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    डॉग बाइट और बेसहारा पशुओं के हमले में मिलेगा 10 हजार से 5 लाख तक का मुआवजा, देश के इस राज्य में बड़ा एलान

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 11:08 AM (IST)

    हरियाणा सरकार (Haryana News) गरीब परिवारों को बड़ी राहत देने जा रही है। यदि किसी गरीब परिवार के सदस्य की कुत्ते के काटने या बेसहारा पशुओं के हमले से मृत्यु हो जाती है या वह दिव्यांग हो जाता है तो सरकार उन्हें पांच लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देगी।

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    कुत्ते ने काटा तो न्यूनतम दस हजार और त्वचा कटी तो 20 हजार रुपये देगी हरियाणा सरकार।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में गरीब परिवार के किसी व्यक्ति की कुत्ते के काटने या बेसहारा घूमते पशुओं यथा गाय-भैंस, सांड, बैल, नील गाय और गधे के हमले में मौत हो जाती है या फिर दिव्यांग हो जाता है तो पीड़ित परिवार को प्रदेश सरकार पांच लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता देगी। कुत्तों द्वारा एक बार काटे जाने जाने पर न्यूनतम दस हजार रुपये और उसके दांत से त्वचा कटने की स्थिति में न्यूनतम 20 हजार रुपये अनिवार्य रूप से दिए जाएंगे।

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    वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु)-2 की अधिसूचना जारी कर दी है। हरियाणा के सभी परिवार, जिनकी वार्षिक आय एक लाख 80 हजार रुपये तक है, योजना का लाभ उठा सकेंगे। आर्थिक मदद के लिए मौत या दिव्यांगता के तीन महीने के अंदर आनलाइन आवेदन करना होगा। प्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक अप्रैल 2023 को दयालु योजना शुरू की थी।

    इसके बाद योजना में संशोधन किया गया। अभी तक 36 हजार 651 परिवारों को कुल 1380 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। योजना के तहत एक लाख 80 हजार रुपये तक वार्षिक आय वाले परिवार के छह वर्ष से 60 वर्ष तक की आयु के सदस्य की मृत्यु या दिव्यांग होने पर पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। छह से 12 साल तक के बच्चे की मृत्यु या 100 प्रतिशत दिव्यांग होने पर एक लाख रुपये दिए जाते हैं।

    इसी प्रकार से 12 से 18 वर्ष की आयु पर दो लाख रुपये, 18 से 25 वर्ष की आयु तक तीन लाख रुपये, 25 से 45 वर्ष की आयु पर पांच लाख रुपये और 60 साल की आयु तक तीन लाख रुपये दिए जाते हैं। प्रदेश में हर महीने औसतन 10 लोगों की मौत गलियों और सड़कों पर घूमते बेसहारा पशुओं के कारण होती है। बेसहारा पशुओं के कारण हुई दुर्घटनाओं में कितने लोग दिव्यांग हो चुके, इसका आंकड़ा न तो यातायात पुलिस के पास है और न ही गोसेवा आयोग के पास।

    प्रदेश में रोजाना कुत्तों द्वारा काटने के औसतन 100 मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 10 साल में प्रदेश में 12 लाख से अधिक लोगों को कुत्तों ने काटा है। डाग बाइट से बड़ी संख्या में लोग स्थायी रूप से दिव्यांग हो गए, जबकि कई लोगों की मौत हुई है।

    उपायुक्तों की अध्यक्षता में गठित कमेटी करेगी फैसला

    पीड़ित परिवार के आवेदनों पर विचार करने और सहायता राशि की सिफारिश करने के लिए जिला स्तर पर उपायुक्तों की अध्यक्षता में कमेटी गठित की जाएगी। इसमें पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, जिला परिवहन अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी का प्रतिनिधि सहित अन्य कई विभागों के अधिकारी सदस्य होंगे। योजना तथा जिला सांख्यिकी अधिकारी सदस्य सचिव होंगे।