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    तीन पोस्टमार्टम रिपोर्ट, FIR और कई अहम सुराग... मनीषा मौत मामले में CBI ने शुरू की जांच

    भिवानी की शिक्षिका मनीषा की संदिग्ध मौत की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। सरकार ने केस से जुड़ी फाइलें सीबीआई को ट्रांसफर कर दी हैं। मनीषा 11 अगस्त को लापता हुई थीं और उनका शव 13 अगस्त को मिला था। परिवार ने हत्या की आशंका जताई थी और सीबीआई जांच की मांग की थी। सरकार ने परिवार की मांग मानते हुए जांच सीबीआई को सौंप दी है।

    By Anurag Aggarwa Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 27 Aug 2025 07:00 AM (IST)
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    भिवानी की शिक्षिका मनीषा की संदिग्ध मौत की जांच सीबीआइ के हवाले (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, पंचकूला। भिवानी के प्ले स्कूल की शिक्षिका मनीषा की संदिग्ध मौत के मामले की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआइ) को सौंप दी गई है।

    सरकार ने सोमवार देर रात इस केस से जुड़ी पूरी फाइल सीबीआई को ट्रांसफर कर दी। भिवानी पुलिस की जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सीबीआई जल्द ही अपनी औपचारिक जांच शुरू कर सकती है।

    मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 20 अगस्त को ही इस मामले को सीबीआई को सौंपने का ऐलान किया था। सीबीआई जांच के बारे में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विधानसभा में भी जानकारी दी।

    भिवानी पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच इसलिए भी नहीं बढ़ाई क्योंकि केस सीबीआई के हवाले करने का फैसला हो चुका था।

    सीबीआई को पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआइआर, तीनों पोस्टमार्टम रिपोर्ट व इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज व साक्ष्य भी अब सीबीआई के हवाले किए जाएंगे।

    मृतक मनीषा के परिवार ने सरकार ने सीबीआई जांच और मृतका का पोस्टमार्टम एम्स में करवाने की मांग की थी। सरकार ने दोनों मांगों को मंजूर किया था।

    11 अगस्त को लापता हुई थी मनीषा

    मनीषा 11 अगस्त को लोहारू के अपने गांव ढाणी लक्ष्मण स्थित घर से सिंघानी गांव के प्ले स्कूल में पढ़ाने गई थी। वहां से वह नर्सिंग कालेज में एडमिशन के लिए निकली, लेकिन शाम तक घर नहीं लौटी। जब देर रात तक कोई सुराग नहीं मिला तो परिजनों ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई।

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    दो दिन तक खोजबीन के बावजूद मनीषा का कोई पता नहीं चला। फिर 13 अगस्त को उसका शव सिंघानी गांव के खेतों में मिला। शव मिलने के बाद परिवार ने हत्या की आशंका जताई और पुलिस की जांच पर सवाल उठाए।

    परिवार का आरोप है कि गुमशुदगी की शिकायत के समय पुलिस ने मामले को हल्के में लिया और कहा कि बेटी दो दिन में आ जाएगी। शव मिलने के बाद परिजनों ने हत्या की आशंका जताई और पुलिस की लापरवाही पर जमकर रोष प्रकट किया।

    तीन बार हुआ मनीषा का पोस्टमार्टम

    पहला पोस्टमार्टम भिवानी के सिविल अस्पताल में हुआ, लेकिन परिवार ने रिपोर्ट पर भरोसा नहीं करते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद 15 अगस्त को मनीषा का दोबारा पोस्टमार्टम रोहतक के पीजीआइ में कराया गया। इसके बाद तीसरा पोस्टमार्टम नई दिल्ली स्थित एम्स में हुआ।

    भिवानी पुलिस ने 18 अगस्त को दावा किया कि मनीषा ने आत्महत्या की है। पुलिस ने इस दौरान एक सुसाइड नोट भी दिखाया, जिसे मनीषा के पर्स से बरामद किया गया बताया गया।

    परिजनों और ग्रामीणों ने इस पर विश्वास नहीं किया और कहा कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। लगातार बढ़ते दबाव के बीच सरकार ने भिवानी के एसपी मनबीर सिंह को हटा दिया, एसएचओ को लाइन हाजिर किया गया और चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।