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Revenue record में दर्ज नहीं हो रही जमीनें, शिवालिक व अरावली क्षेत्र में बढ़ रहा Illegal construction

हरियाणा में जमीन संबंधी अधिसूचनाओं को राजस्व रिकार्ड (Revenue record) में प्रति किला और खसरे नंबर के हिसाब से दर्ज नहीं किया जा रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 07:15 AM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 07:57 AM (IST)
Revenue record में दर्ज नहीं हो रही जमीनें, शिवालिक व अरावली क्षेत्र में बढ़ रहा Illegal construction
Revenue record में दर्ज नहीं हो रही जमीनें, शिवालिक व अरावली क्षेत्र में बढ़ रहा Illegal construction

जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में जमीन संबंधी अधिसूचनाओं को राजस्व रिकार्ड (Revenue record) में प्रति किला और खसरे नंबर के हिसाब से दर्ज नहीं किया जा रहा है। ऐसा नहीं होने से शिवालिक और अरावली क्षेत्र में अवैध निर्माण (Illegal construction) बढ़ रहे हैैं। राजस्व रिकार्ड में जमीनों की दुरुस्त एंट्री के जरिये न केवल भूमि विवादों में कमी आएगी, बल्कि न्यायालयों में आने वाले मामलों की संख्या में भी गिरावट हो सकेगी।

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शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष विजय बंसल ने अपने वकील रवि शर्मा के माध्यम से मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा को लीगल नोटिस भेजा है। इस नोटिस में बंसल ने कहा कि यदि सरकार ने 15 दिनों के भीतर राजस्व रिकार्ड में जमीनों की एंट्री किल्ला व खसरा नंबर के हिसाब से नहीं की तो वह हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

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राजस्व रिकार्ड में जमीनों से संबंधित अधिसूचनाओं की इंट्री न होने के कारण सूबे में अवैध निर्माण, अवैध अतिक्रमण और अवैध माइनिंग बढ़ रही है। अवैध निर्माण हटाने को लेकर 2018 में हिमाचल के सोलन में एक महिला सहायक टाउन प्लानर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अवैध अतिक्रमण व गैर वन कार्यों के अनियंत्रण से शिवालिक व अरावली पहाड़ी क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है।

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विजय बंसल के अनुसार वन विभाग व टाउन-कंट्री प्लानिंग विभाग की अधिसूचनाओं की राजस्व रिकार्ड में इंट्री नहीं होने में बड़ा खेल चल रहा है। पहाड़ी इलाको में अनियंत्रित-अवैध निर्माण को सुप्रीम कोर्ट व राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल गंभीरता से ले रहा है। मोरनी हरियाणा का एकमात्र पहाड़ी क्षेत्र है। अब बिल्डरों व अफसरों ने जमीनों की खरीद फरोख्त के लिए मोरनी का रुख कर लिया है।

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