की सहायता की योजना है। प्रदेश के सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों और कालेजों में 25 इनक्यूबेटर संचालित हैं। इसके अलावा 10 इनक्यूबेटर निजी क्षेत्र और 10 सरकार समर्थित हैं, जो मेंटरशिप, फंडिंग एक्सेस और बुनियादी ढांचागत सहायता सहित कई तरह की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
20 संस्थानों ने नए इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा है। उद्योग और वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डा. अमित कुमार अग्रवाल के मुताबिक लीज रेंट पर 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति (तीन वर्षों के लिए प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक) की जाती है।
साथ ही स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क पर शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति दी जा रही है। सरकारी स्वामित्व वाले या समर्थित इनक्यूबेटरों को मेंटरशिप पहलों के लिए सालाना ढाई लाख रुपये मिलेंगे। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों तथा स्टार्टअप मेलों के आयोजन या उनमें भाग लेने के लिए प्रति कार्यक्रम 50 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
नए इनक्यूबेशन सेंटर के लिए मिलेंगे 50 लाख रुपये
शैक्षणिक स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकारी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में नए इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए 50 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही आवर्ती खर्चों की पूर्ति के लिए भी पांच वर्षों के लिए प्रति वर्ष 20 लाख रुपये दिए जाएंगे।
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