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    खरीदार को अनिश्चितकाल इंतजार कराना गलत, हरियाणा हाउसिंग बोर्ड को राशि लौटाने का आदेश

    Updated: Mon, 15 Sep 2025 06:52 PM (IST)

    रेरा पंचकूला ने हाउसिंग बोर्ड को आदेश दिया है कि वह खरीदार को 227195 रुपये ब्याज सहित लौटाए। यह मामला फरीदाबाद में एक फ्लैट योजना से संबंधित है जहां जनक सिंह को 2014 में सफल आवेदक घोषित किया गया था लेकिन उन्हें आवंटन पत्र नहीं मिला। रेरा ने बोर्ड को खरीदार को अनिश्चित काल तक इंतजार कराने के लिए गलत ठहराया और राशि वापस करने का आदेश दिया।

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    2,27,195 रुपये की राशि ब्याज समेत 90 दिनों में शिकायतकर्ता को लौटाने का आदेश।

    जागरण संवाददाता, पंचकूला। हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथाॅरिटी (रेरा) पंचकूला ने एक फैसले में हरियाणा हाउसिंग बोर्ड पंचकूला को आदेश दिया है कि वह शिकायतकर्ता को 2,27,195 रुपये की राशि ब्याज समेत 90 दिनों में लौटाए। मामला फरीदाबाद सेक्टर-56ए में रक्षा कर्मियों के लिए निकाली गई फ्लैट योजना का है, जिसमें खरीदार को 2014 में टाइप-ए फ्लैट के लिए सफल आवेदक घोषित किया गया था।

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    यमुनानगर निवासी शिकायतकर्ता जनक सिंह ने योजना के तहत 30 जून 2014 को 2,14,000 रुपये का भुगतान किया था। यह राशि उन्होंने स्टेट बैंक आफ इंडिया से ऋण लेकर जमा की थी। इसके बाद लंबे समय तक उन्हें न तो कोई अलाॅटमेंट पत्र मिला और न ही निर्माण कार्य शुरू हुआ। जनक सिंह ने लगातार 2015 से 2017 तक बैंक और हाउसिंग बोर्ड से जानकारी मांगी, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

    बोर्ड का दावा-अलाटमेंट पत्र भेजा, लेकिन बैंक ने कहा नहीं मिला

    अंततः जुलाई 2017 में उन्हें पता चला कि जमीन ही उपलब्ध नहीं थी और निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। बोर्ड ने दावा किया कि 6 फरवरी 2015 का अलाटमेंट पत्र एसबीआई को भेजा गया था, जबकि दस्तावेजों से स्पष्ट है कि वह पत्र शिकायतकर्ता के नाम पर था और बैंक को कभी नहीं मिला। बैंक ने भी पत्र देकर साफ किया कि उन्हें हाउसिंग बोर्ड से कोई संचार नहीं मिला।

    इस स्थिति में शिकायतकर्ता ने 2 अगस्त 2017 को आवेदन देकर अलाटमेंट सरेंडर किया और जमा राशि वापसी की मांग की। इसके बावजूद बोर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की और शिकायत दर्ज होने के बाद जनवरी 2024 में मात्र 1,92,600 रुपये लौटाए, जिसमें से 21,400 रुपये की कटौती कर दी गई। जनक सिंह ने इसे गलत ठहराया और पूरा पैसा ब्याज सहित लौटाने की मांग की।

    रेरा ने कहा कि बोर्ड ने की अपनी जिम्मेदारी निभाने में चूक

    मामले की सुनवाई रेरा अथारिटी ने पाया कि हाउसिंग बोर्ड प्रमोटर की परिभाषा में आता है और उसने अपनी जिम्मेदारी निभाने में चूक की। सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए अथारिटी ने कहा कि खरीदार को अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं कराया जा सकता और उसे पूरा पैसा ब्याज सहित लौटाना ही होगा।

    ऐसे करने होंगे शिकायतकर्ता को रुपये वापस

    अथाॅरिटी ने गणना कर पाया कि 2,14,000 रुपये की राशि पर 30 जून 2014 से 13 जनवरी 2024 तक ब्याज 2,02,283 रुपये बनता है। इसके अलावा शेष 21,400 रुपये पर 13 जनवरी 2024 से 9 सितंबर 2025 तक ब्याज 3,512 रुपये जोड़ा गया। इस तरह कुल देय राशि 2,27,195 रुपये बनती है। रेरा ने निर्देश दिया कि बोर्ड 90 दिनों में पूरी राशि ब्याज सहित शिकायतकर्ता को लौटाए, अन्यथा कानूनी कार्रवाई होगी।