हरियाणा में जमीन रजिस्ट्री में खत्म होगा फर्जीवाड़ा, कागजों में अपने आप बदलेगा मालिक का नाम
हरियाणा में जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह से पेपरलेस किया जा रहा है। पहली नवंबर से सभी रजिस्ट्रियां डिजिटल हस्ताक्षर से होंगी, जिससे फर्जीवाड़ा रुकेगा। 25 नवंबर से ऑटो-म्यूटेशन सिस्टम लागू होगा, जिससे स्वामित्व हस्तांतरण खुद ही रिकॉर्ड हो जाएगा। राजस्व विभाग ने डिजिटल सुधारों की समीक्षा की है और क्यूआर-कोड आधारित फीडबैक सिस्टम शुरू करने की योजना है। ऑफलाइन आवेदन अब स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

हरियाणा में भूमि रजिस्ट्री हुई पेपरलेस, फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में अब जमीन की रजिस्टरी में कोई फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। पहली नवंबर से भूमि पंजीकरण पूरी तरह पेपरलेस होगा। किसी भी तहसील में भौतिक दस्तावेज की आवश्यकता नहीं रहेगी। सभी रजिस्ट्री केवल डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से होंगी, जिससे जालसाजी या दस्तावेज खोने के जोखिम समाप्त हो जाएंगे। 25 नवंबर को आटो-म्यूटेशन सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे स्वामित्व हस्तांतरण स्वतः रिकॉर्ड हो जाएगा। इससे अनावश्यक देरी तथा विवाद समाप्त होंगे।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्तायुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने मंगलवार को उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से डिजिटल सुधारों की प्रगति की समीक्षा की। जल्द ही सभी तहसील कार्यालयों में क्यूआर-कोड आधारित फीडबैक सिस्टम शुरू किया जाएगा। इस पर आमजन अपनी सेवा अनुभव को रेटिंग देने के साथ ही किसी भी समस्या की रियल-टाइम रिपोर्टिंग कर सकेंगे।
आमजन की सुविधा के लिए तीन नवंबर से पहले खरीदे गए स्टांप 15 नवंबर तक मान्य रहेंगे। आवश्यकता हो तो गवाहों को भी डिजिटल रूप से बदला जा सकेगा। डॉ. मिश्रा ने सभी तहसीलदारों, नायब तहसीलदारों व पंजीयन कर्मियों को निर्देश दिए कि वे राजस्व विभाग पोर्टल पर अपने यूजर अकाउंट का कार्य तुरंत पूरा करें। सभी लंबित म्यूटेशन (नामांतरण) मामलों का निपटान इस सप्ताह के अंत तक कर दिया जाएगा। विभाग वर्तमान में लागू 10 दिवसीय सत्यापन नियम की समीक्षा भी कर रहा है।
मैनुअल फीस की जगह अब सभी भुगतान केवल सरकारी ई-गवर्नेंस पेमेंट गेटवे के माध्यम से होंगे। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। डीड राइटर्स को मैनुअल ड्राफ्टिंग बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। केवल पोर्टल द्वारा तैयार की गई आनलाइन डीड ही कानूनी मान्यता प्राप्त होगी।
इन डीड्स को भूमि अभिलेखों से स्वतः सत्यापित किया जाएगा और संबंधित अधिकारियों द्वारा डिजिटल हस्ताक्षरित किया जाएगा। सभी 7-ए भूमि रिकार्ड नंबर और कोर्ट स्टे आर्डर्स को इस शुक्रवार तक केंद्रीय प्रणाली में अपडेट व सत्यापित करने को कहा गया है।
वित्तायुक्त ने हरियाणा लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए सभी उपायुक्तों को दस्तावेज अपडेट करने के कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने के निर्देश दिए। यह प्रोजेक्ट हर प्लाट के लिए जीपीएस आधारित डिजिटल मानचित्र तैयार करेगा, जिससे सीमा विवाद समाप्त होंगे। इसके अलावा नागरिकों को सटीक तथा विधिक रूप से प्रमाणित संपत्ति रिकॉर्ड मिल सकेगा।
ऑफलाइन आवेदन नहीं चलेंगे
सभी निशानदेही आवेदन केवल आनलाइन पोर्टल से ही स्वीकार किए जाएंगे। आफलाइन आवेदन पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार रुपये और प्रति अतिरिक्त एकड़ 500 रुपये और शहरी क्षेत्रों में दो हजार रुपये निर्धारित किए गए है। निशानदेही की प्रक्रिया जीपीएस-इनेबल्ड रोवर तकनीक के माध्यम से की जाएगी और अनुमोदन सर्कल रेवेन्यू आफिसर्स व कानूनगो द्वारा किया जाएगा।

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