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अनूठा संयोग: हॉट सीट हिसार में मुख्य प्रत्याशियों को नसीब नहीं होगा खुद का वोट, सामने आएगी ये समस्या

Haryana News हरियाणा की सबसे हॉट लोकसभा सीटों (Lok sabha Seat) में शामिल हिसार में चौटाला परिवार की दो बहुएं अपने ही चाचा ससुर को टक्कर देती हुई दिखाई देंगी। दरअसल बीजेपी कांग्रेस जजपा और इनेलो ने हिसार लोकसभा क्षेत्र से बाहर के मतदाताओं को टिकट दिया है। ऐसे में ये वोट तो मांग सकते हैं लेकिन वोटिंग नहीं कर पाएंगे।

By Anurag Aggarwa Edited By: Deepak Saxena Published: Sat, 27 Apr 2024 05:16 PM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2024 05:16 PM (IST)
हॉट सीट हिसार में मुख्य प्रत्याशियों को नसीब नहीं होगा खुद का वोट।

सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा की सबसे हॉट लोकसभा सीटों में हिसार शामिल है। यहां चौटाला परिवार की दो बहुएं अपने ही चाचा ससुर को टक्कर दे रही हैं तो कभी पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल की ग्रीन ब्रिगेड के कमांडर रहे जयप्रकाश जेपी ने मुकाबले में नया रंग भर दिया है। अजीब संयोग यह कि चुनावी रण में इन्हें अपना ही वोट नसीब नहीं होगा।

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राष्ट्रीय दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस हों या फिर क्षेत्रीय दल जननायक जनता पार्टी (जजपा) और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो), चारों दलों ने हिसार लोकसभा क्षेत्र से बाहर के मतदाताओं को टिकट दिया है। ऐसे में यह प्रत्याशी मतदाताओं से तो वोट मांगेंगे, लेकिन अपना वोट नहीं डाल सकेंगे। कांग्रेस के टिकट पर चुनावी रण में उतरे जेपी कलायत विधानसभा क्षेत्र के मतदाता हैं, जो कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में आता है। इसी तरह भाजपा प्रत्याशी रणजीत सिंह चौटाला, जजपा की नैना चौटाला और इनेलो की सुनैना चौटाला सिरसा लोकसभा क्षेत्र की मतदाता हैं।

चौटाला परिवार के तीन सदस्य आमने-सामने

दिलचस्प बात यह कि हिसार में इस बार चौटाला परिवार के तीन सदस्य आमने-सामने हैं, जबकि यहां से इस परिवार का रिकॉर्ड ज्यादा अच्छा नहीं रहा है। चौटाला परिवार ने 1984 से लेकर 2019 तक यहां से पांच बार चुनाव लड़ा है, जिसमें सिर्फ एक बार जीत नसीब हुई। सबसे पहले 1984 में पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला लोक दल के टिकट पर चौधरी बीरेंद्र सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।

इसके बाद 1998 में रणजीत सिंह चौटाला ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन सुरेंद्र सिंह बरवाला से हार गए। 2011 में उपचुनाव हुआ तो इनेलो ने अजय सिंह चौटाला को टिकट दिया, लेकिन वे हरियाणा जनहित कांग्रेस के प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई से हार गए।

2014 में पहली बार खुला चौटाला परिवार का खाता

2014 में चौटाला परिवार को इस सीट पर पहली बार जीत हासिल हुई, जब इनेलो के टिकट पर दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा जनहित कांग्रेस के प्रत्याशी कुलदीप बिश्नोई को हराकर अपने पिता और दादा की हार का बदला लिया। हालांकि 2019 में दुष्यंत चौटाला भी भाजपा प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह (अब कांग्रेस में) से हार गए। इस बार चौटाला परिवार के बीच ही लड़ाई देखने को मिल रही है। चाचा ससुर रणजीत चौटाला को नैना चौटाला और सुनैना चौटाला तगड़ी चुनौती देती दिख रही हैं।

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कई बार उठता रहा बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा

कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश जेपी की बात करें तो उन्होंने हिसार से चार चुनाव जीते हैं और तीन बार हारे हैं। आठवीं बार चुनाव मैदान में उतरे जेपी 1989 में लोकदल से पहली बार सांसद बने थे। फिर 1996 में चौधरी बंसी लाल की हरियाणा विकास पार्टी और 2004 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर सांसद बने। इस दौरान उन्हें 1991, 1998, 2009 और 2011 में हार का सामना करना पड़ा। जयप्रकाश हर बार लोकसभा चुनाव लड़ते हैं, लेकिन रहते हैं कैथल के कलायत में। ऐसे में कई बार उनके बाहरी प्रत्याशी होने का मुद्दा उठता रहा है।

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