Haryana News: भ्रूण हत्या को लेकर एक्शन में नायब सरकार, 23 MTP केंद्रों को नोटिस; 17 विक्रेताओं पर FIR
हरियाणा सरकार ने कन्या भ्रूण हत्या और लिंग परीक्षण के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। 23 मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) केंद्रों को बंद करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। दो महीनों में ऑनलाइन एमटीपी किट बेचने वाले 17 विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। कई चिकित्सा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2015 में जिस हरियाणा से कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध देशव्यापी अभियान चालू किया था, उसके विभिन्न शहरों में लिंग परीक्षण व कन्या भ्रूण हत्या की घटनाएं अचानक सामने आने से सरकार चिंतित और सख्ती के मूड में है।
हरियाणा सरकार के संज्ञान में आया है कि जिन लोगों के कंधों पर कन्या भ्रूण हत्या रोकने की जिम्मेदारी है, वे ही इसका कारण बन रहे हैं। कन्या भ्रूण हत्या और गर्भ में लिंग जांच की शिकायतों पर प्रदेश सरकार ने इस सप्ताह 23 मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) केंद्रों को बंद करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। दो महीनों में ऑनलाइन एमटीपी किट बेचने वाले 17 विक्रेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
इन अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
छापेमारी करते हुए 23 पीएनडीटी केंद्रों को बंद कर दिया गया है। लिंग जांच रोकने में विफल रहे हिसार के नोडल अधिकारी पीएनडीटी डॉ. प्रभु दयाल को निलंबित कर दिया गया है। इसका एक मंत्री से निजी कनेक्शन बताया जाता है।
12 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों नाहर (रेवाड़ी), तोशाम (भिवानी), दनौदा (जींद), कुंजपुरा (करनाल), तावड़ू (नूंह), तिगांव (फरीदाबाद), भट्टू कलां (फतेहाबाद) के प्रभारी वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
अटेली (महेंद्रगढ़), उकलाना (हिसार), बड़ोपल (फतेहाबाद), निसिंग (करनाल) और लाडवा (कुरुक्षेत्र) में लिंगानुपात कम होने के कारण एसएमओ को संतोषजनक जवाब नहीं देने पर चार्जशीट किया जा सकता है। सबसे कम लिंगानुपात वाले तीन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी एसएमओ को चार्जशीट किया जाएगा।
सबसे कम लिंगानुपात वाले पांच जिलों चरखी दादरी, रेवाड़ी, रोहतक, गुरुग्राम तथा फरीदाबाद के पीएनडीटी नोडल अधिकारियों को सरकार ने बदल दिया है। हिसार में अवैध गर्भपात में शामिल दलाल ऊषा के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की तैयारी है।
डॉक्टरों की मिलीभगत से लिंग परीक्षण काम जारी
दो लड़कियों की मां पूजा को गर्भपात के लिए मजबूर करने के मामले में रोहतक और सोनीपत के सिविल सर्जन ने एफआईआर दर्ज कराई है।
सरकार की यह सख्ती एक स्टिंग के उजागर होने के बाद हुई है, जिसमें यह दिखाया गया है कि किस तरह से अभी भी अधिकारियों व डॉक्टरों की मिलीभगत से राज्य में लिंग परीक्षण का काम जारी है।
यही वजह है कि राज्य में एक समय 923 तक पहुंच चुका लिंगानुपात अब काफी घट गया है और लिंगानुपात 950 तक ले जाने ला लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है।
गर्भवती महिलाओं को मैसेज और कॉल आएगी
स्वास्थ्य विभाग ने एक या इससे अधिक लड़की वाली 62 हजार गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य विभाग की हेल्पलाइन नंबर 104 के माध्यम से सूचित किया जा रहा है कि कन्या भ्रूण हत्या पाप है।
आशा वर्कर को उन गर्भवती महिलाओं से लिंक किया जाएगा, जिनके पास दो से अधिक बेटियां हैं। संबंधित आशा को बेटी के सफल प्रसव के लिए 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
300 एमटीपी केंद्र किए बंद
राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) के संयोजक और एनएचएम निदेशक डॉ. वीरेंद्र यादव ने बताया कि अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने की आशंका के चलते 1500 एमटीपी केंद्रों में से 300 के पंजीकरण रद्द कर दिए गए हैं।
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