Nayab Saini Interview: 'कांग्रेस का उसी से मुकाबला, हम बहुमत से सरकार बनाएंगे', CM सैनी ने राहुल गांधी पर भी बोला हमला
CM Nayab Saini Interview हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दैनिक जागरण से खास बातचीत में कहा कि भाजपा को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस के झूठ शोषण और चरित्र का वास्तविक चेहरा बेनकाब हो चुका है। लोगों को भाजपा की डबल इंजन की सरकार का फायदा मिलेगा। पढ़िए सीएम नायब सैनी से दैनिक जागरण के हरियाणा ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने विस्तृत बातचीत की।
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। राज्य की 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक चार बड़ी रैलियां कर चुके हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी लगातार प्रचार में जुटे हैं। स्वयं कुरुक्षेत्र जिले की लाडवा से चुनाव लड़ रहे हैं। उन पर स्वयं के विस क्षेत्र में चुनाव प्रचार के साथ-साथ राज्य की सभी सीटों पर पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में माहौल बनाने की जिम्मेदारी भी है।
मुख्यमंत्री सुबह सात बजे से अपनी चुनावी दिनचर्या आरंभ करते हैं और रात को दो बजे तक जनसंपर्क कर भाजपा को तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री अभी तक पूरे राज्य में करीब 200 चुनावी सभाएं और रैलियां कर चुके हैं। चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में बदले राजनीतिक माहौल पर दैनिक जागरण के राज्य ब्यूरो प्रमुख अनुराग अग्रवाल ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से विस्तृत बातचीत की। पेश है मुख्यमंत्री से हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
1. एक महीने से चुनाव प्रचार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री भी चार रैलियां कर चुके हैं। क्या माहौल नजर आ रहा है?
माहौल भाजपा के पक्ष में है। भाजपा को 10 साल के कार्यकाल में किये गए जनहितैषी कार्यों का लाभ मिल रहा है। प्रदेश के लोगों के दिमाग में यह बैठ चुका है कि यदि कांग्रेस सत्ता में आ गई तो राज्य में फिर से लूट- खसोट, अपराध, गुंडागर्दी, बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों की बिक्री आरंभ हो जाएगी। जनता ने तीसरी बार भाजपा को सरकार में लाने का मन बना लिया है।
2. बहुमत के लिए 46 सीटों की जरूरत होती है। इस बार आपको कितनी सीटें मिलने की उम्मीद है?
मैं सीटों की संख्या पर नहीं जाता। 5 अक्टूबर को मतदान और 8 को मतगणना है। आपको उसी दिन पता चल जाएगा कि भाजपा ने कितनी सीटें जीती हैं। फिलहाल मैं कह सकता हूं कि हम पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रहे हैं।
3. प्रधानमंत्री मोदी और आप अपनी जनसभाओं में कांग्रेस के भर्ती रोको गैंग की बात कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से आरोप लगाये जा रहे कि आपकी सरकार में पेपर लीक हुए, जिनमें भर्तियों का खेला किया गया।
यह तो वही बात हुई कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। हमारी सरकार की बिना पर्ची-बिना खर्ची की पूरे देश में चर्चा है। कांग्रेस के राज में सरकारी नौकरी के लिए मां-बाप को खेत और जेवर तक गिरवी रखने पड़ते थे। कांग्रेस राज में सरकारी नौकरियों के रेट तय थे। आज रिक्शा वाले का बच्चा और मजदूर का बेटा भी बिना पैसे दिए सरकारी नौकरी पर लगा है।
चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत कर करीब 25 हजार भर्तियों के रिजल्ट पर रोक लगवा दी। रही पेपर लीक की बात तो अंतर सिर्फ इतना है कि कांग्रेस ने अपने राज में इस माफिया को सरकारी संरक्षण दिया, लेकिन हमने उन्हें बेनकाब किया।
4. कांग्रेस जीत के प्रति आशान्वित है। उसे लग रहा है कि राज्य में भाजपा जा रही है और कांग्रेस आ रही है।
यह कांग्रेस नेताओं का भ्रम है। कांग्रेस नेताओं की सैकड़ों वीडियो क्लिप सामने आ चुकी हैं। इनमें वे सरकारी नौकरियों का कोटा अपने-अपने विस क्षेत्रों में लाने की बात कह रहे हैं। कोई नहीं चाहेगा कि विकास के रास्ते पर फर्राटे भर रहा राज्य एक बार फिर विकास की पटरी से उतर जाए। प्रदेश के लोगों को 10 साल तक डबल इंजन की सरकार का फायदा मिला है। इस बार फिर उन्हें डबल इंजन की सरकार का भरपूर फायदा मिलेगा।
5. कांग्रेस नेताओं की आपसी लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। भाजपा ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी सैलजा की राजनीतिक उपेक्षा को बड़ा मुद्दा बनाया, लेकिन राहुल गांधी ने हुड्डा और सैलजा के हाथ मिलवाकर भाजपा से यह मुद्दा छीन लिया है।
हमारे लिए यह मुद्दा नहीं है, बल्कि हम इसे सकारात्मक दृष्टि से देखते हैं। बहन कुमारी सैलजा देश की वरिष्ठ दलित नेता हैं। कांग्रेस नेताओं ने हमेशा उनका अपमान किया है। भाजपा की महिलाओं और दलितों के प्रति सकारात्मक सोच है। इसलिए हमने उन्हें पेशकश की थी कि यदि कांग्रेस में सम्मान सुरक्षित नहीं लगता है तो वह हमारी पार्टी में आ जाए। हुड्डा और सैलजा के हाथ मिलने का मतलब यह नहीं है कि दिल मिल गये।
6. कांग्रेस अपना मुकाबला भाजपा से मानती है, लेकिन भाजपा की नजर में उसका मुकाबला किस के साथ है?
भाजपा का कांग्रेस से कोई मुकाबला नहीं है। हम कांग्रेस को मुकाबले में ही नहीं मानते। कांग्रेस की लड़ाई फिलहाल उसी के नेताओं यानी कांग्रेस से ही चल रही है। कांग्रेस अब धीरे-धीरे क्षेत्रीय पार्टी होती जा रही है। प्रदेश में उसका राजनीतिक वजूद दांव पर लगा है। उन राज्यों की आर्थिक स्थिति देखो, जहां पर कांग्रेस की सरकारें हैं। चुनाव से पूर्व के वादे आज तक पूरे नहीं किये गये हैं। हिमाचल प्रदेश की वित्तीय स्थिति खराब हो चुकी है। कर्नाटक में किसानों के साथ किये गये एक भी वादे को लागू नहीं किया गया है। तेलंगाना में भी हालात ठीक नहीं हैं।
हम 24 फसलें एमएसपी पर खरीद रहे हैं। खरीद के दो दिन बाद राशि सीधी किसानों के खाते में डाल दी जाती है। कांग्रेस राज में किसानों को दो-दो रुपये के मुआवजे के चेक मिलते थे।
7. इनेलो और जजपा समेत कुछ क्षेत्रीय दल भी चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस को आप क्षेत्रीय दल की ओर बढ़ रही पार्टी बता रहे हैं तो क्षेत्रीय दलों के बारे में आपकी क्या राय है?
कांग्रेस को मैंने इसलिए क्षेत्रीय दल की ओर बढ़ रही पार्टी बताया, क्योंकि इसके नेता राहुल गांधी आरंभ में राज्य में चुनाव प्रचार करने का साहस नहीं जुटा सके। करनाल और हिसार में दो रैलियों के बाद उन्हें लगा कि यहां भीड़ नहीं जुट रही है तो वह अपनी बहन प्रियंका गांधी को लेकर राज्य में पिकनिक और सैर-सपाटे के लिए आ गये। अब वह रोड शो कर रहे हैं, ताकि इस बात का पता ना चल सके कि उनके कार्यक्रमों में कितने लोग जुटे हैं और कितने नहीं जुट पाए हैं। भाजपा ने हरियाणा को पर्यटन की दृष्टि से काफी विकसित किया है। इसलिए राहुल गांधी आराम से अपनी बहन के साथ यहां घूम सकते हैं। रही बाकी क्षेत्रीय दलों की बात तो इनेलो प्राय-प्राय खत्म हो चुका है। जजपा का साढ़े चार साल का कार्यकाल सबने देखा है। उनके नेताओं ने अपने कार्यकर्ताओं को अनदेखी करते हुए सिर्फ अपनी इच्छाएं पूर्ति पर ध्यान दिया है।
8. अरविंद केजरीवाल भी प्रचार में ताल ठोंक रहे हैं। जमानत पर रिहा होने के बाद उन्होंने सबसे पहले हरियाणा का रुख किया और स्वयं को हरियाणा के बेटे के रूप में पेश करते हुए पार्टी के लिए वोट मांगे।
अरविंद केजरीवाल को हरियाणा के हितों से कोई लेना देना नहीं है। उसके जैसा अवसरवादी और गिरगिट की तरह रंग बदलने वाला मैंने नहीं देखा। आम आदमी पार्टी ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार के दलदल में धंसी है। केजरीवाल के पास दिल्ली में काम करने के लिए कुछ नहीं था। वह भी यहां चुनाव प्रचार का आनंद लेने आ गए। कांग्रेस के बाद देश में सबसे भ्रष्टाचारी पार्टी अगर कोई है तो वह आम आदमी पार्टी है। मैं केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि यदि वह स्वयं को हरियाणा का बेटा बताते हैं तो पंजाब में मुख्यमंत्री को निर्देश क्यों नहीं देते कि हरियाणा को एसवाईएल का पानी दें। वह हरियाणा के हितों का सिर्फ नाटक करते हैं।
राहुल गांधी शुरू में चुनाव प्रचार करने का साहस नहीं जुटा पाए। दो रैलियों के बाद उन्हें लगा कि भीड़ नहीं जुट रही है तो वह बहन प्रियंका गांधी को लेकर राज्य में सैर-सपाटे के लिए आ गये।
9. कांग्रेस में जिस तरह से मुख्यमंत्री के चेहरे की लड़ाई चल रही है, उसी तरह भाजपा में भी कई नेताओं की निगाह सीएम के पद पर है, जबकि प्रधानमंत्री मोदी आपको सीएम का चेहरा घोषित कर चुके हैं।
भाजपा व कांग्रेस की राजनीति में यही मूल अंतर है। कांग्रेस मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करने का साहस नहीं जुटा पा रही है। हमारे शीर्ष नेतृत्व का विजन स्पष्ट है। उन्होंने पहले ही घोषित कर दिया था कि ओबीसी गरीब समाज का प्रतिनिधित्व करने वाला व्यक्ति सीएम होगा। रही भाजपा में भी मुख्यमंत्री के दावेदारों की बात तो हमारा हर कार्यकर्ता मुख्यमंत्री है। भाजपा में स्वस्थ लोकतंत्र है।
10. हरियाणा की अर्थव्यवस्था का मूल आधार खेती-किसानी को माना जाता है। कांग्रेस किसानों के हितों की अनदेखी के आरोप लगा रही है।
कांग्रेस ने किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर बिल्डरों को दी। कांग्रेस के राज में किसानों को दो-दो रुपये के मुआवजे के चेक मिलते थे। कांग्रेस ने 10 साल के कार्यकाल में 1100 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया, जबकि भाजपा ने 10 साल के कार्यकाल में 12 हजार 500 करोड़ का मुआवजा दिया। भाजपा सरकार सभी 24 फसलों को एमएसपी पर खरीदने का काम कर रही है।
हमने बिना किसी भेदभाव के सरकारी नौकरियां दीं। हमारी सरकार की बिना पर्ची-बिना खर्ची की पूरे देश में चर्चा है। कांग्रेस के राज में सरकारी नौकरी के लिए खेत गिरवी रखने पड़ते थे।
11. कांग्रेस कह रही है कि भाजपा ने उसके चुनाव घोषणा पत्र का कापी पेस्ट किया है। इस चुनाव में कौन से मुद्दे हावी हो रहे हैं?
मैं बता दूं कि प्रदेश की जनता संविधान और आरक्षण को खत्म करने की कांग्रेस की साजिश को कामयाब नहीं होने देगी। भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में महिलाओं को अग्रणी भूमिका में रखा है। माताओं-बहनों को प्रति माह लाडो लक्ष्मी योजना के तहत 2100 रुपये दिए जाएंगे। 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेगा। 1.80 लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों के घरों की छत पर दो किलोवाट का सोलर पैनल लगेगा। भाजपा के 56 दिनों से हुड्डा के 10 वर्षों की तुलना की जाए तो भाजपा के 56 दिन भारी पड़े हैं। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पांच लाख नये मकान बनाने का काम भाजपा सरकार करेगी। अग्निवीरों को पक्की नौकरी दी जाएगी।
12. चर्चा है कि जजपा-आसपा और इनेलो-बसपा य़ानी जाट व दलित गठजोड़ को भाजपा ने ही हवा दी है, ताकि इस वोट बैंक में बंटवारा हो सके।
देखिये, भाजपा क्षेत्रवाद, जाति और व्यक्तिवाद की राजनीति नहीं करती। इसका भरोसा सबका साथ सबका विकास और पूरे प्रदेश का एक समान विकास पर है। भाजपा का सिर्फ एक ही एजेंडा है और वह ये कि राज्य का समग्र, सर्वांगीण विकास। भाजपा लोगों को जोड़ने में भरोसा करती है। इस तरह के आकलन यदि किसी के हैं तो उसकी अपनी सोच हो सकती है। भाजपा सभी को साथ लेकर चलती है।
साक्षात्कार की खास बातें
- राहुल गांधी अपनी बहन के साथ राज्य के पर्यटन पर निकले।
- रैलियों में भीड़ नहीं जुटने पर रोड शो करने लगे राहुल।
- भ्रष्टाचार में नंबर वन बनने को लेकर कांग्रेस और आप में कंपीटीशन।
- इनेलो खत्म हो चुका, जजपा का हाल सबने देख लिया।
- कांग्रेस के झूठ, शोषण और चरित्र का वास्तविक चेहरा बेनकाब हो चुका।
- लोगों को मिलेगा भाजपा की डबल इंजन की सरकार का फायदा।
- प्रदेश में वोट मांग रहे केजरीवाल एसवाईएल के पानी पर चुप क्यों हैं।
- कांग्रेस किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर बिल्डरों को देती रही।
- कांग्रेस ने अग्निवीर योजना को लेकर जनता में हमेशा भ्रम फैलाया।