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    नफे सिंह राठी हत्याकांड: सीबीआई अदालत में अहम गवाह की गवाही, 15 अक्टूबर को अगली सुनवाई

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 04:13 PM (IST)

    पंचकूला सीबीआई अदालत में इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी हत्याकांड की सुनवाई हुई। एक अहम गवाह ने घटनाक्रम पर बयान दर्ज कराए जिसके बाद अदालत ने अगली तारीख 15 अक्टूबर तय की। आरोपितों पर हत्या आपराधिक साजिश और शस्त्र अधिनियम के तहत आरोप हैं। 25 फरवरी 2024 को बहादुरगढ़ में नफे सिंह राठी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

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    बहादुरगढ़ बराही रेलवे फाटक के पास नफे सिंह राठी की कार पर बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी।

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक नफे सिंह राठी हत्याकांड मामले में वीरवार को पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान एक अहम गवाह की गवाही दर्ज कर की गई है। गवाह के बयान के बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 15 अक्टूबर तय की है। अदालत में पेश हुए गवाह ने हत्याकांड से जुड़े घटनाक्रम पर विस्तार से बयान दर्ज कराए। यह गवाह वारदात के अहम पहलुओं को सीधे तौर पर जानता है। कोर्ट ने इससे पहले तीन चश्मदीद गवाहों को तलब किया था, जिनमें से एक की गवाही इस सुनवाई में दर्ज कर ली गई है।

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    आरोपितों पर तय हो चुके हैं आरोप

    इस मामले में हत्या के आरोपित शूटर आशीष उर्फ बाबा, सचिन उर्फ सौरभ, धर्मेंद्र और अमित गुलिया पहले ही जेल में बंद हैं। 1 सितंबर को इन्हें जेल से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया था। सुनवाई के दौरान आरोप तय किए जाने पर सभी आरोपितों ने खुद को निर्दोष बताया था।, जबकि यूके में बैठे कुख्यात अपराधी कपिल सांगवान उर्फ नंदू, शूटर अतुल गुलिया, नकुल सांगवान और खुशप्रीत लाठर फरार हैं। इन सभी को अदालत पहले ही भगौड़ा घोषित कर चुकी है।

    इन धाराओं में हुआ है केस दर्ज

    विशेष सीबीआई कोर्ट के न्यायाधीश राजीव गोयल ने सीबीआई द्वारा पेश सबूतों के आधार पर आरोप तय किए थे। आरोपितों पर धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 302 (हत्या), धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 34 (समान इरादा) और शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 25 व 27 के तहत केस चल रहा है।

    2 मई 2024 को सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली थी

    25 फरवरी 2024 को बहुचर्चित यह वारदात बहादुरगढ़ बराही रेलवे फाटक के पास हुई थी। उस समय नफे सिंह राठी अपनी गाड़ी में थे, तभी बदमाशों ने उनकी कार पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इस हमले में नफे सिंह राठी और उनके साथ बैठे पार्टी कार्यकर्ता जयकिशन दलाल की मौके पर ही मौत हो गई थी।

    चालक राकेश और निजी गनमैन संजीत गंभीर रूप से घायल हुए थे। घटना के बाद परिजनों व समर्थकों की मांग पर यह केस सीबीआई को सौंपा गया। 2 मई 2024 को सीबीआई ने औपचारिक रूप से जांच अपने हाथ में लेकर कार्रवाई शुरू की। तब से लगातार इसमें सुनवाई चल रही है।