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    हरियाणा में अरावली क्षेत्र में है खनिज का भंडार , नारनौल व महेंद्रगढ़ में तांबा व लौह अयस्‍क मिला

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 23 Jul 2022 06:53 PM (IST)

    Mineral in Arawalli region हरियाणा में अरावली क्षेत्र में अनेक तरह के खनिज भंडार भी भरे पड़े हैं। सर्वे में खुलासा हुआ है कि नारनौल और महेंद्रगढ़ जिलों में अरावली क्षेत्र में तांबा और लौह अयस्‍क भरे पड़े हैं।

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    हरियाणा में अरावली क्षेत्र में खनिज के भंडार मिले हैं। (फाइल फोटो)

    नई दिल्‍ली , [बिजेंद्र बंसल]। Minerals in Aravalli Region of Haryana: हरियाणा में अरावली क्षेत्र में  केवल पत्थर और बजरी ही नहीं बल्कि अनेक तरह के खनिज भी भरे हुए हैं। इस बारे में सर्वे में खुलासा हुआ है कि नारनौल के पास अरावली की पहड़‍ियों में तांबे के अयस्‍क भरा हुआ है। इसी तरह नारनौल-महेंद्रगढ़ के पास लौह अयस्‍क का भंडार है।  

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    नारनौल की पहाड़ियों के नीचे 500 हेक्टेयर क्षेत्र में तांबा अयस्क की पुष्टि कर चुका है जीआइएस

    भौगोलिक सूचना तंत्र (जीआइएस) ने सर्वे के आधार पर हरियाणा खनन विभाग को जानकारी दी है कि नारनौल के नजदीक अरावली की पहाड़ियों के 500 हेक्टेयर क्षेत्र में तांबा और नारनौल-महेंद्रगढ़ के नजदीक इससे अलग 350 हेक्टेयर क्षेत्र में लौह अयस्क भरा हुआ है।

    हरियाणा में अरावली पहाड़ी का क्षेत्र। (फाइल फोटो)

    नारनौल और महेंद्रगढ़ की पहाड़ियों में 350 हेक्टेयर क्षेत्र में मौजूद है लौह अयस्क

    इस जानकारी के आधार पर हरियाणा सरकार सक्रिय हो गई है। अब हरियाणा सरकार इस क्षेत्र में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय सहित सुप्रीम कोर्ट से ये खनिज को निकालने की अनुमति मांगेगी। हरियाणा सरकार को उम्‍मीद है  कि उसे यह अनुमति मिल जाएगी।

    कांग्रेस शासन में नेताओं की लड़ाई से हुआ राजस्व का नुकसान

    नारनौल और महेंद्रगढ़ के नजदीक अरावली की पहाड़ियों में लौह अयस्क की जानकारी तो पहले भी थी। कांग्रेस शासन में तत्कालीन नेताओं के आपसी विवाद के कारण लौह अयस्क की खान प्रतिबंधित वन क्षेत्र में शामिल करा दी गई। राज्य के खनन मंत्री मूलचंद शर्मा का कहना है कि इससे अब तक राज्य सरकार को सिर्फ राजस्व का नुकसान हुआ है।

    मूलचंद शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में यह वस्तुस्थिति बताई जाएगी कि लौह अयस्क निकालना देश की अर्थव्यवस्था के लिए कितना जरूरी है। हरियाणा सरकार तांबा अयस्क निकालने के लिए पर्यावरणीय दृष्टिकोण से मंजूरी लेने की तैयारी कर रही है। अब ऐसी तकनीक हैं कि पहाड़ के अंदर से पहाड़ियों या हरियाली को नुकसान पहुंचाए बिना केवल खनिज ही निकाला जा सकता है।

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    तांबा अयस्‍क चट्टानों से 150 फीट नीचे है: मेलचंद शर्मा

    '' नारनौल में तांबा अयस्क अरावली की चट्टानों से डेढ़ सौ फीट नीचे है। इन दोनों खनिज को निकालने के लिए राज्य सरकार शीघ्र ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय सहित सुप्रीम कोर्ट से अनुमति लेगी। इसके लिए निजी कंपनियों से विस्तृत विवरण तैयार कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय में इसकी मंजूरी की फाइल भेज दी गई है।

                                                                                - मूलचंद शर्मा, परिवहन एवं खनन मंत्री, हरियाणा। 

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