Social media पर बहस: लाइफलाइन है Lock down, भीलवाड़ा मॉडल अपनाए हरियाणा
हरियाणा में लॉकडाउन को लेकर बहस छिड़ गई है। अधिकतर लोग राज्य में लॉकडाउन बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। उनका कहना है कि हरियाणा में भी भीलवाड़ा मॉडल अपनाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, [बिजेंद्र बंसल]। Coronavirus के खिलाफ जंग के दौरान अब लॉकडाउन को लेकर चर्चाएं तेज हो गई है। 21 दिन का लाॅकडाउन 14 अप्रैल को खत्म होने वाला है। पंजाब में लाॅक डाउन या कर्फ्यू की अवधि बढ़ाए जाने के बाद हरियाणा में इसको कयासबाजी और चर्चाएं गर्म हो रही हैं। इस पर सोशल मीडिया पर भी लोग बहस कर रहे हैं। काफी संख्या में लोगों का कहना है कि हरियाणा में भी राजस्थान के भीलवाड़ा मॉडल को अपनाया जाए और हर घर में स्क्रीनिंग के बाद ही लॉकडाउन हटाया जाए। उनका कहना है कि मौजूदा हालत में लॉकडाउन लोगों के लिए लाइफलाइन है।
अधिकतर लोगों का मत- हर घर में स्क्रीनिंग किए जाने के बाद खुले ही Lockdown
लॉकडाउन खत्म होने की अवधि नजदीक आने के साथ ही अब सोशल मीडिया पर यह बहस छिड़ तेज हो गई है कि लॉकडाउन की अवधि बढ़नी चाहिए या नहीं। कोरोना वायरस संक्रमित मामले लगातार बढ़ने के कारण ज्यादातर लोग सोशल मीडिया पर राजस्थान के भीलवाड़ा मॉडल की तर्ज पर एक-एक घर में रह रहे लोगों की स्क्रीनिंग के बाद ही लॉकडाउन खोलने की वकालत कर रहे हैं।
इन लोगों का मानना है कि लाॅकडाउन की अवधि 30 अप्रैल तक बढ़ाई जानी चाहिए। उद्योग और व्यापार जगत के लोग भी इस बहस में में शामिल हैं। वे भी मौजूदा परिस्थितियों लॉकडाउन बढ़ाने के हक में दिख रहे हैं। हालांकि इन उद्यमियों और व्यापारियों का कहना है कि कोरोना के प्रकोप से राज्य ही नहीं देश और विश्व का आर्थिक ताना-बाना बिगड़ रहा है लेकिन लॉकडाउन ही इस समय लोगों की लाइफलाइन है।
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जब तक सभी लोगों की स्क्रीनिंग न हो तब तक नहीं खुले लॉकडाउन
सोशल मीडिया के प्रमुख प्लेटफार्म फेसबुक पर आइटी प्रोफेशनल कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मरीजों के आंकड़ों को लेकर भी चर्चा कर रहे हैं। इनका कहना है कि जब तक राजस्थान के भीलभाड़ा जिला की तरह पूरी तरह लॉकडाउन लागू कर एक-एक घर में रह रहे लोगों की स्क्रीनिंग नहीं होगी तब तक इस महामारी से पूरी तरह लड़ना आसान नहीं होगा। बता दें, देश भर में भीड़भाड़ा मॉडल इसलिए कामयाब माना जा रहा है कि वहां अब एक घर ऐसा नहीं है जहां कोरोना संक्रमित होने का भय हो।
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जरूरतमंद की मदद से अलग लॉकडाउन में किसी भी ढील को गलत ठहरा रहे हैं लोग
लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने को लेकर हो रही चर्चा में शामिल लोगों का कहना है कि अब जरूरमंदों की मदद से अलग किसी भी ढील की अनुमति नहीं होनी चाहिए। जरूरी सामान खरीदने के लिए दी जा रही समयावधि भी सिर्फ तीन घंटे की होनी चाहिए और यह भी वैकल्पिक दिनों पर। इन लोगों का यह भी कहना है कि अगले 14 दिन लाॅकडाउन में कुछ ज्यादा सख्ती होनी चाहिए। यह लाॅकडाउन एक तरह से कर्फ्यू की तर्ज पर होना चाहिए।
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