1984 के सिख दंगों में मरने वालों के स्वजन को सरकारी नौकरी देगी नायब सरकार, विधानसभा में सीएम नायब ने की घोषणा
हरियाणा सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से प्रभावित 121 परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा में यह घोषणा करते हुए कहा कि पीड़ितों के नाम उपायुक्त के माध्यम से भेजे जाएंगे। सरकार योग्यता के अनुसार नौकरी देगी। दंगों में हरियाणा के 121 लोग मारे गए थे और करोड़ों की संपत्ति जली थी।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों में प्रभावित सभी 121 परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की महत्वपूर्ण घोषणा की है। इन परिवारों के सदस्य सिख विरोधी दंगों में मारे गए थे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा के मानसून सत्र में यह घोषणा करते हुए कहा कि इसके लिए जिला उपायुक्त के माध्यम से हरियाणा सरकार के पास नाम भेजा जाएगा, ताकि राज्य सरकार संबंधित सदस्य को उसकी योग्यता के हिसाब से यथोचित नौकरी प्रदान कर सके।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की इस घोषणा को निकटवर्ती राज्य पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा करने से पूर्व विधानसभा में श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी के 350वें शहीदी दिवस के अवसर पर एक सरकारी प्रस्ताव पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
इस प्रस्ताव में कहा गया कि पूरा देश नौवें सिख गुरु एवं हिंद की चादर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी का 350वां शहीदी वर्ष मना रहा है। यह सदन उनके अद्वितीय बलिदान के प्रति गहरी श्रद्धा व्यक्त करता है। हुड्डा सरकार में गर्ग आयोग ने की थी जांच सिख विरोधी दंगों को लेकर हरियाणा सरकार ने भी जांच कराई थी।
हौंद-चिल्लड़ केस को लेकर वर्ष 2013 में हरियाणा में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार की ओर से जस्टिस टीपी गर्ग आयोग बनाया गया था। हिसार में आयोग के समक्ष सिख दंगों के प्रभावितों ने अपनी गवाहियां दर्ज कराई थी। आयोग की सिफारिश पर तब सरकार ने पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा परिवारों को दिया था।
दंगों में हरियाणा के 58 लोग हुए थे गंभीर तौर पर घायल, करोड़ों की निजी व सरकारी संपत्ति जली थी मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद कहा कि जब वे भी हरियाणा के दौरे पर निकले तो सिख विरोधी दंगों के पीड़ित परिवार के सदस्यों ने मिलकर अपनी व्यथा सुनाई।
1984 में सिख विरोधी दंगों में प्रदेश में लगभग 20 गुरुद्वारों, 221 मकानों, 154 दुकानों, 67 फैक्ट्रियों, तीन रेल डिब्बों और 85 वाहनों को जला दिया गया था। इन दंगों में 58 व्यक्ति घायल हुए थे और 121 लोगों की मृत्यु हुई थी। पीड़ित परिवारों की व्यथा सुनने के बाद हरियाणा सरकार ने ऐसे परिवारों के पुनर्वास का जिम्मा लिया है।
सदन में सीएम ने बलिदान का राष्ट्रीय इतिहास और गौरवशाली अध्याय बताया मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने प्रस्ताव में कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी, भाई मती दास जी, भाई सती दास जी, भाई दयाला जी और श्री कुशाल सिंह दहिया जी की शहादत न केवल हमारे राष्ट्रीय इतिहास का एक गौरवशाली अध्याय है, बल्कि अत्याचार और उत्पीड़न के विरुद्ध प्रतिरोध का एक शाश्वत और सार्वभौमिक प्रतीक भी है। उनका यह अद्वितीय साहस मानवता को न्याय, सत्य और धर्म के प्रति अडिग रहने के लिए प्रेरित करता रहेगा।
परिवार को खुद तय करना होगा एक नाम
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवारों को आपसी सहमति से परिवार के एक सदस्य का नाम तय करना होगा, जिसे उपायुक्त मुख्य सचिव के पास भिजवाएंगे। नौकरियां देने के प्रारूप, नियम और शर्तों के बारे में जल्दी ही अधिसूचना जारी की जाएगी।
रेवाड़ी के हौंद चिल्लड़ में 32 लोगों की गई थी जान
वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के दंगों ने हरियाणा को भी अपनी जद में लिया था। इसका दिल्ली से सटे इलाकों में सबसे ज्यादा असर रहा। रेवाड़ी में सिख बाहुल्लय हौंद-चिल्लड़ गांव में हुई घटना में 32 लोगों की जान गई थी।
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