नफे सिंह राठी हत्याकांड में आरोपित धर्मेंद्र की याचिका दूसरी बार खारिज, कोर्ट ने कहा-अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती
नफे सिंह राठी हत्याकांड में आरोपी धर्मेंद्र की जमानत याचिका सीबीआई अदालत ने दूसरी बार खारिज कर दी है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। सीबीआई ने धर्मेंद्र की जमानत का विरोध किया था। मामला नफे सिंह राठी की हत्या से जुड़ा है, जिसकी गंभीरता को देखते हुए अदालत ने यह निर्णय लिया।

नफे सिंह राठी का फाइल फोटो।
नफे सिंह राठी हत्याकांड : सीबीआइ अदालत ने दूसरी बार ठुकराई आरोपित धर्मेंद्र की जमानत याचिका
जागरण संवाददाता, पंचकूला। विशेष सीबीआई अदालत पंचकूला ने इनेलो के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी और जय किशन दलाल की डबल मर्डर केस में एक आरोपित धर्मेंद्र की दूसरी नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती। धर्मेंद्र पर आईपीसी की धारा 120-बी, 302, 307, 147, 148, 149 तथा आर्म्स एक्ट की धाराओं के तहत गंभीर आरोप हैं। वह 7 मार्च 2024 से न्यायिक हिरासत में है।
अदालत ने कहा कि पहली जमानत अर्जी जुलाई 2025 में खारिज हो चुकी है और उस दौरान न तो रिमांड पर आपत्ति जताई गई और न ही गिरफ्तारी की वैधानिकता पर सवाल उठाया गया। अदालत ने यह भी माना कि आरोपित की ओर से प्रभावी पैरवी की गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उसे आरोपों की जानकारी थी।
अदालत ने माना कि धर्मेंद्र को गिरफ्तारी के आधारों की जानकारी मौखिक रूप से दी गई, उसे कानूनी सहायता उपलब्ध रही, उसने पहली ही जमानत अर्जी में सभी कानूनी तर्क रखे, और उसने समय रहते कोई आपत्ति नहीं उठाई। इन तथ्यों को देखते हुए अदालत ने कहा कि आरोपित को न तो कोई पूर्वाग्रह हुआ और न ही गिरफ्तारी गैरकानूनी मानी जा सकती है। अपराध की गंभीरता, उपलब्ध साक्ष्य और आरोपी की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए नियमित जमानत देने से इन्कार कर दिया गया।
सभी आरोपित पहले ही जेल में हैं बंद
इस मामले में हत्या के आरोपित आशीष उर्फ बाबा, सचिन उर्फ सौरभ, धर्मेंद्र और अमित गुलिया पहले ही जेल में बंद हैं। अदालत में 1 सितंबर को इन्हें वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था। आरोप तय किए जाने के दौरान सभी आरोपितों ने खुद को निर्दोष बताया था। वहीं, यूके में बैठे कुख्यात अपराधी कपिल सांगवान उर्फ नंदू, शूटर अतुल गुलिया, नकुल सांगवान और खुशप्रीत लाठर अब भी फरार हैं। अदालत इन सभी को पहले ही भगोड़ा घोषित कर चुकी है।
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