हरियाणा के तीन नगर निगमों में फिर बिछेगी मेयर चुनाव की बिसात, पार्षदों की सीटों का आरक्षण तय
हरियाणा सरकार सोनीपत अंबाला और पंचकूला नगर निगम चुनाव की तैयारी कर रही है जो जनवरी 2026 में प्रस्तावित हैं। पार्षदों की सीटों का आरक्षण तय हो गया है जिसमें महिलाओं को 33% आरक्षण दिया गया है। मेयर पद के आरक्षण पर सबकी निगाहें हैं क्योंकि इससे चुनाव का रुख स्पष्ट होगा।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार और राज्य चुनाव आयोग तीन नगर निगमों सोनीपत, अंबाला और पंचकूला के चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। इन तीनों निगमों में जनवरी 2026 में चुनाव प्रस्तावित हैं। प्रदेश सरकार की कोशिश दिसंबर 2025 में भी चुनाव कराने की है। चुनाव की तैयारियों की कड़ी में हरियाणा सरकार ने अंबाला, पंचकूला और सोनीपत नगर निगमों में पार्षदों की सीटों का आरक्षण तय कर दिया है।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में तीनों नगर निगमों की कुल सीटों में अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और महिलाओं के लिए आरक्षण तय किया गया। अभी केवल नगर निगम पार्षदों की सीटों का ड्राॅ निकालकर आरक्षण तय किया है।
हरियाणा में नगर निगमों में मेयर व पार्षदों का चुनाव प्रत्यक्ष रूप से जनता द्वारा किया जाता है। मतदाता मेयर पद के लिए सीधे वोट डालते हैं। इन तीनों नगर निगमों में मेयर पद के आरक्षण का ड्राॅ बाद में निकाला जाएगा।
राज्य के तीनों नगर निगमों सोनीपत, अंबाला और पंचकूला में 20-20 वार्ड हैं। शहरी निकाय विभाग के महानिदेशक विकास गुप्ता ने एक आदेश के माध्यम से तीनों नगर निगमों में आरक्षण के हिसाब से वार्डों की संख्या जारी कर दी है। महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया गया है।
अंबाला व पंचकूला में सात-सात तथा सोनीपत में आठ वार्ड सामान्य जाति की महिला के लिए आरक्षित होंगे, जबकि अनुसूचित जाति महिला, बीसी-ए, बीसी-ए महिला, बीसी-बी और बीसी-बी महिला के लिए भी वार्डों की संख्या निर्धारित कर दी गई है। भाजपा सरकार ने शहरी निकाय के चुनाव में आरक्षण का प्रविधान किया था।
एक नगर परिषद व दो नगर पालिकाओं के चुनाव भी हो सकते साथ
इन निगमों के साथ रेवाड़ी नगर परिषद, रोहतक की सांपला नगर पालिका और हिसार की उकलाना नगर पालिका का कार्यकाल भी समाप्त होगा। ऐसे में इन तीनों शहरी निकायों के चुनाव भी नगर निगमों के चुनाव के साथ हो सकते हैं। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के महानिदेशक के पास संबंधित निकायों की ओर से परिवार पहचान पत्र और जनसंख्या से जुड़ा ब्योरा पहुंचा दिया गया है।
सोनीपत और अंबाला के मेयरों के विधायक बन जाने के बाद इसी साल मार्च में दोनों नगर निगमों में उपचुनाव कराए गए थे। ऐसे में जनवरी 2026 में पंचकूला, सोनीपत और अंबाला निगमों के चुनाव होने प्रस्तावित हैं। फिहहाल सोनीपत नगर निगम में राजीव जैन, पंचकूला में कुलभूषण गोयल और अंबाला में शैलजा सचदेवा मेयर हैं।
सोनीपत के मेयर निखिल मदान के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने और विधायक बनने के बाद राजीव जैन मेयर बने थे। राजीव जैन सीएम के मीडिया सलाहकार रह चुके हैं और पूर्व शहरी निकाय मंत्री कविता जैन के पति हैं। अंबाला में पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की पत्नी व राज्यसभा सदस्य कार्तिकेय शर्मा की माता शक्ति रानी शर्मा मेयर थी।
वे भाजपा के टिकट पर कालका से विधायक बन गई थी, जिसके बाद उनके स्थान पर शैलजा सचदेवा मेयर चुनी गई थी। पंचकूला में कुलभूषण गोयल मेयर हैं, जिनकी गिनती पूर्व विधानसभा स्पीकर डा. ज्ञानचंद गुप्ता के करीबियों में होती है।
अंबाला नगर निगम में इस तरह मिला आरक्षण का लाभ
अंबाला नगर निगम में कुल 20 सीटें निर्धारित की गई हैं। इनमें तीन सीटें अनुसूचित जाति (एससी), एक अनुसूचित जाति महिला, दो पिछड़ा वर्ग ‘ए’, एक पिछड़ा वर्ग ‘ए’ महिला और सात सीटें सामान्य श्रेणी की महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं।
पंचकूला नगर निगम में भी अंबाला के समान आरक्षण
पंचकूला नगर निगम में भी 20 सीटें हैं। इनमें आरक्षण का पैटर्न अंबाला के समान है। तीन सीटें अनुसूचित जाति, एक सीट अनुसूचित जाति महिला, दो पिछड़ा वर्ग ‘ए’, एक सीट पिछड़ा वर्ग ‘ए’ महिला और सात सीटें सामान्य श्रेणी महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित की गई हैं।
सोनीपत नगर निगम में दो वार्ड अधिक
सोनीपत नगर निगम में कुल 22 सीटें तय हुई हैं। इनमें चार अनुसूचित जाति, दो अनुसूचित जाति महिला, दो पिछड़ा वर्ग ‘ए’, एक पिछड़ा वर्ग ‘ए’ महिला और आठ सीटें सामान्य श्रेणी की महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं।
आरक्षण की गणना परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) अधिनियम 2021 के तहत बनाई गई फैमिली इन्फार्मेशन डेटा रिपोजिटरी और मतदाता सूची के आधार पर की गई। इसमें यह प्रविधान है कि या तो जनसंख्या का 140 प्रतिशत या फिर पंजीकृत मतदाताओं की संख्या, जो भी अधिक हो, उसे आधार माना जाएगा।
मेयर पद के आरक्षण पर टिकी निगाह
तीनों नगर निगमों में अब मेयर के ड्राॅ पर निगाह टिक गई है। चर्चा का बिंदु यह है कि अंबाला, पंचकूला और सोनीपत में मेयर की सीट किस वर्ग के लिए आरक्षित होगी। चूंकि मेयर का चुनाव जनता सीधे करती है, इसलिए आरक्षण का यह ड्राॅ तय करेगा कि मुकाबला किस दिशा में जाएगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मेयर पद का आरक्षण घोषित होते ही तस्वीर साफ हो जाएगी और मुकाबला दिलचस्प हो सकता है। फिलहाल अंबाला महिला, सोनीपत व पंचकूला सामान्य जाति के लिए आरक्षित है।
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