हरियाणा में बाजरा किसानों की बल्ले-बल्ले! सरकार ने जारी किए 380 करोड़, प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए बड़ा कदम
हरियाणा सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के तहत बाजरा उत्पादक किसानों के खातों में 380 करोड़ रुपये जारी किए हैं। किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लि ...और पढ़ें

बाजरा उत्पादक किसानों को खातों में 380 करोड़ (फोटो: जागरण)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत बाजरा उत्पादक किसानों के खातों में 380 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
अब तक किसानों को बाजरा भावांतर के रूप में 1600 करोड़ से अधिक की राशि दी जा चुकी है। राज्य के किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने के लिए सरकार विशेष प्रयास कर रही है।
31 हजार 873 एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती करने के लिए 19 हजार 723 किसानों का सत्यापन किया जा चुका है। इस योजना के अंतर्गत 2500 किसानों को चार ड्रम प्रति किसान की दर से 75 लाख रुपये और 523 देसी गायों की खरीद के लिए 1 करोड़ 30 लाख रुपये अनुदान राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में स्थानांतरित की जा चुकी है।
हर खेत को पानी योजना के अंतर्गत मिकाडा द्वारा 1144 जल मार्गों की पहचान पुनर्वास के लिए की गई है, जिसमें से 357 जलमार्गों का कार्य पूरा हो चुका।
चालू वित वर्ष में उपरोक्त कार्य के लिए 200 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रविधान किया गया है। साथ ही 20 साल से अधिक पुराने रजवाहों को दोबारा पक्का किया जाएगा।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार को चंडीगढ़ में सीएम निवास पर भाजपा किसान मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक में यह जानकारी दी।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडौली और किसान मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष राजबाल की मौजूदगी में सीएम ने किसान मोर्चा के पदाधिकारियों से कहा कि वे किसानों के बीच जाएं और उन्हें राज्य सरकार द्वारा लिए किसान कल्याण के फैसलों की जानकारी दें।
मुख्यमंत्री ने किसान मोर्चा के पदाधिकारियों से कहा कि वे प्रदेश के किसानों को सूक्ष्म सिंचाई करने के लिए प्रेरित करें। इससे जहां पानी की बचत होगी, वहीं फसल पर किसान की लागत में कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि किसानों की सभी 24 फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जा रही है। अब तक 12 लाख किसानों के खातों में फसल खरीद के 1 लाख 64 हजार करोड़ रुपये डाले जा चुके हैं।
पिछले 11 सालों में किसानों को फसल खराबे के मुआवजे के रूप में 15 हजार 728 करोड़ रुपये मिले हैं। खरीफ सीजन-2025 की फसलों को प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के लिए 53 हजार 821 किसानों को 116 करोड़ 51 लाख रुपये की राशि मुआवजे के रूप में जारी की गई।
सरकार ने अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे आबियाने को जड़ से खत्म कर दिया है। किसानों की तरफ पिछले आबियाने का 133 करोड़ 55 लाख 48 हजार रुपये बकाया माफ किया गया है। सरकार ने गन्ने का भाव बढ़ाकर 415 रुपये प्रति क्विंटल किया है, जो कि देश में सर्वाधिक है।
नायब सैनी ने संवाद के दौरान बताया कि हरियाणा आपरेशनल पायलट परियोजना के अंतर्गत राज्य में अब तक 1 लाख 54 हजार 985 एकड़ भूमि का सुधार किया जा चुका है। लघु और सीमांत किसान परिवारों को 6 हजार रुपये वार्षिक दर से 20 लाख 18 हजार किसानों के खातों में 7233 करोड़ रुपये डाले गये।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अब तक 33 लाख 51 हजार से अधिक किसानों को 9127 करोड़ रुपये बीमा क्लेम के रूप में दिए जा चुके हैं।
एकमुश्त निपटान योजना के तहत प्रदेश के 6 लाख 81 हजार 182 किसानों और गरीब मजदूरों का 2 हजार 266 करोड़ रुपये का ब्याज माफ किया गया है।
बैठक में मुख्यमंत्री के ओएसडी भारत भूषण भारती, भाजपा के प्रदेश महामंत्री (संगठन) फणीन्द्रनाथ शर्मा, प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पुनिया, प्रदेश महामंत्री डा. अर्चना गुप्ता भी शामिल हुए।

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