हैवानियत की हद! बेटी को लेकर प्रेमी के पास लेकर गई मां, दवाई की ओवरडोज देकर मारा; बना दी एक्सीडेंट की कहानी
रादौर में एक मां ने अपनी 15 वर्षीय बेटी की हत्या कर दी। उसने पहले इसे सड़क दुर्घटना बताया था। प्रेमी के दबाव में उसने बेटी को दवाई दी जिससे उसकी मौत हो गई। हत्या को दुर्घटना दिखाने के लिए प्रेमी के साथ मिलकर साजिश रची। पुलिस ने मां प्रेमी और अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी सवाल उठ रहे हैं।

संवाद सहयोगी, रादौर। क्षेत्र के एक गांव में मानवता व ममता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। जिस 15 वर्षीय बेटी की सड़क दुर्घटना में मौत की बात उसकी मां ने कही। उसकी हत्या की गई। हत्या की वारदात में उसकी मां भी शामिल है। प्रेमी के दबाव बनाने पर वह अपने बेटी को उसके पास लेकर गई। उसे बेहोश करने के लिए दवाई दी। जहां प्रेमी ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया। चिल्लाने पर उसे दोबारा से दवाई दी। ओवरडोज होने से किशोरी की मौत हो गई।
उसकी हत्या को सड़क दुर्घटना दिखाने के लिए प्रेमी के साथ मिलकर सड़क दुर्घटना की कहानी बताई। यह खुलासा भी खुद मां ने बेटी की रस्म क्रिया पर किया। जिसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा। मामले में किशोरी की मां, मां की दोस्त बकाना निवासी रेखा, प्रेमी कैथल के गांव हंसुमाजरा गुहला निवासी लाडी व उसका भाई रणजीत, पड़ोसी मिट्ठू, डाक्टर राजेश व ड्राइवर रणजीत सरदार के विरुद्ध हत्या व पोक्सो सहित अन्य धारा में केस दर्ज किया है।
रादौर थाना पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज की, क्योंकि घटनास्थल कैथल जिले का है। इसलिए केस वहां ट्रांसफर किया गया। 21 मई को पुलिस को सूचना दी गई थी कि गांव धौलरा के पास सड़क पार करते हुए 15 वर्षीय किशोरी को ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। मामले में केस दर्ज किया, लेकिन बाद में जो कहानी सामने आई। उसने पुलिस सहित किशोरी के परिवार को भी चौंका दिया। जिस किशोरी की एक्सीडेंट में मौत बताई उसे दवाई की ओवरडोज देकर मारने की बात सामने आई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी इस वारदात से सवालिया निशान उठ रहे हैं।
हालांकि पोस्टमार्टम करने वाले फोरेंसिक एक्सपर्ट डाक्टर जैनेश सैनी का कहना है कि किशोरी के माथे पर चोट लगी थी। पुलिस ने एक्सीडेंट ही बताया। कुछ अजीब लगा था जिसके बाद उसका ब्लड लेकर लैब में भिजवाया गया।
किशोरी की मां ने कबूली हत्या की वारदात पुलिस को दी शिकायत के अनुसार, 19 मई को महिला अपनी बेटी को घर से कुरुक्षेत्र में सत्संग में लेकर जाने की बात कहकर निकली। 21 मई की दोपहर को डेढ़ बजे पत्नी दौड़ते हुए घर पर आई और कहा कि बेटी की दुर्घटना में मौत हो गई है। जिसके बाद बेटी का संस्कार कर दिया।
इसके बाद से ही महिला लगातार एक्सीडेंट की बात बदल बदल कर बता रही थी। परिवार के लोग उसके सदमे में होने की सोचकर अधिक ध्यान नहीं दे रहे थे। रविवार को किशोरी की रस्म क्रिया थी। तभी महिला ने रोते हुए पति से कहा कि उसकी बेटी का एक्सीडेंट नहीं हुआ था। उसे मारा गया है।
जिसके बाद परिवार के लोग हैरान रह गए। परिवार के लोगों ने पूछा तो उसने बताया कि वह जिस प्लाईवुड फैक्ट्री में मजदूरी करती है। वहां पर बकाना निवासी रेखा उसके साथ काम करती है। रेखा ने उसकी दोस्ती हंसुमाजरा निवासी लाड़ी के साथ कराई। एक दिन वह रेखा के साथ लाड़ी से मिलने के लिए गई जहां दोनों के बीच संबंध बन गए।
इसके बाद कई बार आरोपित लाडी से मिलने के लिए गई। जहां दोनों के बीच संबंध बने। एक दिन आरोपित लाडी ने बेटी को भी साथ लेकर आने के लिए कहा। मना करने पर वह धमकी देने लगा। रेखा से इस बारे में बात की तो उसने भी कहा कि उसके पास बेटी को लेकर जाना पड़ेगा। जिसके बाद महिला अपनी बेटी व रेखा के साथ हंसुमाजरा पहुंच गई। वहां रात को आरोपित लाडी के भाई रणजीत के घर पर रूके। सुबह महिला अपनी प्रेमी लाडी के पास पहुंच गई।
इसके बाद आरोपित ने महिला को दवाई देकर बेटी को देने के लिए कहा। बेटी को जब दवाई दी तो वह बेहोश हो गई। जिसके बाद आरोपित उठाकर अपने साथ कमरे में ले गया। तभी बाहर बैठी महिला को अपनी बेटी के चीखने की आवाज सुनाई दी तो वह अंदर गई। जिसके बाद आरोपित लाडी व महिला ने मिलकर बेटी को और दवाई दे दी। जिससे वह बेसुध हो गई और उसे तेज बुखार आ गया।
आरोपित लाड़ी ने गांव से ही डॉक्टर राजेश को बुलाया। उसने इंजेक्शन लगाया। कुछ देर बाद बेटी को नाक व मुंह से झाग आने लगे और उसकी मौत हो गई। बेटी की मौत के बाद उस महिला ने प्रेमी लाडी, रेखा के साथ मिलकर योजना बनाई कि इसे एक एक्सीडेंट बना देते है जिसके लिए रणजीत सरदार ड्राइवर को अपने साथ मिलाया। वह बेटी की डेडबाडी को लेकर गांव के मोड़ पर आ गए और उसके शव को वहां फेंककर घर आकर एक्सीडेंट के बारे में बता दिया।
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