'बेटी बचाओ' में लापरवाही पड़ी महंगी, लिंगानुपात में सुधार न होने पर सिरसा और सोनीपत के मेडिकल अधिकारी निलंबित
हरियाणा में लिंगानुपात में सुधार न होने पर सिरसा और सोनीपत के मेडिकल अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने लिंगानुपात को 920 तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। अवैध गर्भपात पर निगरानी बढ़ाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। पीएनडीटी मामलों को तेजी से निपटाने के लिए पाक्सो कोर्ट में शामिल करने का अनुरोध किया जाएगा।
-1763484432341.webp)
सिरसा की पीएचसी जट्टांवाली के मेडिकल आफिसर तथा सोनीपत के हलालपुर के एसएमओ पर हुई कार्रवाई (फोटो: जागरण)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। लिंगानुपात में अपेक्षित सुधार नहीं करा पाए सिरसा की पीएचसी जट्टांवाली के मेडिकल आफिसर तथा सोनीपत के हलालपुर के सीनियर मेडिकल आफिसर (एसएमओ) को निलंबित कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने लिंगानुपात में सुधार को लेकर गठित 'राज्य टास्क फोर्स' की समीक्षा बैठक में इस संबंध में आदेश जारी कर दिया।
कम लिंगानुपात वाले छह जिलों सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, चरखी दादरी, मेवात और झज्जर के उपायुक्तों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में उन्होंने सिविल सर्जनों के साथ मिलकर लिंगानुपात बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठाने के निर्देश दिए।
अवैध गर्भपात के मामलों की रिवर्स ट्रैकिंग तथा पूरे मामले की मानिटरिंग पर जोर दिया। इस वर्ष लिंगानुपात 920 तक ले जाने का लक्ष्य है। स्वास्थ्य सचिव ने शहरी क्षेत्र में गरीब तबके की बस्तियों में सभी नवजात बच्चों के पंजीकरण को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
अवैध एमटीपी व लिंग निर्धारण गतिविधियों में शामिल लोगों के काल डिटेल रिकार्ड को अदालत में सबूत के तौर पर प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
पीएनडीटी से संबंधित अदालती मामलों के विवरण हेतु एमआइएस पोर्टल विकसित किया जाएगा। गृह सचिव को पत्र लिखकर पीएनडीटी मामलों को पाक्सो कोर्ट में शामिल करने का अनुरोध किया जाएगा ताकि ऐसे मामलों का त्वरित निपटारा हो सके।
पीएनडीटी मामलों में कम सजा दर को देखते हुए कुछ वकीलों को राज्य मुख्यालय पर नियुक्त करने की संभावनाएं तलाशने का फैसला किया गया है ताकि अदालती मामलों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जा सके।
प्रत्येक जिले में सभी क्लीनिक, नर्सिंग होम और अस्पतालों की लाइन-लिस्ट तैयार की जाएगी, जिसमें यह स्पष्ट हो कि उनमें से कितने में पंजीकृत स्त्रीरोग विशेषज्ञ उपलब्ध हैं और कितने एमटीपी केंद्र के रूप में पंजीकृत हैं।
जल्द ही सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा कि एक स्त्रीरोग विशेषज्ञ को दो केंद्रों से अधिक स्थानों पर गर्भपात करने की अनुमति न दी जाए। बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डा. मनीष बंसल और डा. कुलदीप सिंह ने भी अपनी बात रखी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।