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    खेमका के आदेश से बुरी तरह घिर गई सरकार, विजेंदर व गीता सहित कई खिलाड़ी होेंगे प्रभा‍वित

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Mon, 11 Jun 2018 03:03 PM (IST)

    हरियाणा के चर्चित अाइएएस अफसर अशोक खेमका एक आदेश से सुर्खियों में आ गए ओर इसके साथ ही मनोहरलाल सरकार भी घेरे में आ गई।

    खेमका के आदेश से बुरी तरह घिर गई सरकार, विजेंदर व गीता सहित कई खिलाड़ी होेंगे प्रभा‍वित

    चंडीगढ़, [अनुराग अग्रवाल]। हरियाणा के खिलाडिय़ों की कमाई सरकारी खजाने में जमा कराने के आइएएस डॉ. अशोक खेमका के एक आदेश ने मनोहर सरकार की देश भर में किरकिरी करा दी। सरकार पहले ही राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेता खिलाडिय़ों को उनकी पुरस्कार राशि न देकर विवादों में आ चुकी है। अब रही-सही कसर खिलाडिय़ों की आमदनी को सरकारी खजाने में जमा करने के आदेश ने पूरी कर दी। खेमका के इस अादेश से स्‍टार मुक्‍केबाज विजेंदर सिंह, पहलवान योगश्‍वर दत्‍त और स्‍टार महिला पहलवान दंगल गर्ल गीता फोगाट सहित कई बड़े खिलाडी़ प्रभावित होंगे।

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    देश भर के खिलाडिय़ों ने खेमका के साथ-साथ सरकार को भी लिया लपेटे में

    हरियाणा में वैसे तो सैकड़ों खिलाड़ी हैं, जो सरकारी नौकरी कर रहे हैं, लेकिन पेशेवर खेलों में भाग लेने तथा विज्ञापन करने वाले खिलाड़ी दो दर्जन के आसपास हैं। नया नियम लागू होने के बाद यदि ये खिलाड़ी नौकरी में रहते हुए पेशेवर खेल खेलते तो उन्हें अपनी कमाई का सौ फीसद हिस्सा सरकारी खजाने में जमा कराना पड़ता। बिना वेतन के (अवकाश लेकर) पेशेवर खेल खेलने जाने वालों को कुल कमाई का एक तिहाई हिस्सा देना पड़ता।

    सरकार के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर बॉक्सर विजेंदर सिंह, गीता फोगाट और सरदारा सिंह व योगश्‍वर दत्‍त पर पड़ सकता था, जो  सरकारी नौकरी में हैं। राज्य के ऐसे खिलाडिय़ों की संख्या भी कम नहीं है, जो सरकारी नौकरी में तो नहीं हैं, मगर सरकार के इस फैसले का खुला विरोध कर रहे हैं।

    पिछली हुड्डा सरकार में कई डीएसपी भर्ती हुए थे, जो इस फैसले से सीधे तौर पर प्रभावित हैं, जबकि कई खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जो केंद्र सरकार अथवा विभिन्न एजेंसियों में नौकरी कर रहे हैं, वे सरकार के इस फैसले के दायरे में नहीं आते, मगर सरकार के इस निर्णय के खिलाफ हैं।
     
    सुशील की राय, खिलाडिय़ों की कमेटी बनाकर फैसले की समीक्षा करे सरकार

    पहलवान सुशील कुमार का कहना है कि ऐसे फैसले खिलाडिय़ों का मनोबल कमजोर करते हैं। सुशील ने सरकार को सलाह दी है कि वह अपने इस फैसले की दोबारा से समीक्षा करे। वरिष्ठ खिलाडिय़ों की कमेटी बनाकर उनसे भी इस बारे में विचार किया जाना चाहिए।

    योगेश्वर ने खेमका से कहा खेलों के पतन में आपका योगदान

    पहलवान योगेश्वर दत्त ने खेमका पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि ऐसे अफसर से राम बचाए। जब से खेल विभाग में आए है, तब से बिना सिर-पैर के तुगलकी फऱमान जारी किए जा रहे हैं। हरियाणा के खेल विकास में आपका योगदान शून्य है किंतु यह दावा है कि खेलों के पतन में आप शत प्रतिशत सफल हो रहे है। अब हरियाणा के नए खिलाड़ी बाहर पलायन करेंगे और इसके लिए आप साहब जिम्मेदार होंगे। योगेश्वर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि इनको तो ये भी नहीं पता की प्रो-लीग जब होती है तो खिलाड़ी को कितनी परेशानी आती है। कितनी बार छुट्टियों का अप्रूवल लेना पड़ता है। अनुभव है कि नामचीन खिलाड़ी जब साहब को सलामी नहीं ठोकते तो नए-नए पैंतरे अपनाते हैं।

    बबीता बोली, जब टैक्स देते हैं तो हिस्सा किस बात का दें

    पहलवान बबीता फोगाट का कहना है कि सरकार को एहसास नहीं है कि खिलाड़ी कितनी मेहनत करता है। सरकार कैसे कमाई में से एक तिहाई हिस्से के लिए कह सकती है। सरकार को इस बारे में हमसे चर्चा करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि हम टैक्स देते हैं तो फिर सरकार किस बात का हिस्सा मांग रही है।

    गीता फोगाट का ट्वीट, खिलाडिय़ों को खत्म करने वाली सरकार

    गीता फोगाट ने ट्वीट किया कि कि हरियाणा में खेलों को बढ़ावा देने वाली सरकारें तो देखी थी पर खेलों ओर खिलाडिय़ों को धीरे -धीरे खत्म करने की नीति वाली सरकार पहली बार देख रहे हैं। यह नियम क्रिकेट के लिए हो सकता था मगर बाकी खेलों के लिए नहीं।

    खेमका का विवादों से पुराना नाता, विज पर भी उठ रही अंगुली


    खेमका का विवादों से पुराना नाता है। पिछली हुड्डा सरकार में सोनिया गांधी के दामाद राबर्ड वाड्रा की साढ़े तीन एकड़ जमीन का इंतकाल रद कर सुर्खियों में आए खेमका अपने विभिन्न फैसलों की वजह से चर्चा में रहे। उनका चौटाला सरकार में भी टकराव रहा और हुड्डा सरकार में उनकी किसी के साथ पटरी नहीं बैठी। यही स्थिति भाजपा की मनोहर सरकार में है। इस सरकार में उनके कई मंत्रियों से विवाद हो चुके हैं। आखिर में जब खेमका किसी सांचे में फिट नहीं बैठे तो खेल मंत्री अनिल विज उन्हें अपने विभाग में ले आए। अब इस विभाग में खिलाडिय़ों के प्रति लिए जाने वाले फैसलों को लेकर दोनों पर अंगुली उठ रही है।