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    हरियाणा की एक राज्यसभा सीट पर भाजपा में लॉबिंग शुरू, वंचित और वैश्य वर्ग के नेताओं पर निगाह

    Updated: Tue, 26 Nov 2024 07:47 PM (IST)

    Haryana News हरियाणा से खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए भाजपा में लॉबिंग शुरू हो गई है। वंचित समाज और वैश्य समाज के नेता इस सीट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इस सीट पर चुनाव प्रक्रिया तीन दिसंबर से शुरू होगी। कैबिनेट मंत्री बनने के बाद राज्यसभा सदस्य कृष्ण लाल पंवार के इस्तीफा देने से यह सीट खाली हुई है

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    हरियाणा में बीजेपी वैश्य अथवा वंचित वर्ग से संबंधित नेता को राज्यसभा भेज सकती है (जागरण फोटो)

    अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा से खाली हुई राज्यसभा की एक सीट के भाजपा में लाबिंग शुरू हो गई है। इसराना से विधायक चुने जाने और कैबिनेट मंत्री बनने के बाद राज्यसभा सदस्य कृष्ण लाल पंवार के इस्तीफा देने से यह सीट खाली हुई है। कृष्ण लाल पंवार वंचित समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।

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    भाजपा के गलियारों में चर्चा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान वंचित समाज के लोगों ने जिस तरह पार्टी पर भरोसा किया और भाजपा की सरकार बनवाने में अहम भूमिका निभाई उसे देखते हुए भाजपा राज्यसभा में किसी वंचित समाज के नेता को ही भेजने पर विचार कर रही है।

    वैश्य समाज की दावेदारी भी राज्यसभा की सीट पर बनी हुई है

    विधानसभा चुनाव में टिकटों के कम आवंटन तथा सरकार में कम प्रतिनिधित्व के चलते वैश्य समाज की दावेदारी भी राज्यसभा की सीट पर बनी हुई है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को हरियाणा से राज्यसभा की एक सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। इस सीट पर चुनाव प्रक्रिया तीन दिसंबर से शुरू होगी।

    कृष्ण लाल पंवार ने पानीपत के इसराना से विधायक बनने के बाद 14 अक्टूबर को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। इसके बाद 17 अक्टूबर को वह हरियाणा की नायब सैनी सरकार में विकास एवं पंचायत तथा खनन एवं भूविज्ञान मंत्री बन गए। कृष्ण लाल पंवार का बतौर राज्यसभा सदस्य कार्यकाल एक अगस्त 2028 तक था, जिसके चलते अब एक सीट के लिए उपचुनाव करवाए जाएंगे।

    सिरसा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल 

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मंत्रिमंडल में वंचित समाज से कृष्ण लाल पंवार और कृष्ण कुमार बेदी दो मंत्री हैं। भाजपा यदि किसी दलित नेता को राज्यसभा में भेजना चाहेगी तो इसके लिए सिरसा की पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल और भाजपा एससी मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सत्यव्रत जरावता का नाम मजबूती से लिया जा रहा है।

    जरावता गुरुग्राम जिले की पटौदी विधानसभा सीट से विधायक भी रहे हैं। इस बार उनका टिकट कट गया था। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया का नाम भी दावेदारों में शामिल बताया जा रहा है।

    रामबिलास शर्मा के नाम पर किया जा सकता है विचार

    हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बडौली स्वयं राज्यसभा जाने के प्रयासों में हैं। भाजपा यदि किसी ब्राह्मण को राज्यसभा भेजेगी तो पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के नाम पर विचार किया जा सकता है। भाजपा ने इस बार महेंद्रगढ़ से उनका टिकट काट दिया था।

    कांग्रेस से आकर भाजपा में पैठ बना चुके पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई राज्यसभा पहुंचने के लिए भाजपा के दिल्ली दरबार के नेताओं के संपर्क में हैं। उनके बेटे भव्य बिश्नोई इस बाद आदमपुर से चुनाव हार गये हैं। वैश्य समाज को इस बार विधानसभा में कम प्रतिनिधित्व मिला है।

    तीन वैश्य नेताओं के काटे टिकट

    भाजपा ने इस बार के चुनाव में वैश्य समाज के तीन नेताओं के टिकट काट दिये हैं। पिछले चुनाव में वैश्य समाज के आठ नेताओं को टिकट दिये गये थे।

    मगर इस बार गुरुग्राम से सुधीर सिंगला, सोनीपत से कविता जैन और पलवल से दीपक मंगला के टिकट काटकर पांच को ही टिकट दिए गए हैं। जिन पांच वैश्य नेताओं को टिकट मिले हैं, उनमें तीन डॉ. कमल गुप्ता, असीम गोयल और ज्ञानचंद गुप्ता चुनाव हार गये हैं।

    वैश्य समाज के फरीदाबाद से विधायक विपुल गोयल को मुख्यमंत्री नायब सैनी की कैबिनेट में अहम मंत्रालय मिले हैं। असीम गोयल मुख्यमंत्री कार्यालय में एडजेस्ट होने के प्रयासों में हैं। ऐसे में वैश्य समाज से कविता जैन, दीपक मंगला और असीम गोयल के नाम राज्यसभा सदस्य के लिए चल रहे हैं।

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