नायब सरकार ने 100 दिनों में बदले 3 गांव के नाम, बताने पर लोगों को होती थी शर्मिंदगी; PM तक पहुंचा था मामला
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिछले 100 दिनों में तीन गांवों के नाम बदले हैं। इससे लोगों में खुशी है। इससे पहले लोगों को गांव का नाम बताने पर शर्मिंदगी होती थी। मनोहर सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 17 गांवों के नाम बदलकर उन्हें नई पहचान दी थी। मनोहर सरकार ने गुड़गांव का नाम 2016 में गुरुग्राम रखा था।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की भाजपा सरकार लगातार राज्य के ऐसे गांवों के नाम बदल रही है, जिनकी वजह से इन गांवों में रहने वाले लोगों को शर्मसार महसूस होती है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपनी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में तीन गांवों के नाम बदले हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए आठ साल में 17 गांवों को नई पहचान दी थी।
हरियाणा में "शर्मनाक, विचित्र या अपमानजनक" गांवों के नाम बदलने की परंपरा पहली बार वर्ष 2015 में तब शुरू हुई जब फतेहाबाद जिले की 12 वर्षीय छात्रा हरप्रीत कौर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि उनके गांव का नाम गंदा है।
छात्रा गांव के नाम के कारण निवासियों को होने वाली शर्मिंदगी और अपमान की ओर आकर्षित किया था, जिसके कारण वह लोगों को गांव का नाम बताने से कतराते थे। इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसका संज्ञान लेते हुए हरियाणा सरकार को कार्रवाई के लिए कहा। तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गंदा गांव का नाम बदलकर अजीत नगर रखा।
मनोहर सरकार ने बदले 17 गांवों के नाम
इसके बाद हरियाणा के सभी जिलों में गांवों तथा कस्बों के ऐसे शर्मनाक या विचित्र नाम देखे गए जिनके कारण वहां रहने वाले लोगों को शर्म महसूस होती थी। मनोहर सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कुल 17 गांवों के नाम बदलकर उन्हें नई पहचान दी।
मनोहर सरकार के इस अभियान का सबसे उल्लेखनीय मील का पत्थर गुड़गांव था, जिसका नाम 2016 में महाभारत के गुरु द्रोणाचार्य, पांडवों के तीरंदाजी शिक्षक के साथ इसके संबंध को सम्मान देने के लिए गुरुग्राम रखा गया था।
ऐसे ही गंदा (बुरा), किन्नर (ट्रांसजेंडर), कुतिया खीरी (कुतियों का निवास) और गंदा खेड़ा (बुरे लोगों का स्थान) जैसे अस्पष्ट नामों वाले गांवों का नाम बदल दिया गया है।
नाम बदलने की परंपरा आज भी जारी
हरियाणा की नायब सरकार ने अपने सौ दिन के कार्यकाल के दौरान प्रदेश के तीन गांवों के नाम बदल दिए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल के दौरान शुरू हुई यह परंपरा प्रदेश में आज भी जारी है। हरियाणा की नायब सरकार के सौ दिन पूरे होने पर जारी की गई पुस्तिका में इसका उल्लेख किया गया है।
नायब सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान यमुनानगर जिले के बिलासपुर का नाम बदलकर व्यासपुर रखा। इसके बाद भिवानी जिले के गांव दुर्जनपुर का नाम बदलकर अब सज्जनपुर रखा गया है। इसी प्रकार सोनीपत का गांव मोहम्दाबाद अब प्रेमसुख नगर के नाम से जाना जाएगा।

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