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    हरियाणा: प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति को लेकर MBBS और डेंटल सर्जनों में विवाद, एक दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 07:51 PM (IST)

    हरियाणा में एमबीबीएस डॉक्टर और डेंटल सर्जन प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति को लेकर विवाद में हैं। एचसीएमएस ने डेंटल सर्जनों की नियुक्ति का विरोध किया, जिसके जवाब में डेंटल संघ ने अपना पक्ष रखा। डेंटल संघ ने कहा कि उनके सदस्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं और विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

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    हरियाणा: प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति को लेकर MBBS और डेंटल सर्जनों में विवाद। सांकेतिक फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के एमबीबीएस डॉक्टर और डेंटल सर्जन (दंत चिकित्सक) आमने-सामने हो गए हैं। अस्पतालों में एडमिनिस्ट्रेशन (प्रशासनिक) पदों पर नियुक्तियों को लेकर दोनों में विवाद है। मामला स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के महानिदेशक व स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव तक भी पहुंच गया है।

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    हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएस) द्वारा गत दिवस डीजी स्वास्थ्य सेवाएं से मुलाकात कर डेंटल सर्जनों को इन पदों पर नियुक्ति का विरोध जताया गया था। एसोसिएशन ने यहां कह दिया था कि सभी राष्ट्रीय कार्यक्रमों का कार्य भी दंत चिकित्सकों को दे दिया जाए।

    इस पर पलटवार करते हुए अब हरियाणा राज्य दंत चिकित्सा संघ मैदान में आ गया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. कपिल शर्मा, उपाध्यक्ष डा. विनोद पंवार व महासचिव डा. पंकज कालवान ने महानिदेशक को पत्र लिखकर न केवल अपना पक्ष रखा, बल्कि एचसीएमएस पर आरोप भी जड़ दिए हैं।

    हरियाणा सरकार ने 100 और 200 बेड के अस्पतालों को लेकर स्टाफ के नये नार्म्स बनाए थे। इनके तहत इन अस्पतालों में एडमिनिस्ट्रेशन के दो पदों में से एक पर डेंटज सर्जन विद एमएचए की नियुक्ति के नियम बने। एमएचए यानी मास्टर्स इन हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन। कई डेंटल सर्जन ने इन नियमों के तहत सरकार से एनओसी लेने के बाद दो वर्षों के इस डिग्री कोर्स को किया।

    अस्पतालों में जब बतौर डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डेंटल सर्जनों की नियुक्ति शुरू हुई तो एमबीबीएस डाक्टरों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। गत दिवस एमबीबीएस डाक्टरों की एसोसिएशन ने स्वास्थ्य सेवाएं हरियाणा के महानिदेशक से मुलाकात कर इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि वे त्यागपत्र देने को तैयार हैं, सभी राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रंमों का कार्य भी दंत चिकित्सकों को दे दिया जाए।

    शुक्रवार को दंत चिकित्सक संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि डेंटल सर्जन भी पिछले दो दशकों से सभी राष्ट्रीय एवं राज्यीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक संचालित कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों में दंत चिकित्सकों का योगदान न तो नया है और न ही किसी दबाव में वे ऐसा कर रहे हैं।

    वे पूर्ण स्वेच्छा, निष्ठा और जनहित में ये काम कर रहे हैं। दंत चिकित्सक स्कूल हेल्थ प्रोग्राम, ओरल हेल्थ प्रोग्राम, एनपीडीसीडीएस, आपातकालीन आघात प्रबंधन, मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, रेफरल ट्रांसपोर्ट, आरबीएसके, पीसीपीएनडीटी, एनटीपीसी, जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रार व विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में प्रभारी के तौर पर भी काम कर रहे हैं।