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    मुश्किलों में घिरी नायब सरकार, मंत्रिमंडल के गठन को हाईकोर्ट में चुनौती; आखिर क्या है माजरा?

    Updated: Fri, 18 Oct 2024 06:41 PM (IST)

    हरियाणा (Haryana News) की 90 सदस्यीय विधानसभा में 15 प्रतिशत से ज्यादा मंत्रियों की नियुक्ति को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि संविधान संशोधन के अनुसार विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक मंत्री नहीं हो सकते लेकिन वर्तमान में हरियाणा में 14 मंत्री हैं।

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    हरियाणा में नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल गठन को हाईकोर्ट में चुनौती।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा की 90 सदस्यीय 15वीं विधानसभा में कुल विधायकों के 15 फीसदी से ज्यादा मंत्री बनाए जाने के विरुद्ध हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। पिछली सरकारों में भी ऐसी जनहित याचिकाएं दायर होती रही हैं।

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    याचिका में आरोप लगाया गया कि मंत्रिमंडल में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं, मगर हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, जो संविधान संशोधन का उल्लंघन है।

    15 प्रतिशत होनी चाहिए मंत्रियों की संख्या

    इस मामले को लेकर एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने याचिका दायर कर बताया कि संविधान के 91वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है।

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    हरियाणा विधानसभा में कुल विधायकों की संख्या 90 है। ऐसे में संविधान के संशोधन के अनुसार कैबिनेट में अधिकतम मंत्री 13.5 हो सकते हैं। लेकिन हरियाणा में इस समय 14 मंत्री हैं, यह संविधान में संशोधन का उल्लंघन है।

    याचिका में भट्टी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, अनिल विज, कृष्णलाल पंवार, राव नरबीर, महिपाल ढांडा, विपुल गोयल, डॉ. अरविंद शर्मा, श्याम सिंह राणा, रणबीर गंगवा, कृष्ण कुमार बेदी, श्रुति चौधरी, आरती राव, राजेश नागर और गौरव गौतम के अलावा केंद्र सरकार व हरियाणा विधानसभा को प्रतिवादी बनाया है।

    विधायकों को खुश करने के लिए बढ़ाई गई संख्या

    आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार द्वारा जो मंत्री पद और कैबिनेट रैंक बांटी गई है, उसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है। विधायकों को खुश करने के लिए मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और उनको भुगतान जनता की गाढ़ी कमाई से किया जाता है।

    याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील करते हुए कहा कि तय संख्या से अधिक मंत्री होने के चलते अतिरिक्त मंत्रियों को हटाया जाए। इसके साथ ही याचिका लंबित रहते उनको मिलने वाले लाभ पर रोक लगाए जाने की भी हाईकोर्ट से मांग की गई हैं।

    यह याचिका अभी हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में फाइल हुई है और इस पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है। इससे पहले भी एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने तेरहवीं व चौदहवीं विधानसभा के दौरान 15 फीसदी से ज्यादा मंत्री बनाए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था।

    बता दें कि गुरुवार को नायब सिंह सैनी ने दूसरी बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। नायब सैनी के अलावा 13 विधायकों ने मंत्रीपद की शपथ ली थी।

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