Updated: Fri, 20 Jun 2025 07:31 PM (IST)
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में छात्रों और प्रबंधन के बीच विवाद को सुलझाने के लिए सरकार ने चार सदस्यीय कमेटी बनाई है। शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा समेत चार सदस्य छात्रों से बात कर रिपोर्ट देंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने छात्रों को उचित समाधान का आश्वासन दिया है। छात्र छात्रवृत्ति में कटौती का विरोध कर रहे हैं जिसके कारण झड़पें हुईं और पुलिस ने मामला दर्ज किया।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार में छात्रों और प्रबंधन के बीच कई दिनों से चले आ रहे विवाद को सुलझाने के लिए अब प्रदेश सरकार ने चार सदस्यीय कमेटी बनाई है।
शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा, लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्ण कुमार बेदी और नलवा से विधायक रणधीर पनिहार की कमेटी छात्रों से संवाद कर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी।
इसके बाद मामले में कोई हल निकाला जाएगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि यह कमेटी छात्रों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनेगी और उचित समाधान सुनिश्चित करेगी। कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं व छात्रों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। सरकार हर स्तर पर युवाओं व छात्रों के साथ खड़ी है।
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दरअसल स्कालरशिप में कटौती के विरोध में छात्र 10 जून को कुलपति से मिलने पहुंचे थे। यहां उनका सुरक्षा कर्मियों के साथ विवाद हो गया। छात्रों ने आरोप लगाया कि उनके साथ मारपीट की गई। रात को वे इसके विरोध में कुलपति निवास के बाहर पहुंचे तो सिक्योरिटी गार्ड्स ने उन्हें दोबारा खदेड़ दिया तथा लाठीचार्ज किया। इसमें 20 से ज्यादा छात्र घायल हो गए थे, जिनमें से छह छात्रों को गंभीर चोट के चलते सामान्य अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
छात्रों की शिकायत पर पुलिस ने यूनिवर्सिटी के सिक्योरिटी इंचार्ज सहित कई लोगों पर केस दर्ज करते हुए लाठीचार्ज के आरोपित प्रोफेसर राधेश्याम को गिरफ्तार कर लिया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी प्रोफेसर सहित चार सुरक्षा गार्डों को निलंबित कर दिया है।
छात्रों ने परीक्षाओं का किया हुआ है बहिष्कार कुलपति प्रोफेसर बीआर कंबोज ने भी मामले में छात्रों से बातचीत के लिए डायरेक्टर रिसर्च डा. राजबीर गर्ग की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई हुई है। इसके बावजूद मांगों को लेकर छात्रों का धरना अभी भी जारी है।
सोमवार को यूनिवर्सिटी में हुई परीक्षा में 350 छात्रों में से केवल 50 छात्रों ने ही परीक्षा दी, जबकि अन्य छात्रों ने बहिष्कार कर दिया। छात्रों ने चेतावनी दे रखी है कि जब तक यूनिवर्सिटी प्रशासन उनकी मांगों को नहीं मानता, तब तक वह सभी परीक्षा का बहिष्कार करेंगे।
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