हरियाणा में दुष्कर्म पर कानून हुआ कड़ा, बच्चियों से रेप पर फांसी
हरियाणा में दुष्कर्म पर कानून बेहद कड़ा हो गया है। विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन इस बारे में कानून में संशोधन के लिए बिल पारित किया गया।
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ दुष्कर्म को संज्ञेय अपराध घोषित किया है। इससे यह अपराध गैर जमानती होगा आैर इसके दोषियों का फांसी या उम्रकैद की सजा होगी। हरियाणा विधानसभा ने इस संबंध में बृहस्पतिवार को कानून बना दिया। इसके साथी सरकार ने बताया कि राज्य में जल्द ही 34000 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियो की भर्ती होगी।
हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के अंंतिम दिन इस संबंध में कानून बनाया गया। विधानसभा में इस संबंध में पेश 'दंडविधि संशोधन विधेयक 2018' को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसमें नाबालिग लड़की यानि 18 साल से कम उम्र की लड़की से दुष्कर्म मामले में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। 12 साल से कम आयु की लड़की के साथ दुष्कर्म करने वालों को 14 साल की कैद से लेकर फांसी की सजा दी जा सकेगी।
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मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने कहा कि बेटी बचाओ अभियान की तहत यह महत्वपूर्ण कदम है अौर बेटियों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए यह कानून बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस कानून के बनने से अपराधियों में भय पैदा होगा और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराध में कमी आएगी। कानून बनाए जाने का विधानसभा में सभी दलों के विधायकाें ने स्वागत किया। विधायकों ने कहा कि केवल कानून बनाने से नहीं होगा, अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई भी करनी होगी।
विधेयक को विधानसभा में एक विधायक को छोड़कर सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। अब इस विधेयक को कानून का दर्जा देने के लिए राष्ट्रपति के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। विधानसभा में ऐसा विधेयक पारित करने वाला हरियाणा देश में मध्यप्रदेश व राजस्थान के बाद तीसरा राज्य बन गया है।
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सदन में यह विधेयक शिक्षामंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा ने सदन में रखा। कांग्रेस के करण सिंह दलाल, गीता भुक्कल, डा.रघुबीर सिंह, इनेलो के जसविंद्र संधू, जाकिर हुसैन सहित भाजपा की कविता जैन ने चर्चा में हिस्सा लिया। कांग्रेस के करण सिंह दलाल नेआशंका जताई कि यदि दुष्कर्मी को यह पता होगा कि इस जघन्य कृत्य का अंजाम फांसी है तो वह बच्ची को मारकर सबूत नष्ट करने का काम भी कर सकता है। ऐसे में इस विधेयक में यह जोड़ा जाए कि इस तरह के मामलों की जांच कम से कम आइपीएस स्तर के अधिकारी करें।
सीएम मनोहर लाल ने दलाल के सवाल पर कहा कि इस विधेयक को फिलहाल इसी स्वरूप में मंजूरी दें। बाकी संशोधन बाद में करवा देंगे। दलाल नहीं माने और उन्होंने अकेले ही सदन में इस विधेयक पर अपनी आपत्ति दर्ज की। इसके बाद सदन ने यह विधेयक मंजूर कर दिया। जनवरी माह में हरियाणा भाजपा के मीडिया प्रभारी राजीव जैन ने सीएम को पत्र लिखकर इस तरह का कानून बनाने की मांग की थी। 27 फरवरी को राज्य मंत्रिपरिषद ने इस विधेयक के मसौदे पर अपनी मुहर लगा दी।