नफे सिंह राठी हत्याकांड में दूसरे गवाह की गवाही दर्ज, अदालत में घटनाक्रम का विस्तार से विवरण दिया, अब 6 नवंबर को सुनवाई
पंचकूला की सीबीआई अदालत में नफे सिंह राठी हत्याकांड की सुनवाई हुई। दूसरे गवाह ने घटना का विवरण दिया। इससे पहले एक गवाह की गवाही हुई थी। अदालत ने गवाहों के खिलाफ वारंट जारी किए थे। इसके बाद दूसरे गवाह ने अदालत में पेश होकर हत्याकांड से जुड़े घटनाक्रम का विस्तार से विवरण दिया। अब अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी।

नफे सिंह राठी का फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, पंचकूला। इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी हत्याकांड मामले में बुधवार को पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत में दूसरे गवाह की गवाही दर्ज की गई। गवाह ने अदालत में पेश होकर हत्याकांड से जुड़े घटनाक्रम का विस्तार से विवरण दिया। इससे पहले 25 सितंबर को भी मामले के एक मुख्य गवाह की गवाही दर्ज की जा चुकी है। अब इस केस में अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी।
गौर हो कि अदालत ने तीन चश्मदीद गवाहों को तलब किया था जिन्हें 25 सितंबर को गवाही देनी थी। हालांकि, उस दिन केवल एक ही गवाह अदालत में पेश हुआ था। बाकी दो गवाहों की गैरहाजिरी के चलते अदालत ने उनके खिलाफ पांच-पांच हजार रुपये के जमानती वारंट जारी कर दिए थे और अगली सुनवाई में पेश होने का आदेश दिया था। बुधवार को कोर्ट में इनमें से एक गवाह ने अपनी गवाही दर्ज कराई है।
चार आरोपित अब भी फरार
इस मामले में हत्या के आरोपित आशीष उर्फ बाबा, सचिन उर्फ सौरभ, धर्मेंद्र और अमित गुलिया पहले ही जेल में बंद हैं। अदालत में 1 सितंबर को इन्हें वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था। आरोप तय किए जाने के दौरान सभी आरोपितों ने खुद को निर्दोष बताया था। वहीं, यूके में बैठे कुख्यात अपराधी कपिल सांगवान उर्फ नंदू, शूटर अतुल गुलिया, नकुल सांगवान और खुशप्रीत लाठर अब भी फरार हैं। अदालत इन सभी को पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है।
इन धाराओं में चल रहा है मामला
सीबीआई ने जांच पूरी कर अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसके आधार पर विशेष सीबीआई न्यायाधीश राजीव गोयल ने आरोप तय किए। सभी आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 34 (समान इरादा) और शस्त्र अधिनियम 1959 की धारा 25 व 27 के तहत केस चल रहा है।
25 फरवरी 2024 को हुआ था बहुचर्चित हत्याकांड
यह हत्याकांड 25 फरवरी 2024 को बहादुरगढ़ के बराही रेलवे फाटक के पास हुआ था। नफे सिंह राठी उस समय अपनी कार में सवार थे, तभी बदमाशों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इस हमले में नफे सिंह राठी और उनके साथी जयकिशन दलाल की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि चालक राकेश और निजी गनमैन संजीत गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घटना के बाद इलाके में भारी तनाव फैल गया था और परिजनों व समर्थकों की मांग पर मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई थी। 2 मई 2024 को सीबीआई ने इस केस की जांच औपचारिक रूप से अपने हाथ में लेकर कार्रवाई शुरू की थी। तब से लेकर अब तक विशेष सीबीआई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई लगातार जारी है।
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